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    आत्मविश्वास के बूते देश को मुस्कुराने की वजह दे रहा विश्वास

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 07 Nov 2017 03:02 AM (IST)

    सचिन कुमार, चरखी दादरी देसी बोली, देसी खाणा वाले हरियाणा जैसे प्रदेश से मायानगरी तक पहुं

    आत्मविश्वास के बूते देश को मुस्कुराने की वजह दे रहा विश्वास

    सचिन कुमार, चरखी दादरी

    देसी बोली, देसी खाणा वाले हरियाणा जैसे प्रदेश से मायानगरी तक पहुचकर सिल्वर स्क्रीन पर धाक जमा रहा है हरियाणा का छोरा। खुद पर विश्वास के बलबूते चरखी दादरी का विश्वास चौहान पूरे देश को मुस्कुराने की वजह दे रहा है। स्टार प्लस पर प्रसारित हो रहे द ग्रेट इडियन लॉफ्टर चैलेंज शो में टॉप 8 में जगह बना चुका विश्वास चौहान अपनी प्रतिभा के दम पर सभी को गुदगुदाने में सफल हो रहा है।

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    दादरी की चंपापुरी कालोनी निवासी विश्वास चौहान रविवार को परिंदे ग्रुप द्वारा आयोजित समारोह में शिरकत करने दादरी पहुचा था। इस दौरान दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में विश्वास ने द ग्रेट इडियन लॉफ्टर चैलेंज तक के अपने सफर के अनुभव को साझा किया। विश्वास ने कहा कि वर्तमान में हमें यदि खुद की पहचान बनानी है तो हमें खुद को जानना जरूरी है। जिसके बाद लक्ष्य को तय कर उसको पाने की तरफ कदम बढ़ाने चाहिए। लॉफ्टर चैलेंज शो के जज फिल्मस्टार अक्षय कुमार के साथ साथ अन्य दर्शकों के बीच हरियाणवी कालू, ताऊ व लठ के रूप में चर्चित विश्वास का कहना है कि हरियाणवी संस्कृति बहुत अच्छी है, हमें अपनी बोली, अपनी संस्कृति से प्यार करना चाहिए। चौहान ने कहा कि आजकल बॉलीवुड फिल्मों में भी हरियाणवी संस्कृति को बखूबी से दिखाया जा रहा है, जिसकी वजह से हरियाणा की छवि देश में उभरती जा रही है। एक सवाल के जवाब में विश्वास ने कहा कि कॉमेडी किंग कपिल शर्मा, कृष्णा, सुदेश द्वारा कॉमेडी के स्तर को ऊंचा उठाया गया है। इससे इस क्षेत्र में संभावनाएं बढ़ी हैं। प्रतिस्पर्धा भी बढ़ी है, जिससे बहुत कुछ सीखने को भी मिलेगा।

    विश्वास चौहान ने हरियाणा के युवाओं से अपील करते हुए कहा कि हमें शार्टकट के रास्ते को नकारते हुए खुद को पहचान कर पूरी लग्न से मेहनत करनी चाहिए। मूलरूप से थियेटर कलाकार विश्वास चौहान ने जल्द जारी होने जा रही हरियाणा सरकार की फिल्म पॉलिसी के बारे में भी अपनी राय रखते हुए कहा कि फिल्म पॉलिसी बनाना एक अच्छा और सराहनीय कदम है। उम्मीद करते हैं कि यह नीति हरियाणवी कलाकारों के लिए एक संजीवनी की तरह कार्य करेगी। यदि कलाकारों को आर्थिक मदद मिलेगी तो अवश्य ही संस्कृति को बढ़ावा भी मिलेगा।