सरसों और मूंगफली के फसलों में करें पोटाश का इस्तेमाल
जागरण संवाददाता,भिवानी : कृषि विज्ञान केंद्र कार्यालय में बृहस्पतिवार को क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता,भिवानी : कृषि विज्ञान केंद्र कार्यालय में बृहस्पतिवार को क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र बावल द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. विनोद मोहन ने की। डॉ. विनोद मोहन ने किसानों को जिले की जमीन में फसलों में पोटाश के गिरते हुए स्तर के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जमीन में पोटाश की कमी से पैदावार व गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ेगा। पोटाश के प्रयोग के महत्व व रबी फसलों के नई उत्पादन तकनीक के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने बताया की पोटाशियम सरसों, मूंगफली जैसी फसलों में तेल के निर्माण में सहायक है। दलहन फसलों में राइजोबियम द्वारा नाइट्रोजन के यौगिकीकरण में योगदान तथा नील-हरित शैवाल एवं स्वतंत्र रूप से नाइट्रोजन यौगिकीकरण करने वाले जीवाणुओं के लिये आवश्यक पोशक तत्व है।इस अवसर पर कृषि वैज्ञानिक व परियोजना के निदेशक डॉ. मुकेश कुमार ने कहा की पोटाशियम स्वतंत्र रूप से कार्य करने वाला पोषक तत्व है। पौधे में किसी भी यौगिक के संश्लेषण में यह प्रत्यक्ष क्रियाओं में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाग लेकर फसल उत्पादन तथा उत्पाद की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। दक्षिण पश्चिम हरियाणा में पोटाश के गिरते हुए स्तर व उससे होने वाले पैदावार पर प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही पोटाश के प्रयोग करने से फसलों की वृद्धि, दानों की चमक व गुणवत्ता भी बढ़ाने के बारे मे विस्तार से किसानों को बताया। कृषि वैज्ञानिक डॉ. बलबीर ¨सह ने रबी फसलों में होने वाले कीड़े व बीमारियों की पहचान व उनकी रोकथाम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस समय के मौसम को देखते हुए किसानों को फसलों मे रस चूसक कीट से बचाव की तकनीक के बारे में भी बताया। बावल के कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद यादव ने किसानों को मिट्टी पानी की जांच व नमूने लेने के तरीकों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनवाकर फसलों मे पोशक तत्वों की कमी को दूर किया जा सकता है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. रामस्वरुप दादरवल ने खादों की क्षमता को बढ़ाने के बारे में बताया। कृषि वैज्ञानिक डॉ. हंसराज ने सब्जियों मे पोशक तत्व की जानकारी दी। एक दिवसीय प्रशिक्षण में भिवानी जिले के 50 किसानों ने प्रशिक्षण लिया व फसलों मे पोटाश के महत्व को समझा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।