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    गायत्री की शोभा वाटिका में है ऑक्सीजन का भंडार

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 19 May 2021 06:35 AM (IST)

    गायत्री और सेवानिवृत्त प्राचार्य रामनिवास शर्मा की शोभा वाटिका में प्राणदायिनी ऑक्सीजन का भरपूर भंडार है। इसमें इन्होंने अनेक ऐसे पौधे लगाए हैं जो घर को खुशबू से महका रहे हैं तो ऑक्सीजन भी खूब देते हैं।

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    गायत्री की शोभा वाटिका में है ऑक्सीजन का भंडार

    सुरेश मेहरा, भिवानी : गायत्री और सेवानिवृत्त प्राचार्य रामनिवास शर्मा की शोभा वाटिका में प्राणदायिनी ऑक्सीजन का भरपूर भंडार है। इसमें इन्होंने अनेक ऐसे पौधे लगाए हैं जो घर को खुशबू से महका रहे हैं तो ऑक्सीजन भी खूब देते हैं। पौता शुभम भी वाटिका को हराभरा बनाने में लगातार सहयोग करता है। जब सेवाकार्य में थे उस समय भी इन्होंने स्कूलों को हराभरा बनाया और अपने घर को हराभरा बनाया है और तीसरी पीढ़ी को भी यही सीख दे रहे हैं। अब तक हजारों पौधे लगा चुके हैं।

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    इन पौधों से सजी है इस दंपती की शोभा वाटिका

    सेवानिवृत्त प्राचार्य रामनिवास शर्मा और उनकी पत्नी गायत्री देवी बताते हैं कि हरियाली के बीच रह कर जो आत्मिक संतुष्टि मिलती है उसको शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने अपनी वाटिका और घर में एक सौ के लगभग पौधे लगाए हैं। इनमें मुख्य रूप से तुलसी, पॉम, मनीप्लांट, गिलोय, ऐलोवेरा, कढ़ी पत्ता, मरुवा, कोडियम, गुलाब, गेंदा, पेटुनिया, रात की रानी आदि अनेक पौधे लगाए हैं। इसके अलावा सब्जियों में सब्जियों में पोदीना, धनिया भी लगाए हैं।

    वर्ष भर में पांच से छह हजार रुपये पौधों पर करते हैं खर्च

    रामनिवास शर्मा बताते हैं कि साल भर में पांच से छह हजार रुपये पौधों और उनकी देखभाल पर खर्च करते हैं। इन पौधों में हम रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं करते बल्कि जैविक खाद का प्रयोग करते हैं। पौधों की देखभाल के लिए प्रतिदिन दो से तीन घंटे लगाते हैं। वह बताते हैं कि घर में हरियाली बनाए रखने में उनके पुत्र अजय, उसकी पत्नी मधु शर्मा, पुत्री उमंग विशेष रूप से पौधों को संरक्षित करने में योगदान दे रहे हैं।