Manisha Death Case: हत्या या आत्महत्या... 13 दिन की CBI जांच में क्या निकला?
भिवानी में शिक्षिका मनीषा की मौत की जांच सीबीआई ने पूरी कर ली है। 13 दिनों तक चले इस जांच में सीबीआई ने कई लोगों से पूछताछ की और क्राइम सीन को रीक्रिएट किया। अब सभी को जांच के परिणाम का इंतजार है जिसमें यह पता चलेगा कि यह हत्या है या आत्महत्या। परिजनों को भी रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार है।

जागरण संवाददाता, भिवानी। शिक्षिा मनीषा की मौत मामले की जांच कर रही सीबीआइ टीम को जांच करते 13 दिन हो गए है। सीबीआइ टीम ने इस केस से जुडे़ हर व्यक्ति प्ले स्कूल संचालकों, स्टाफ, नर्सिंग कालेज संचालकों, स्वजनों, बकरी पालक, खेत मालिक, खाद-बीज विक्रेता दुकानदार, लाइब्रेरी संचालकों से पूछताछ की और उनके बयान कलमबद्ध की।
सीन आफ क्राइम क्रिएट किया गया। हर पहलु से जांच के बाद पिछले दो दिन से टीम कहीं नहीं जा रही। जिस कारण चर्चाएं है कि जांच लगभग पूरी हो चुकी है। ऐसे में अब सबको परिणाम का इंतजार है। स्वजन हो, ग्रामीण या अन्य।
हर कोई जानने के लिए उत्सुक है कि सीबीआइ की 13 दिन की जांच में क्या निकला। मनीषा की मौत हत्या है या आत्महत्या। अब तक न स्वजनों को कुछ बताया गया है और न ही इसकी आधिकारिक जानकारी सार्वजनिक की गई है।
शिक्षिका मनीषा मौत मामले की जांच में जुटी सीबीआइ टीम तीन सितंबर को भिवानी आई थी और पिछले 13 दिन से हर पहलु से मामले की जांच कर रही है। पहले सीआइए, लोहारू थाना पुलिस की जांच रिपोर्ट देखी तो उसके बाद मौके का निरीक्षण, स्वजनों से बातचीत, प्ले स्कूल संचालक, स्टाफ से पूछताछ, नर्सिंग कालेज में पूछताछ के अलावा खाद-बीज दुकानदार देवेंद्र, बकरी पालक सतपाल, खेत मालिक पवन, साझेदार ईश्वर से भी पूछताछ कर उनके बयान कलमबद्ध कर चुकी है।
घटनास्थल पर इन सभी के बयानों के आधार पर सीन रि-क्रिएट किया जा चुका है। सेंटरल फारेंसिक साइंस लैबोरेट्री की 15 सदस्यीय टीम भी मौके पर पहुंचकर जांच कर चुकी है। ढिगावा मंडी की दो लाइब्रेरी में भी दो दफा जांच और पूछताछ हो चुकी है।
यह है मामला
प्ले स्कूल की शिक्षिका ढाणी लक्ष्मण वासी मनीषा 11 अगस्त को स्कूल में पढ़ाने गई थी मगर वापस नहीं लौटी। स्वजन ने उसकी काफी तलाश की और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने अगले दिन 12 अगस्त को गुमशुदगी का केस दर्ज किया।
13 अगस्त को मनीषा का शव सिंघानी गांव में नहर किनारे मिला। गले पर चोट के निशान देख स्वजनों ने हत्या के आरोप लगाए। नागरिक अस्पताल में चिकित्सकाों के बोर्ड ने शव का पपोस्टमार्टम किया। मगर स्वजन ने शव लेने से इंकार करते हुए कहा कि पहले आरोपितों की गिरफ्तारी करें।
स्वजनों की मांग पर पीजीआइ रोहतक में चिकित्सकों के बोर्ड ने दोबारा पोस्टमार्टम किया। विसरा जांच करवाई गई। जिसमें सामने आया कि शरीर में जहरीला पदार्थ है। स्वजन ने धरना दिया और एम्स दिल्ली में पोस्टमार्टम और सीबीआइ जांच की मांग की।
प्रदेश सरकार ने ये दोनों मांगे मानी। जिसके बाद 21 अगस्त को गांव में ही गमगीन माहौल में शव का अंतिम संस्कार किया गया। तीन सितंबर को दिल्ली से सीबीआइ टीम इंस्पेक्टर विवेक के नेतृत्व में जांच के लिए भिवानी पहुंची। जो अब तक मामले की जांच में जुटी है।
पिता बोले, हमें भी जांच रिपोर्ट का इंतजार
हर कोई सीबीआइ की जांच पर नजर लगाए है और अब दो दिन से टीम के ढिगावा, लोहारू या मृतका मनीषा के गांव ढाणी लक्ष्मण में नहीं जाने के कारण चर्चाएं है कि जांच लगभग पूरी हो चुकी है। जिस कारण हर किसी को जांच रिपोर्ट का इंतजार है।
मृतका के पिता संजय कुमार ने बताया कि पिछले कुछ दिन से सीबीआइ टीम न तो उनके घर आई और न ही उनसे कोई संपर्क किया। जांच रिपोर्ट का हमें भी इंतजार है।
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