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अब बदलने लगा है दक्षिण हरियाणा, बेटियों के जन्म पर बजती है थाली, होता है कुआं पूजन, शादी में होती है घुड़चढ़ी

दक्षिण हरियाणा में विकास के साथ साथ लोगों की सोच भी उच्च होती जा रही है। परंपरा के नाम पर रूढ़िवादी सोच को पीछे छोड़ अब एक नया दौर शुरू करने में दक्षिण हरियाणा की बेटियां अहम भूमिका अदा कर रही है।

By Jagran NewsEdited By: Manoj KumarPublished: Tue, 22 Nov 2022 01:07 PM (IST)Updated: Tue, 22 Nov 2022 01:07 PM (IST)
अब बदलने लगा है दक्षिण हरियाणा, बेटियों के जन्म पर बजती है थाली, होता है कुआं पूजन, शादी में होती है घुड़चढ़ी
बेटी के जन्‍म पर अब कुआं पूजन करने का रिवाज बढ़ता जा रहा है

मदन श्योराण ढिगावा मंडी। दक्षिण हरियाणा अक्सर अपने पिछड़ेपन और पानी की किल्लत सहित अनेक समस्याओं की वजहों से खबरों में रहा है, लेकिन अब दक्षिण हरियाणा में विकास के साथ साथ लोगों की सोच भी उच्च होती जा रही है। परंपरा के नाम पर रूढ़िवादी सोच को पीछे छोड़ अब एक नया दौर शुरू करने में दक्षिण  हरियाणा की बेटियां अहम भूमिका अदा कर रही है। दंगल गर्ल फोगाट बहनों से कौन वाकिफ नहीं है। आज हरियाणा की बेटियां हर क्षेत्र में अपना नाम कमा रही हैं। अब बेटियों को इतना मान सम्मान मिलने लगा है कि बेटियों के जन्म पर थाली बजती है, कुआं पूजन होता है, मंगल गीत गाए जाते हैं और शादी में घुड़चढ़ी होती है। भिवानी जिले में तो कई ऐसे वाकये सामने आ चुके हैं।

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इसी कड़ी में एक और पहल गांव सिंघानी में सामने आई है। यहां एक परिवार ने अपने यहां कन्या जन्म की खुशी के उपलक्ष्य में कुआं पूजन व प्रीतिभोज समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर गांव के गणमान्य लोगों ने कार्यक्रम में भाग लेते हुए परिवार के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि लड़कियों के जन्म पर कुआं पूजन समाज में कायम बेटियों के प्रति सोच में बदलाव लाएगा। प्रदीप कुमार की पत्नी शशि देवी ने दूसरी संतान के रूप में कन्या को जन्म दिया।

इसकी खुशी में परिवार के लोगों ने लड़कों के जन्म पर निभाने जाने वाली परंपरा के तहत लड़की के जन्म पर भी कुआं पूजन तथा प्रीतिभोज आयोजित किया। कार्यक्रम में शामिल कपिल देव, राकेश सहित गांव के गणमान्य लोगों ने परिवार के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि आज के समय में बेटियां लड़कों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। लड़कियों को भी हमें आगे बढ़ने को प्रेरित करते हुए ऐसे आयोजन करने चाहिए।

इस मौके पर उमेद सिंह ने ठेठ हरियाणवी में बोलते हुए कहा पहल्यां तो छोरा होया करता तो थाली बजायी जाया करती। फेर छह दिन बाद छठी मनाई जाती और फेर जच्चा के गीत गाए जाते। कोई 21 दिन तो कोई 31दिन पर कुआं धोकया जाता था लेकिन अब बेटा बहू पढ़े लिखे होंगे तो छोरियां के भी प्रोग्राम भी होवन लागे। और तो और ईब छोरियां का भी बनवारा घोड़ी पर निकालण लागे।

अब बेटियों के जन्म पर लगने लगे रक्तदान शिविर

क्षेत्र के गांव सिंघानी स्थित किड्स केयर सीएससी बाल विद्यालय में गुड़िया के जन्मदिवस पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। बेटी यशवी के जन्मदिन पर उनके पिता रोहित ने बिटिया के जन्मदिन को यादगार बनाते हुए रक्तदान शिविर का आयोजन विद्यालय में किया गया जिसमें  41 रक्त दाताओं ने रक्तदान कर बेटी को लंबी उम्र का आशीर्वाद प्रदान किया।


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