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    पीलिया का बढ़ता प्रकोप बन रहा सिरदर्द

    By Edited By:
    Updated: Mon, 05 May 2014 12:59 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद :

    बदलते मौसम के साथ पीलिया और डायरिया के मामलों ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है। खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थो के सेवन से बीमारियां पनप रही हैं। खासकर स्लम क्षेत्रों में गंदगी भरे माहौल में बिक रहा गन्ने का रस और गोलगप्पे डायरिया और पीलिया के संक्रमण का कारण बन रहे हैं। खुले में बिक रहे पदार्थो में धूल के कण मिल जाते हैं। इससे एलर्जी होती है, जो पेट की तकलीफ को बढ़ाती है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने कुछ दिनों पूर्व सड़े-गले फल विक्रेताओं के खिलाफ अभियान शुरू किया था, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। जबकि अस्पताल में मरीजों के आने का सिलसिला जारी है। बादशाह खान अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीरेंद्र यादव के मुताबिक पिछले तीन दिनों में पीलिया के 45 संदिग्ध मामले सामने आए हैं। इनमें से आठ मामलों की पुष्टि की गई है। ऐसे ही अस्पताल में प्रतिदिन डायरिया के पंद्रह-बीस मरीज आ रहे हैं।

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    पीलिया के लक्षण

    पेट दर्द, उल्टी महसूस होना, हल्का बुखार का होना, पेशाब पीला आना तथा भूख न लगना पीलिया के प्रमुख लक्षण हैं।

    इन बातों पर दें ध्यान

    - तली हुई चीजें जैसे चिकनाई वाली चीजों से परहेज करें। तैलीय पदार्थो का लीवर पर प्रभाव पड़ता है, जो पीलिया के मरीज की परेशानी बढ़ा सकता है।

    - मौसमी फलों का सेवन करें। खासकर मौसमी के जूस का सेवन फायदेमंद है।

    - घर में बनी दाल, सब्जियों ही खाएं।

    - शुद्ध पानी पीएं।

    - बाहर बनी हुई चीजें न खाएं।

    - डॉ. कृष्ण कुमार, पीएमओ, बादशाह खान अस्पताल।

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    लोगों को जागरूक होने की जरूरत

    जलजनित बीमारियों से बचाव के मामले में लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। वैसे सभी अस्पतालों तथा स्वास्थ्य केंद्रों में जलजनित बीमारियों से बचाव की दवाएं भिजवा दी गई हैं। खुले में खाद्य पदार्थो की बिक्री सेहत के लिए नुकसानदायक है, इस पर भी ध्यान दिया जाएगा। विभाग एक-दो दिन में जागरूकता अभियान तेज करेगा।

    - डॉ.पीसी आर्य, जिला स्वास्थ्य अधिकारी।