बच्चे हो रहे कंजेक्टिवाइटिस एलर्जी के शिकार
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद:
गर्मी चढ़ने के साथ ही आंखों की परेशानियां भी बढ़ गई हैं। बच्चे कंजेक्टिवाइटिस एलर्जी के शिकार हो रहे हैं तो आईफ्लू ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। आंखों की बढ़ती बीमारियां लोगों के लिए सिरदर्द बन गई हैं। प्रदूषित वातावरण भी आंखों की सुरक्षा के लिए खतरा बन गया है। भीषण गर्मी में वातावरण में मौजूद वायरस आंखों में संक्रमण पैदा कर रहा है। बादशाह खान अस्पताल की नेत्र विभाग की ओपीडी में आजकल रोजाना पौने दो सौ से अधिक नेत्र रोगी इलाज के लिए आ रहे हैं। निजी अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में आईफ्लू तथा कंजेक्टिवाइटिस एलर्जी के मरीज आ रहे हैं। फोर्टिस एस्कार्ट्स अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ.अरविंद कुमार कहते हैं कि लोग अगर साफ-सफाई रखें, धूल व मिट्टी के कणों से बचे रहें तो आंखों को सुरक्षित रखा जा सकता है।
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आईफ्लू: वातावरण में कई तरह के वायरस मौजूद हैं और आईफ्लू वायरस संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है। आईफ्लू होने पर आंखें लाल हो जाती हैं और पलकों में सूजन आ जाती है। आंखों में पानी आता है। आमतौर पर आईफ्लू सात से दस दिन में ठीक हो जाता है।
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कंजेक्टिवाइटिस एलर्जी
कंजेक्टिवाइटिस एलर्जी के मामले गर्मी के दिनों में बढ़ जाते हैं। बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसलिए बच्चे ही आमतौर पर कंजेक्टिवाइटिस एलर्जी के शिकार होते हैं। इन दिनों कई तरह के फूलों के खिलने का भी सीजन होता है। फूलों के पराग कण वातावरण में फैलते हैं। ये कण जब आंखों में प्रवेश करते हैं तो तकलीफ होती है। आंखों में लाली आ जाती है और खुजली होती है।
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नेत्र रोगों से बचाव के उपाय
नेत्र रोगों से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान देना जरूरी है।
-बच्चे धूल, मिट्टी के संपर्क में आने से बचें। अगर पार्क या मैदान में खेलने जाते हैं तो लौटते ही आंखों पर पानी के छीटें मारने चाहिए।
-बिना डॉक्टर की सलाह कोई भी दवा आंखों में न डालें।
-कई बार गलत दवा के इस्तेमाल से दृष्टि पर असर पड़ता है।
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आईफ्लू से बचाव के उपाय
-बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति से हाथ न मिलाएं।
-मरीज की आंखों में न झांकें।
-कुछ भी खाने से पहले साबुन से हाथ धुलाएं।
-बीमारी से पीडि़त व्यक्ति आंखों में चश्मा लगाए रखें।
-हाथों से आंखों को न मलें।
-मरीज का रुमाल इस्तेमाल में न लें।
-आंखों में दिन में कई बार ठंडे पानी से छींटे लगाएं।
-प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने को पौष्टिक आहार लें।
-डॉ. एके बक्शी, नेत्र रोग विशेषज्ञ तथा पूर्व अध्यक्ष इंडियन मेडिकल एसोसिएशन।
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