अब बदलेगा 'इतिहास', अकबर नहीं महाराणा प्रताप और चंद्रगुप्त मौर्य महान
हरियाणा के स्कूली शिक्षा में छठी से 12वीं कक्षा के इतिहास की पुस्तक में बदलाव होगा। इसमें अकबर नहीं महाराणा प्रताप व चंद्रगुप्त को महान बताया जाएगा।
भिवानी, [बलवान शर्मा]। अब जल्द ही 'इतिहास' बदलेगा। अकबर व सिकंदर दी ग्रेट हटेंगे और नया अध्याय जुड़ेगा। हरियाणा में स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम के इतिहास की पुस्तक में बड़ा बदलाव होगा। छठी से 12वीं कक्षा के विद्यार्थी अब इतिहास में अकबर की जगह महाराणा प्रताप व चंद्रगुप्त मौर्य की महानता के बारे में जानेंगे। यानि इसमें अकबर महान नहीं बल्कि महाराणा प्रताप और चंद्रगुप्त महान होंगे।
-छठी से 12वीं कक्षा तक का इतिहास विषय का पाठ्यक्रम बदला
प्रदेश में इतिहास विषय के पाठ्यक्रम को बदल दिया गया है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से नई पुस्तकें तैयार कर दी गई हैं। हालांकि इन पुस्तकों की प्रूफ रीङ्क्षडग का कार्य अभी पेंङ्क्षडग है। नए सत्र से प्रदेश के 15 लाख से अधिक छात्रों को नया इतिहास पढऩे का मौका मिलेगा।
दरअसल, केंद्रीय मानव संशाधन मंत्रालय ने इतिहास के पाठ्यक्रम को बदलने के लिए 25 अप्रैल 2017 को देशभर के शिक्षा बोर्डों के चेयरमैन व अन्य अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। हरियाणा में पाठ्यक्रम को बदलने के लिए एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) और शिक्षा बोर्ड की ड्यूटी लगाई गई। साथ ही शिक्षा बोर्ड को इतिहास की पुस्तकें प्रकाशित करने का दायित्व भी सौंपा गया था।
अगले सत्र से प्रदेश के 15 लाख छात्र पढ़ेंगे नए सिरे से इतिहास
अब छठी से दसवीं कक्षा तक के इतिहास में बदलाव कर पुस्तकें तैयार भी कर ली गई हैं। इनमें त्रुटियों को ठीक करने के लिए दोनों संस्थाओं के दस सदस्यों की एससीईआरटी के निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी गठित की हुई है। इस कमेटी की 10 दिसंबर को गुरुग्राम में बैठक होनी थी, लेकिन निदेशक के नहीं होने की वजह से स्थगित कर दी गई।
बोर्ड के चेयरमैन डा. जगबीर सिंह ने की पुष्टि
इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में बदलाव की शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डा. जगबीर सिंह ने पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि नए पाठ्यक्रम में आमूलचूल बदलाव किया गया है। अब हमारे प्रदेश के छात्र अकबर महान नहीं पढ़ेंगे, बल्कि महाराणा प्रताप व चंद्रगुप्त महान को पढ़ेंगे। मुगलकाल के चैप्टर भी छोटा कर दिया गया है। अब तक पढ़ाए जा रहे इतिहास में छठी से आठवीं कक्षा तक अलग पाठ्यक्रम था और नौवीं से 12वीं तक अलग। ऐसे में आठवीं से आगे नौवीं में इतिहास की तारतम्यता(सतता) टूट रही थी। अब छात्रों को सिलसिलेवार इतिहास पढऩे का मौका मिलेगा।
30 नवंबर से रिक्त है निदेशक का पद
एससीईआरटी निदेशक का पद 30 नवंबर से रिक्त पड़ा। इससे पहले यह कार्यभार सुमन नैन के पास था। बताया जा रहा है कि नए निदेशक के आने के बाद दोबारा से कमेटी की बैठक बुलाई जाएगी।