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    1857 के योद्धाओं में से एक थे राजा नाहर सिंह

    जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : बल्लभगढ़ राजा नाहर सिंह की ऐतिहासिक नगरी है। वे 1857 की क्रांति के अग

    By Edited By: Updated: Fri, 09 Jan 2015 05:32 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ :

    बल्लभगढ़ राजा नाहर सिंह की ऐतिहासिक नगरी है। वे 1857 की क्रांति के अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं में से एक थे। उन्हें और उनके सेनापति को अंग्रेजों ने 9 जनवरी 1858 को दिल्ली में लाल चौक पर विद्रोह करने के आरोप में फांसी पर लटका दिया था। उनके बलिदान दिवस पर कई स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

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    दिल्ली से मात्र 32 किलोमीटर दूर रियासत बल्लभगढ़ की स्थापना की कहानी बड़ी रोचक है। 1570 में गांव अलावलपुर जनौली में चरणदास के घर बल्लू नाम के प्रतापी पुत्र ने जन्म लिया। छोटी आयु में बल्लू अपने पिता के साथ गांव सीही आ गए। दिल्ली के मुगल शासकों के दबाव तथा अत्याचार का विरोध करने के लिए बल्लू ने पालों और खापों के हजारों मुसलमानों, मेवों, राजपूतों, गुर्जरों तथा जाटों को संगठित किया। बल्लू जो आगे चलकर बलराम कहलाए। उन्होंने सैनिक संगठन बनाया और अपने नाम पर 1606 में बल्लभगढ़ बसाया। बल्लभगढ़ की सुरक्षा के लिए गढ़ी (छोटा किला) का निर्माण कराया। इसी राजा बलराम की सातवीं पीढ़ी में राजा नाहर सिंह हुए। नाहर सिंह की रियासत बल्लभगढ़ में उस समय 210 गांव थे। प्रत्येक जाति का समर्थन उन्हे प्राप्त था। दिल्ली की नाक के नीचे स्वतंत्र रियासत अंग्रेजों को खटकती रहती थी। ब्रिटिश कंपनी ने रियासत में घुसने और झगड़े कराने की पूरी चेष्टा की, लेकिन राजा नाहर सिंह अपनी कूटनीति से सदैव सीधी टक्कर से दूर रहे।

    10 मई 1857 को जब मेरठ और अंबाला में सैनिकों ने अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह कर दिया तो राजा नाहर सिंह सक्रिय हो गए। मेरठ और अंबाला के सैनिक दिल्ली पर कब्जा करने के लिए आगे बढ़े। नाहर सिंह ने विदेशी सत्ता को गिराने और दिल्ली दरबार पर बहादुरशाह जफर को स्थापित करने के लिए सैनिकों का साथ दिया। दिल्ली शासन पर 11 मई 1857 से 14 सितंबर 1857 तक ¨हदुस्तानियों का अधिकार रहा। बहादुरशाह जफर के नेतृत्व में पूरे देश में अंग्रेजों के विरुद्ध आजादी की लड़ाई लड़ी गई।

    राजा नाहर सिंह दिल्ली तख्त के अग्रणी सलाहकार तथा रक्षक थे। 1857 में यहां के अंतिम राजा नाहर सिंह को दिल्ली में अंग्रेजों द्वारा फांसी दे दिए जाने के बाद इस शहर का वैभव खत्म होता चला गया। अब फरीदाबाद नगर निगम राजा बल्लू की नगरी का फिर से पुराना गौरव लौटाने की कवायद में जुट गया है। बल्लभगढ़ को इस तरह संवारा और सजाया जा रहा है कि यहां आने वालों को इसके पुराने गौरव का अहसास हो। इसके लिए राजस्थान से लाकर पत्थर के कलात्मक स्तंभ और छतरी बनाई गई है। राजा नाहर सिंह के बलिदान दिवस पर सेक्टर-3 स्थित नाहर सिंह पैलेस में उनके प्रपौत्र सुनील तेवतिया श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया है। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह, विधायक ललित नागर अन्य नेता भाग लेंगे। राजा नाहर सिंह पार्क स्थित शहीद स्मारक पर अखिल भारतीय युवा जाट महासभा के जिला अध्यक्ष अवतार सारंग, कांग्रेस नेता सतवीर डागर, फरीदाबाद जाट समाज के अध्यक्ष सेवानिवृत्त आइएएस जयपाल सिंह सांगवान पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देंगे और हवन का आयोजन किया जाएगा।