प्रकृति व पर्यावरण हैं एक-दूसरे के पूरक: प्रो.आरके मित्तल
पृथ्वी पर जीवन बनाए रखने के लिए हमें पर्यावरण के वास्तविकता को बनाए रखना होगा और अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण में अपनी सहभागिता करनी ह ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, भिवानी: पृथ्वी पर जीवन बनाए रखने के लिए हमें पर्यावरण के वास्तविकता को बनाए रखना होगा और अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण में अपनी सहभागिता करनी होगी, नहीं तो पृथ्वी पर जीवन असंभव हो जाएगा। प्रकृति एवं पर्यावरण हमारे जीवन रक्षक हैं, ये दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं। ये विचार चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय द्वारा प्रेमनगर स्थित परिसर में मनाए जा रहे वन एवं पर्यावरण संरक्षण सप्ताह के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.आरके मित्तल ने पौधारोपण करते हुए कहे।
उन्होंने कहा कि धरती पर रहने वाले सभी व्यक्तियों द्वारा उठाए गए छोटे छोटे कदमों के माध्यम से हम बहुत ही आसान तरीके से पर्यावरण को सुरक्षित कर सकते हैं। हमें अपशिष्ट की मात्रा में कमी करना चाहिए तथा अपशिष्ट पदार्थ को वहीं फेकना चाहिए, जहां उसका स्थान है। प्लास्टिक का उपयोग नही करना चाहिए तथा कुछ पुराने चीजों को फेकने के बजाय नये तरीके से उनका उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कचरा प्रबंधन करने की जरूरत पर बल दिया। पॉलिथीन व प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करना चाहिए। प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है।
इस अवसर पर डीन विद्यार्थी कल्याण युवा कल्याण विभाग के सचिव डा.सुरेश मलिक, डा.सतबीर सिंह, प्राचार्य डा.दिनेश गाबा, डा.कुलबीर सिंह, अभियांत्रिकी सलाहकार केके शर्मा, रवि मदान, ऋषि शर्मा, पंकज यादव, मंगेश कुमार सहित अनेक कर्मचारियों ने पौधारोपण किया।

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