लाइफस्टाइल : कंपनी कर्मचारियों के मोबाइल नेटवर्क पर जैमर का पहरा
प्रियंका दुबे मेहता, गुरुग्राम स्मार्ट फोन के एप व सोशल साइट लोगों को इस कदर अपने प्रभाव में ले र
प्रियंका दुबे मेहता, गुरुग्राम
स्मार्ट फोन के एप व सोशल साइट लोगों को इस कदर अपने प्रभाव में ले रही हैं कि अब कंपनियों को भी यह लगने लगा है कि कर्मचारियों की दक्षता प्रभावित हो रही है। कंपनियों में जहां आठ-आठ घंटे लगातार काम करना होता है, वहां कर्मचारी काम के साथ ही लगातार फोन पर भी रहते हैं। ऐसे में काम प्रभावित होता है। इसलिए कंपनियां कर्मचारियों के फोन उपयोग को लेकर सख्त हो गई हैं। कंपनियों ने फ्लोर पर फोन बैन करने के साथ ही सेल फोन सिग्नल जैमर भी लगवाना शुरू कर दिया है।
क्यों पड़ रही है जरूरत
उद्योग विहार स्थित एक कंपनी की एचआर मैनेजर अनन्या के मुताबिक पिछले कुछ समय से देखने में आ रहा है कि कर्मचारियों के काम के आउटपुट में तीस से चालीस प्रतिशत तक गिरावट आई है। प्रबंधन ने इस बात की जांच की तो पता चला कि कर्मचारियों का ध्यान लगातार मोबाइल नोटीफिकेशन पर रहता है। ऐसे में कर्मचारी अपना काम सही से नहीं कर पाते। सुशांत लोक स्थित एक आइटी कंपनी के कर्मचारी ऋषभ के मुताबिक उन्हें यह नहीं पता कि कंपनी में जैमर लगा है या नहीं लेकिन आफिस में उनके फोन का डेटा काम नहीं करता।
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कैसे काम करता है जैमर
सेलफोन सिग्नल जैमर एक छोटे से डिवाइस के रूप में आता है। टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट शारिक के मुताबिक यह डिवाइस एक जगह पर लगा देने से 50 मीटर के रेडियस में इसका प्रभाव रहता है। यह फोन में हर प्रकार के रेडियो को ब्लॉक कर देता है। ब्लू टूथ, वाइफाइ, थ्री जी, फोर जी, सीडीएमए व जीएसम को ब्लॉक कर देने वाले इस जैमर से मोबाइल पर नेटवर्क काम नहीं करता। यह जैमर विशेष प्रकार की रेडियो फ्रीक्वेंसी को ब्लॉक करते हैं। ऐसे में लोग फोन पर कोई भी डेटा यूज नहीं कर पाते। यह जैमर 800 रुपये से लेकर 13 हजार व उससे भी अधिक कीमत में उपलब्ध हैं।
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नहीं है कानूनी रूप से वैध
हालांकि, यह जैमर लगाया जाना कानूनी रूप से वैध नहीं है लेकिन फिर भी कई जगहों पर ऐसा हो रहा है। कंपनियां इस तरह के जैमर लगा रही हैं ताकि उनके कर्मचारी अपने काम को सही तरीके से पूरा कर सकें। हालांकि, इसके खिलाफ अभी कोई सख्त नियम नहीं हैं। ऐसे में कंपनियां अपने कर्मचारियों को भटकाव से बचाने के लिए इसका उपयोग कर रही हैं।
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मोबाइल जैमर अब तक तो केवल हाईप्रोफाइल इवेंट्स आदि में उपयोग में लाए जाते थे लेकिन अब कई कंपनियां भी इसे उपयोग में ला रही हैं। हालांकि केवल सुरक्षा एजेंसियां व सेना को ही इसके उपयोग की अनुमति है लेकिन फिलहाल कई कंपनियां इसे लगाकर कर्मचारियों को आफिस के दौरान सोशल साइट व एप से दूर रख रही हैं।
- शारिक, टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट, गुरुग्राम
यह जैमर नेटवर्क जाम कर देते हैं। रेंज भी अच्छी होती हैं। स्कूल व इंस्टीट्यूशंस तक में भी लगाया जाता है। यह आसानी से शॉ¨पग साइट पर उपलब्ध हैं। इस तरह के जैमर कम रेंज से लेकर बहुत हाई रेंज तक भी आते हैं।
- गौरव कुमार गुप्ता, टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट।
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