एलएमवी लाइसेंस के लिए प्रशिक्षण सर्टिफिकेट की शर्त हटाने से हजारों आवेदकों को मिली राहत
संवाद सहयोगी बाढड़ा एलएमवी लाइसेंस के लिए 21 दिन का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र की शर्त संबंधी अपन

संवाद सहयोगी, बाढड़ा : एलएमवी लाइसेंस के लिए 21 दिन का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र की शर्त संबंधी अपने फैसले पर राज्य परिवहन आयुक्त कार्यालय ने यूटर्न लिया है। एसडीएम कार्यालय से जारी होने वाले एलएमवी चालक लाइसेंस के लिए निजी परिवहन स्कूलों से 21 दिन की प्रशिक्षण प्रक्रिया को बंद करने का निर्णय लिया है। सरकार के इस आदेश से जहां प्रत्येक आवेदक को कम से कम पांच हजार के आर्थिक नुकसान से निजात मिलेगी वहीं तीन सप्ताह का समय भी बचेगा। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के हजारों आवेदकों को लाभ मिलेगा। बाढड़ा एसडीएम शंभू राठी ने एक माह पहले पहली बार इस मांग को उठाकर सरकार से समाधान की मांग की थी। राज्य परिवहन आयुक्त कार्यालय ने जनवरी माह में ही सभी उपमंडल अधिकारियों को विशेष पत्र जारी कर आदेश दिया था कि भविष्य में उन आवेदकों को ही एलएमवी लाइसेंस जारी किया जाए जो चालक प्रशिक्षण केंद्र से कम से कम 21 दिन का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र जमा करवाएं। प्रदेश सरकार के इस आदेश से उपमंडल व जिला कार्यालयों में लाइसेंस अथारिटी ने इसे ज्यों का त्यों लागू तो कर दिया लेकिन सरकार चालक प्रशिक्षण केंद्रों की फीस निर्धारित करना भूल गई। इससे आवेदकों से एक तरह से अवैध वसूली शुरू हो गई और निजी केंद्र संचालक मनमर्जी से ही चार से आठ हजार तक प्रति आवेदक लेने लगे। सबसे अधिक छात्राओं को समस्या सामने आई क्योंकि उनको स्कूटी चालन के लिए लाइसेंस लगभग आठ से दस हजार के शुल्क पर मिलता। छात्राओं ने पिछले सप्ताह एसडीएम के सामने इस समस्या को रखा। एसडीएम ने 7 जुलाई को राज्य परिवहन आयुक्त को पत्र लिखकर जनवरी के आदेशों के तहत जारी नियमों में ढील देते हुए प्रशिक्षण केंद्रों के समय और फीस में कमी करने समेत कई मांग की। जिसके बाद प्रदेश सरकार ने आखिरकार नया आदेश जारी करते हुए एलएमवी चालक लाइसेंस के लिए निजी परिवहन स्कूलों से 21 दिन की प्रशिक्षण प्रक्रिया को बंद करने का निर्णय लिया है। एसडीएम ने लिया था संज्ञान
एसडीएम ने कहा कि इस पैटर्न में केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली 1989 के एक्ट 31 के तहत प्रत्येक आवेदक को सात घंटे कक्षाएं व 20 घंटे तक चालक प्रशिक्षण देना चाहिए। इसमें भी आवेदकों को पहले खुले मैदान व उसके बाद भीड़ वाले क्षेत्रों के अलावा पहाड़ी क्षेत्रों में चालक प्रशिक्षण मिलना चाहिए। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में संचालित निजी प्रशिक्षण केंद्रों पर शर्तों का पालन नहीं हो रहा। प्रदेश सरकार द्वारा भारी वाहन चालक प्रशिक्षण स्कूलों में सामान्य व पिछड़ा वर्ग के आवेदक को तीन हजार रुपये तथा अनुसूचित वर्ग के लिए 1500 रुपये निर्धारित किए गए हैं वहीं इन पर सामान्य वर्ग पर 540 व अनुसूचित जाति आवेदन पर 270 सर्विस टैक्स लिया जाता है। जबकि हलके मोटर वाहन प्रशिक्षण के तौर पर महिला व पुरुष आवेदकों से चार से पांच हजार की राशि ली जा रही है। इसीलिए राज्य परिवहन आयुक्त को जनहित में एलएमवी की मौजूदा दरों को निर्धारित करते हुए सामान्य वर्ग के लिए 1500 रुपये व 270 सर्विस टेक्स तथा अनुसूचित वर्ग के लिए 750 व 135 रुपये टेक्स लागू कर निजी प्रशिक्षण केंद्रों को अनुपालना के लिए एलएमवी वाहन चालन प्रशिक्षण नियमावली लागू की जाएगी।
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