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    वेदांत के पंचकोश सिद्धांत बनाते हैं जीवन को सार्थक : प्रो. आरके मित्तल

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 02 Apr 2021 11:53 AM (IST)

    जागरण संवाददाता भिवानी चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के योग विभाग एवं क्रीड़ा भारती के तत्वावधा

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    वेदांत के पंचकोश सिद्धांत बनाते हैं जीवन को सार्थक : प्रो. आरके मित्तल

    जागरण संवाददाता, भिवानी :

    चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के योग विभाग एवं क्रीड़ा भारती के तत्वावधान में हुए निश्शुल्क योग शिविर का आयोजन किया गया। इसमें योग का महत्व और इसका जीवन पर प्रभाव के बारे में समझाते हुए योगाभ्यास करवाया गया। शिविर के समापन पर मुख्यातिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल एवं मुख्य वक्ता योग एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष और महंत योगी राजनाथ सिंह थे। उन्होंने विश्वविद्यालय के योग विभाग की ओर से संचालित कार्यक्रमों एवं योग शिविर के कार्यक्रमों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। कुलपति प्रो. आरके मित्तल ने कहा कि हमें जीवन वेदांत के पंचकोश सिद्धांत के अनुसार जीना चाहिए। वेदांत के पंचकोश अन्नमय कोश, प्राणमय कोश, मनोमय कोश, विज्ञानमय कोश ओर आनंद- मय कोश शामिल हैं। वेदांत के ये पंचकोश सिद्धांत हमें सही जीवन जीना सिखाते हैं एवं जीवन को सार्थक बनाते हैं। विश्वविद्यालय द्वारा योग एवं खेलों को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

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    महंत योगी राजनाथ सिंह ने कहा कि योग हमारी प्राचीन सर्वश्रेष्ठ संस्कृति का मुख्य अंग है। विश्व योग गुरु स्वामी रामदेव ने संपूर्ण विश्व में योग की अलख जगाने का ऐतिहासिक एवं सराहनीय कार्य किया है। हम योग कर योगी, निरोगी एवं उपयोगी बनें। योग से बुढ़ापा, मृत्यु और रोग दूर भागते हैं। योग को हमें नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। नियमित योगाभ्यास से नव उर्जा का संचार होता है। उन्होंने कहा कि आठ सुख होते हैं जिसमें पहला सुख निरोगी काया है। इस दौरान लेघां गांव की बेटियों रितु, भावना, हिमांशी, खुशबु, नीशु, खुशी, प्रीति, संजू और बबिता ने योग क्रियाओं की। इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक डीन विद्यार्थी कल्याण डा. सुरेश मलिक, आशीष अंचल, योग शिक्षक सुनील भारद्वाज, डा. दीपक कुमारी, डा. उमा कुमारी शाह, जनसंपर्क प्रभारी ऋषि शर्मा सहित योग विद्यार्थी उपस्थित रहे।