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    Haryana: हरियाणा में फिर बढ़ा सांसों का संकट, जहरीली हवा डाल रही लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव, एक्यूआई हुआ 400 पार

    हरियाणा में मौसम की करवट के बाद एक बार फिर प्रदूषण काफी तेजी से फैल रहा है। हवा इस कदर जहरीली हो गई है कि लोगों को सांस लेने में भी काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. वहीं बीते पांच दिनों नें एक्यूआई 421 तक पहुंच गया है। वायु प्रदूषण के कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

    By Shiv KumarEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Thu, 16 Nov 2023 10:01 PM (IST)
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    हरियाणा में फिर बढ़ा सांसों का संकट, जहरीली हवा डाल रही लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव।

    जागरण संवाददाता, भिवानी। प्रदूषण का स्तर एक बार फिर गंभीर हो गया है। हवा में जहरीली गैसे घुल गई हैं। गुरुवार को प्रदूषण का अधिकतम स्तर 421 एक्यूआई दर्ज किया गया। वहीं, लगातार दूसरे दिन आसमान में स्माग की चादर छाई रही। दीवाली के बाद से ही प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। दीवाली से पहले जहां प्रदूषण का स्तर 108 एक्यूआई था, वहीं पिछले पांच दिन में यह बढ़कर 421 तक पहुंच गया है। बढे़ प्रदूषण का लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ रहा है। लोग आंखों में जलन, खांसी-जुकाम के अलावा सांस लेने में तकलीफ की समस्या से जूझ रहे है।

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    पिछले महीने से ही मौसम खराब बना हुआ है। इस माह के पहले सप्ताह में हुई बूंदाबांदी राहत लाई थी और प्रदूषण का स्तर एकाएक काफी कम हो गया था। भिवानी में 11 नवंबर को प्रदूषण का स्तर 108 एक्यूआई दर्ज किया गया। जो कि ठीक माना जाता है। मगर दीवाली के बाद से लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है, जो अब खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।

    बढ़ते प्रदूषण का प्रभाव सबसे ज्यादा सांस के मरीजों, बुजुर्गों और बच्चों पर पड़ रहा है। चिकित्सकों ने बुजुर्गों और बच्चों को विशेष एहतियात बरतने की सलाह दी है। पटाखों के अलावा आगजनी की घटनाओं से भी बढ़ा प्रदूषणवर्षा के बाद बढे़ प्रदूषण के लिए पटाखे और आगजनी की घटनाएं काफी जिम्मेवार है। प्रतिबंध के बावजूद दीवाली पर जमकर आतिशबाजी हुई। जिससे जहरीली गैसें हवा में घुली। इतना ही नहीं दीवाली की रात अनेक जगह आगजनी की घटनाएं भी हुई।

    फैक्ट्री में आग से भी हुआ प्रदूषण

    भिवानी में भी दो फैक्टरियों में भीषण आग लगी, जिसमें प्लास्टिक काफी जला। प्रदेशभर में काफी संख्या में उस दिन आगजनी की घटनाएं हुई। जिस कारण भी प्रदूषण का स्तर बढ़ा माना जा रहा है। इसके अलावा शहर में हर रोज कचरा जलाने के भी मामले सामने आ रहे है। बेशक प्रशासन ने कचरा जलाने वालों पर कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए है, बावजूद इसके कचरा जलाने पर रोक नहीं लग रही है। गुरुवार को भी मंडी टाउनशिप, सब्जी मंडी के पीछे सहित विभिन्न स्थानों पर कचरा जलता देखा गया।

    यूं बढ़ता चला गया प्रदूषण का स्तर

    इस समय प्रदूषण का स्तर एक्यूआइ में सुबह नौ बजे 418, सुबह 11 बजे 418, दोपहर 12 बजे 420, दोपहर एक बजे 421, दोपहर 02 बजे 414, दोपहर तीन बजे 401

    पिछले कुछ दिन का प्रदूषण का स्तर

    तिथि प्रदूषण का स्तर  (एक्यूआई)

    16 नवंबर                  421

    15 नवंबर                  370

    14 नवंबर                  269

    13 नवंबर                  267

    12 नवंबर                  189

    11 नवंबर                  108

    10 नवंबर                  218

    09 नवंबर                  352

    08 नवंबर                  350

    07 नवंबर                  372

    प्रदूषण का स्तर प्रभाव

    0 से 50 एक्यूआई : अच्छा

    51 से 100 एक्यूआई : संतोषजनक, सिर्फ संवेदनशील लोगों को ही सांस लेने में तकलीफ का खतरा।

    101 से 200 एक्यूआई : मध्यम, फेफड़ों, अस्थमा, हृदय रोगों का खतरा, सांस लेने में तकलीफ।

    201 से 300 एक्यूआई : खराब, ज्यादा समय रहने पर सांस लेने में तकलीफ, मरीजों को खतरा।

    301 से 400 एक्यूआई : बहुत खराब, लंबे समय तक रहने पर सांस की बीमारियों का खतरा।

    400 से 500 एक्यूआई : गंभीर, स्वस्थ लोगों को भी बीमार बना सकता है और बीमार के लिए घातक है।

    प्रदूषण को लेकर क्या बोले चिकित्सक

    सिविल सर्जन डॉ रघुवीर शांडिल्य ने कहा कि प्रदूषण का बढ़ना चिंताजनक है और इसका लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में लोगों को सावधानी रखने की जरूरत है। घर से बाहर जाते समय मास्क का प्रयोग करें। जहां तक संभव हो घर में ही रहे। बुजुर्ग सुबह सैर पर जाने के समय में थोड़ा बदलाव करें और सात बजे के बाद ही जाए। बुजुर्गों और सांस के मरीजों के लिए बढ़ता प्रदूषण और बदलता मौसम दोनों बहुत ज्यादा खतरनाक है।

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