ऑनलाइन लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिग दे रहे रोहतास
जागरण संवाददाता भिवानी सेल्फ डिफेंस के माध्यम से लड़कियां अपने डर पर जीत पा सकती हैं अ
जागरण संवाददाता, भिवानी:
सेल्फ डिफेंस के माध्यम से लड़कियां अपने डर पर जीत पा सकती हैं और आत्मविश्वास से परिपूर्ण और आत्मनिर्भर बन सकती हैं। यह कहना है हरियाणा सेल्फ डिफेंस सोसायटी के अध्यक्ष और ताईक्वांडो साउथ कोरिया ब्लैक बेल्ट सेल्फ डिफेंस कोच रोहतास कुमार का। रोहतास लड़कियों को ऑनलाइन आत्मरक्षा के लिए खास तरह की ट्रेनिग दे रहे हैं। भिवानी में आत्मरक्षा समाज की सचिव आशा रेड्डू लड़कियां को ट्रेनिंग रही है। लड़कियों को करीब 100 से ज्यादा परीक्षण ले सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिग दी जा रही है, जिनका इस्तेमाल कर वो खुद को किसी भी विपरीत परिस्थिति में बचा सकती हैं।
रोहतास ने कहा कि जिस तरह लड़कियों के साथ सरेआम छेड़छाड़ और दुष्कर्म जैसी घटनाएं आए दिन सुनने और देखने को मिलती हैं उसको देखते हुए अब लड़कियां खुद भी मानसिक और शारीरिक तौर पर मजबूत हो रही हैं। ट्रेनिग के दौरान लड़कियों को चाकू के वार से बचने, हाथापाई और अपने डिफेंस में हमला करने की तकनीक सिखाई जाती है। साथ ही लड़कियों को गले पर वार करना, आंखों पर वार करना, कमर पर वार करना, अपने दुपट्टे को हथियार बनाना, अगर कोई पीछे से पकड़े तो, अगर कोई हाथ की कलाई को पकड़ता है तो, उंगलियों, हाथ, कोहनी, हथियारों, पैर, घुटने, पैर का पंजा का वार सिखाया जा रहा है। इस तकनीक के बाद लड़कियां खुद से ताकतवर इंसान को भी पल भर में चित्त करके अपनी रक्षा कर सकती हैं। रोहतास कुमार ने बताया कि धीरे-धीरे यह ट्रेनिग प्रदेश के हर जिले में शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिग के बाद लड़कियों को सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा।
ट्रेनिग लेने वाली बिधनोई गांव निवासी एवं आत्मरक्षा समाज सचिव आशा रेड्डू ने बताया कि आदर्श महिला महाविद्यालय में पढ़ते हुए कोच से उन्होंने सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिग ली। वह अपने साथियों को सिखाती भी है। आत्मरक्षा के गुर सीखकर हर लड़की अपने आप को बचा सके उनका मकसद है। भारत नगर निवासी कीर्ति आर्य आदर्श महिला महाविद्यालय में बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा है। कीर्ति ने बताया कि उन्होंने ऑनलाइन सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण लिया है।
दीपांशी का कहना है कि सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिग से उसके आत्मविश्वास में काफी बढ़ोतरी हुई है। संजू ने कहा कि वह अब खुद को बुरी नजर रखने वालों से सुरक्षित महसूस करती है क्योंकि सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिग के बाद उन्हें लग रहा है कि वे अपनी सुरक्षा करने में पूरी तरह से सक्षम हैं। याशिका का कहना है कि सेल्फ डिफेंस की तकनीक न केवल हमारे बचाव में कारगर है बल्कि यह हमारे आत्मविश्वास को भी बढ़ाती है। हर महिला को इसे सीखना चाहिए। ट्रेनिग के दौरान बताया जाता है कि कैसे केवल हाथ, अंगूठा, पैर हमारे बचाव में काम आ सकते हैं। इसी प्रकार निकिता, नीलम, पूजा, मुस्कान, कविता ने भी इस सेल्फ डिफेंस ट्रेनिग को काफी महत्वपूर्ण बताया।