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    भूमि की सेहत बनाए रखने के लिए ग्वार को फसल चक्र में रखना जरूरी : डा. यादव

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 20 Jun 2022 01:03 AM (IST)

    दादरी जिले के गांव डाढ़ीबाना में सेवानिवृत्त कृषि अधिकारी डा. राजेन्द्र कौशिक के तत्वावधान में ग्वार विशेषज्ञ डा. बीडी यादव ने किसानों को फसल उत्पादन व संरक्षण के टिप्स दिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. जिले सिंह द्वारा की गई। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि किसी भी फसल की बिजाई से पहले अपने खेत की मिट्टी व पानी की जांच अवश्य करवाएं तथा खाद का उपयोग मिट्टी की जांच के आधार पर करें। मिट्टी जांच से यह पता चलता है किस जमीन में किस पोषक तत्व की कमी है। ग्वार विशेषज्ञ डा. बीडी यादव ने किसानों को बताया ग्वार बारानी क्षेत्रों की एक महत्वपूर्ण फसल है। यह सूखे को सहन करने में काफी क्षमता रखती है।

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    भूमि की सेहत बनाए रखने के लिए ग्वार को फसल चक्र में रखना जरूरी : डा. यादव

    जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : दादरी जिले के गांव डाढ़ीबाना में सेवानिवृत्त कृषि अधिकारी डा. राजेन्द्र कौशिक के तत्वावधान में ग्वार विशेषज्ञ डा. बीडी यादव ने किसानों को फसल उत्पादन व संरक्षण के टिप्स दिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. जिले सिंह द्वारा की गई। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि किसी भी फसल की बिजाई से पहले अपने खेत की मिट्टी व पानी की जांच अवश्य करवाएं तथा खाद का उपयोग मिट्टी की जांच के आधार पर करें। मिट्टी जांच से यह पता चलता है किस जमीन में किस पोषक तत्व की कमी है। ग्वार विशेषज्ञ डा. बीडी यादव ने किसानों को बताया ग्वार बारानी क्षेत्रों की एक महत्वपूर्ण फसल है। यह सूखे को सहन करने में काफी क्षमता रखती है। डा. यादव ने कहा अब कुछ वर्षों से बीटी नरमा के अच्छे भाव होने के कारण नरमा का क्षेत्र धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि काफी ऐसे किसान हैं जो फसल चक्र में बीटी नरमा के बाद नरमा ही ले रहे हैं। जिससे भूमि की उपजाऊ शक्ति घटती जा रही है तथा भूमि में पोषक तत्व की कमी होती जा रही है। इस कारण बीटी नरमा, गेहूं व सरसों की पैदावार में कमी देखने को मिल रही है। ग्वार विशेषज्ञ ने किसानों से आग्रह किया कि जमीन की सेहत हो सुधारने के लिए ग्वार को फसल चक्र में अवश्य रखें। ग्वार-नरमा के फसल चक्र को अपनाने पर इन फसलों की पैदावार अच्छी मिलती है तथा इससे जमीन की उर्वरा शक्ति भी बनी रहती है। ग्वार की उन्नतशील किस्में एचजी 365, एचजी 563 व एचजी 2-20 ही बिजाई करने की सलाह दी। ये किस्में 85-100 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। डा. जिले सिंह, बीटीएम दादरी ने जल शक्ति अभियान पर बोलते हुए किसानों से आग्रह किया कि आगे आने वाले समय को देखते हुए किसान पानी की बचत पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने बीटी नरमा में गुलाबी सुंडी के प्रकोप व उसके समाधान की पूरी जानकारी दी। शिविर में 81 मौजूद किसानों को बीज उपचार के लिए वेबिस्टिन दवाई हिन्दुस्तान गम एंड कैमिकल्स भिवानी की तरफ से निश्शुल्क दी गई। इस अवसर पर प्रश्नोतरी सभा का आयोजन किया गया। जिसमें पांच किसानों को प्रश्न पूछने पर सही जवाब देने पर इनाम भी वितरित किए गए। इस अवसर पर नबंरदार नफेसिंह, राजेश शर्मा, जोगिन्द्र, संदीप शर्मा, अनिल कुमार, फूलसिंह, सूरजमल, कपिल कुमार, जयप्रकाश इत्यादि किसान मौजूद रहे।

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