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    पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ हुआ पैरा कमांडो बलजीत का अंतिम संस्कार, व्हील चेयर पर पहुंचे पिता बोले- बेटा तुम पर गर्व

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 06:13 PM (IST)

    चरखी दादरी के बौंदकलां निवासी पैरा कमांडो बलजीत सिंह, जिन्होंने पठानकोट में ट्रेनिंग के दौरान देश के लिए बलिदान दिया, का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। दिव्यांग पिता विक्रम चौहान ने व्हीलचेयर पर बेटे को अंतिम विदाई दी और उनके बलिदान पर गर्व जताया। बलजीत 2018 में सेना में भर्ती हुए थे और एनएसजी कमांडो की ट्रेनिंग के दौरान उनका निधन हो गया।

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    पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ हुआ पैरा कमांडो बलजीत का अंतिम संस्कार। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, चरखी दादरी। पंजाब के पठानकोट में ट्रेनिंग के दौरान देश के लिए बलिदान हुए दादरी जिले के बौंदकलां निवासी पैरा कमांडो बलजीत सिंह की वीरवार को उनके पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए।

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    दिव्यांग पिता विक्रम चौहान व्हील चेयर पर बैठकर करीब एक किमी तक निकाली गई बलिदानी बेटे की अंतिम यात्रा में शामिल हुए और सेल्यूट कर जाबांज बेटे को अंतिम विदाई दी। उन्होंने कहा कि बेटे बलजीत के बलिदान पर गर्व है। उल्लेखनीय है बौंद कलां निवासी विक्रम सिंह चौहान के तीन बेटों में 25 वर्षीय बलजीत सिंह सबसे छोटा था। बड़े दो बेटे खेती करते हैं जबकि बलजीत साल 2018 में भारतीय सेना में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे।

    वे 13 पैरा कमांडो बटालियन में आगरा में तैनात थे। वर्तमान में वे पंजाब के पठानकोट में एनएसजी कमांडो की ट्रेनिंग के लिए गए थे। उसी दौरान पानी में अभ्यास के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ने से उनका निधन हो गया।

    वीरवार को पार्थिव देह खेरड़ी मोड़ होते हुए बाइकों के काफिले के साथ उनके घर तक लाई गई। उसके बाद उनके घर से करीब एक किमी दूर राजकीय महाविद्यालय तक शव यात्रा निकाली जिसमें बड़ी संख्या में राजनीतिक, सामाजिक व अन्य संगठनों के लोग पहुंचे। जिन्होंने पार्थिव देह पर पुष्प अर्पित कर नमन किया।

    बलिदानी विक्रम की अंतिम यात्रा में उनके दिव्यांग पिता बलजीत सिंह भी शामिल हुए और व्हीलचेयर पर अंत्येष्टि स्थल तक पहुंचे। जवान बेटे को खोने का गम उनके चेहरे पर साफ नजर आया लेकिन उन्होंने बेटे के देश पर बलिदान होने पर गर्व महसूस किया। उन्होंने कहा कि उनका बेटा होनहार था और जहां भी जाता था प्रथम स्थान लेकर ही लौटता था। विक्रम सिंह ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है।

    वह देश के लिए काम आया है और उसने देश के लिए बलिदान दिया है। शहीद की अंतिम यात्रा में पहुंचे भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह ने कहा कि बलजीत सिंह देश के काम आया, यह पूरे देश व क्षेत्र के लिए गर्व की बात है।

    उन्होंने कहा कि बलिदानियों की बदौलत ही देश सुरक्षित है। भारतीय सेना का कोई मुकाबला नहीं है यह देश को आंतरिक व बाहरी देश विरोधी ताकतों को काबू करती है। उन्हें भारतीय सेना व देश के वीर बलिदानियों पर गर्व है।