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    ओम नहीं तो आमीन कह लें

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    Updated: Mon, 20 Jun 2016 01:07 AM (IST)

    हरेंद्र नागर, फरीदाबाद अरब देश दुबई के व‌र्ल्ड ट्रेड सेंटर में 10 हजार मुस्लिम महिलाओं और करीब 30

    हरेंद्र नागर, फरीदाबाद

    अरब देश दुबई के व‌र्ल्ड ट्रेड सेंटर में 10 हजार मुस्लिम महिलाओं और करीब 30 हजार विभिन्न संप्रदाय के लोगों को योग कराने के बाद फरीदाबाद में चल रहे योग महोत्सव में वापस पहुंचे बाबा रामदेव ने धर्मनिरपेक्ष योगमंत्र दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग योग करते हुए ओम नहीं बोलना चाहते वह आमीन बोल लें। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर देश के प्रत्येक नागरिक को योग का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि अन्य धर्मों का पालन करने वाले लोगों को आजादी है कि वह योग करते हुए अपने धार्मिक प्रतीकों का उच्चारण करें।

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    बाबा रामदेव ने साथ ही कहा कि योग को धर्म से जोड़कर देखना सही नहीं है। यह वैदिक व्यायाम प्रणाली है। इससे न केवल शरीर बल्कि मन और आत्मा भी स्वस्थ हो जाते हैं। इसलिए सभी को योग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों में योग का समावेश है, मुसलमान भाई नमाज पढ़ते हैं तो उसमें भी योगक्रियाएं शामिल होती हैं। उन्होंने सूर्य नमस्कार को भी एक व्यायाम बताया और कहा कि धर्म का इससे कोई संबंध नहीं है।

    बता दें कि पिछले साल कुछ लोगों की आपत्ति के कारण आयुष मंत्रालय ने ओम के उच्चारण और सूर्य नमस्कार को इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रोटोकॉल से हटा दिया है। बाबा ने दुबई में अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि वहां लोगों में योग के प्रति बेहद उत्साह है। वहां के लोगों ने जब शुरू में योग के लिए बुलावा भेजा तो बाबा ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम के चलते इन्कार कर दिया। मगर उन्होंने योग करने के इच्छुक 25 हजार लोगों के पंजीकरण कराकर बाबा को फिर से आग्रह किया। इस बार बाबा उनके आग्रह को इन्कार नहीं कर सके। बाबा ने बताया कि वहां लोगों ने वादा किया है कि अगली बार 50 हजार लोग उनके योग शिविर में शामिल होंगे।

    आमीन का क्या है अर्थ

    आमीन हिब्रू भाषा का शब्द है। इस शब्द का इस्तेमाल यहूदी, ईसाई और इस्लाम सभी की धार्मिक किताबों में किया गया हैं। यहूदी धर्म में इसका अर्थ है ईश्वर राजा जो भरोसेमंद है। यहूदी प्रार्थना में जो कुछ भी कहा गया उसकी पुष्टि करने के लिए अंत में आहमेन कहा जाता है। ईसाई धर्म में माना जाता है कि ईसा मसीह ने अपनी कही बातों की पुष्टि के लिए इस शब्द प्रयोग किया, इसलिए ईसाई धर्मावलंबी इसका प्रयोग करने लगे। इस्लाम में कुरान की सूरा पढ़ने कोई बात कहने के बाद आमीन कहने का चलन है और इसका अर्थ होता है- अल्लाह ऐसा ही करें।