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    दादरी की सांगवान खाप दोफाड़, दोनों गुटों ने अलग-अलग बैठक कर चुने प्रधान

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Tue, 11 Apr 2017 02:07 PM (IST)

    दादरी की सांगवान खाप दोफाड़ हो गई। दोनों गुटों ने अलग-अलग बैठक कर अपने-अपने प्रधान चुन लिए हैं।

    दादरी की सांगवान खाप दोफाड़, दोनों गुटों ने अलग-अलग बैठक कर चुने प्रधान

    जेएनएन, चरखी दादरी। दादरी जिले की खाप सांगवान चालीस के प्रधान पद को लेकर मंगलवार को हुई पंचायत में एक सप्ताह पूर्व की जैसी ही स्थिति बनी। पंचायत के बीच जहां लोगों के समर्थन को देखते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता सोमबीर सांगवान को पगड़ी पहनाकर प्रधान घोषित किया गया वहीं दूसरे गुट ने गांव की चौपाल में पंचायत कर पूर्व प्रधान स्व. कर्नल रिसाल सिंह के पुत्र कर्नल अशोक को प्रधान पद की पगड़ी पहनाई।

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    दूसरे गुट ने खाप की कोर कमेटी पर भी सोमबीर सांगवान से मिलीभगत करने के आरोप लगाते हुए जल्द ही सांगवान खाप की जनरल बाडी की पंचायत गांव खेड़ी बूरा स्थित सांगू धाम पर बुलाने का ऐलान किया। 650 वर्ष पुरानी सांगवान खाप चालीस की परंपरा के अनुसार गांव चरखी से सांगवान गोत्र का व्यक्ति ही खाप का प्रधान चुना जाता है। यह प्रधान खाप के सभी 53 गांवों का होता है लेकिन चुनने का हक केवल गांव चरखी के लोगों को होता है।

    गत दिनों 27 मार्च को खाप के चालीस वर्ष तक प्रधान रहे वयोवृद्ध कर्नल रिसाल सिंह का निधन हो गया था। जिसके बाद से प्रधान पद के लिए यहां बैठकें आयोजित होनी शुरू हो गई थी। कर्नल रिसाल सिंह की रस्म क्रिया के बाद 5 अप्रेल को प्रधान पद के लिए गांव में पंचायत का आयोजन किया गया था। जिसमें दो दावेदारों ने प्रधान बनने की इच्छा जताई थी।

    पंचायत में काफी बहस व हंगामे के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता सोमबीर सांगवान को एक धड़े ने प्रधान चुनते हुए पगड़ी पहना दी थी। इसके तुरंत बाद दूसरे धड़े ने गांव के चौक में पंचायत कर दूसरे दावेदार सत्ते उर्फ सत्यपाल सांगवान को पगड़ी पहनाकर प्रधान घोषित कर दिया था।

    खाप के दो स्वयंभू प्रधान बनने के बाद खाप की कोर कमेटी ने सांगूधान पर खाप के अंतर्गत आने वाले गांवो के कन्नी प्रधानाो की बैठक आयोजित की थी। जिसमें दोनों ही प्रधानों को मानने से इंकार करते हुए कोर कमेटी द्वारा इस संबंध में गांव में जनसंपर्क अभियान चलाकर एक माह के अंतराल में दोबारा पंचायत कर सर्वसम्मति से प्रधान चुनने का फैसला लिया गया था।  

    मंगलवार सुबह कोर कमेटी के नेतृत्व में गांव चरखी के राजकीय कन्या स्कूल में पंचायत का आयोजन किया गया। पंचायत में पहली बार गांव के सभी जातियों के लोगों को शामिल किया गया। पंचायत की अध्यक्षता गांव के सरपंच गुलजारी लाल व मंच संचालन मा. ताराचंद ने किया। करीब दो घंटे तक चली पंचायत में कई बार हंगामा भी हुआ।

    12 बजे अचानक मा. ताराचंद ने लोगों को अपने-अपने प्रत्याशियों के समर्थन में हाथ उठाने को कहा। जिसमें सोमबीर सांगवान के समर्थक ज्यादा होने पर उसे खाप प्रधान घोषित कर पगड़ी पहना दी गई। इससे दूसरा गुट विरोध करते हुए उठकर चला गया तथा गांव की चौपाल में अलग से पंचायत की। अलग हुई पंचायत में स्व. कर्नल रिसाल सिंह के पुत्र कर्नल अशोक को पगड़ी पहनाकर प्रधान चुन लिया गया।

    जाति का उठा मुद्दा

    खाप की पंचायत के दौरान कई वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि खाप की पंरपरा के अनुसार गांव चरखी से सांगवान गोत्र का ही प्रधान बन सकता है। प्रधान चुनने का हक भी केवल गांव के जाट समाज के लोगों को है। ऐसे में अन्य जातियों के लोगों द्वारा प्रत्याशी का समर्थन करना पूरी तरह गलत है, लेकिन इस विरोध को मंच संचालक व कोर कमेटी ने मानने से इन्कार कर दिया।

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