36 बिरादरी के समाज में 35 की अनदेखी क्यों
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद :
विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में बहुसंख्यक जाति के नेता को टिकट देने के खिलाफ अन्य जातियों के संगठनों ने आवाज बुलंद की है। तिगांव में तो ये संगठन एकजुट होकर तीन महापंचायत भी कर चुके हैं। इन संगठनों का कहना है कि उनकी मुहिम 36 बिरादरी के समाज में 35 बिरादरी की अनदेखी के खिलाफ है।
इसके चलते तिगांव में गैर-गुर्जर प्रत्याशी बनाने के लिए प्रमुख दलों पर दबाव बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र के राजपूत बहुल गांव महावतपुर में गैर-गुर्जर बिरादरियों की एक महापंचायत में निर्णय लिया गया कि यदि प्रमुख दल भाजपा व कांग्रेस ने गैर-गुर्जर प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा तो पंचायत उसका विरोध करेगी।
तिगांव में इनेलो और बसपा ने ब्राह्माण उम्मीदवार उतारे हैं जबकि कांग्रेस व भाजपा के उम्मीदवार अभी घोषित किए जाने हैं। इनेलो ने यहां से अरविंद भारद्वाज तो बसपा ने गिर्राज शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के पुत्र देवेंद्र चौधरी और कांग्रेस से ललित नागर का नाम अभी तक तय माना जा रहा है। कांग्रेस से कोई बड़ा गैर-गुर्जर नेता टिकट नहीं मांग रहा है मगर भाजपा से पंचायत समिति के पूर्व चेयरमैन संजय कौशिक, पार्टी के जिला प्रवक्ता उमेश भाटी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं।
महापंचायत के संयोजक डा.धर्मदेव आर्य बताते हैं कि महावतपुर में हुई पंचायत में भाजपा से टिकट के दावेदार भी पहुंचे तथा इससे पहले बसपा और इनेलो के प्रत्याशी भी पंचायत में आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत में वक्ताओं ने यह पक्ष रखा है कि प्रमुख दल क्षेत्र में उसी नेता को उम्मीदवार बनाएं जो लोगों के सुख-दुख में साथ रहा हो। परिवारवाद, वंशवाद और भाई-भतीजावाद या फिर बहुसंख्यक जाति के आधार पर टिकट देकर प्रमुख दल समाज में जहर घोलने का काम न करें। इस कड़ी में अगली महत्वपूर्ण एवं निर्णायक पंचायत गाव कौराली में रविवार (21 सितंबर) को सुबह दस बजे बुलाई है।
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