Manisha Death Case: 18 दिनों में हर पहलू से हुई जांच, अब कभी भी हो सकता है खुलासा; अचानक DSP पहुंचे मनीषा के घर
शिक्षिका मनीषा की मौत की जांच सीबीआई कर रही है। टीम ने मृतका के परिजनों से पूछताछ की और घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस उपाधीक्षक ने भी मृतका के पिता से 11 अगस्त की बातचीत के बारे में जानकारी ली। सीबीआई ने प्ले स्कूल संचालकों कर्मचारियों और अन्य लोगों से पूछताछ की है।

जागरण संवाददाता भिवानी/ढिगावा मंडी। शिक्षिका मनीषा की मौत मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम शनिवार को कार्यालय में ही रहकर तथ्यों को खंगालती रही। शुक्रवार को टीम ने मृतका के घर पहुंचकर करीब सवा घंटे तक स्वजनों से बातचीत की थी।
साथ ही लाइब्रेरी के पास स्थित ग्रामीण बैंक में जांच की थी। पिछले 18 दिन से मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम की जांच लगभग पूरी हो चुकी है और अब सभी को जांच के परिणाम का इंतजार है। वहीं मामले में भिवानी पुलिस के डीएसपी मृतका के घर पहुंचे। उन्होंने मृतका के पिता संजय से 11 अगस्त को डायल 112 टीम के साथ हुई बातचीत के बारे में पूछताछ की।
पिछले 18 दिन से मामले की जांच कर रही सीबीआइ टीम अब तक प्ले स्कूल संचालकों, स्टाफ, नर्सिंग कालेज संचालकों, स्वजनों, बकरी पालक, खेत मालिक, खाद-बीज विक्रेता दुकानदार, लाइब्रेरी संचालकों से पूछताछ कर उनके बयान कलमबद्ध कर चुकी है। सीन आफ क्राइम क्रिएट किया जा चुका है। हर पहलु से जांच की जा रही है।
शिक्षिका मनीषा मौत मामले की जांच में जुटी सीबीआइ टीम तीन सितंबर को भिवानी आई थी। टीम स्वजनों से बातचीत, प्ले स्कूल संचालक, स्टाफ से पूछताछ, नर्सिंग कालेज में पूछताछ के अलावा खाद-बीज दुकानदार देवेंद्र, बकरी पालक सतपाल, खेत मालिक पवन, साझेदार ईश्वर से पूछताछ कर चुकी है। सेंटरल फारेंसिक साइंस लैबोरेट्री ने भी मौके पर पहुंचकर जांच की थी।
शुक्रवार को टीम ने गांव पहुंचकर मृतका मनीषा के पिता संजय समेत परिवार के अन्य सदस्यों से करीब सवा घंटे तक बातचीत की थी और विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ की थी।
यह है मामला
प्ले स्कूल की शिक्षिका ढाणी लक्ष्मण वासी मनीषा 11 अगस्त को स्कूल में पढ़ाने गई थी मगर वापस नहीं लौटी। स्वजन ने उसकी काफी तलाश की और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने अगले दिन 12 अगस्त को गुमशुदगी का केस दर्ज किया।
13 अगस्त को मनीषा का शव सिंघानी गांव में नहर किनारे मिला। गले पर चोट के निशान देख स्वजनों ने हत्या के आरोप लगाए। नागरिक अस्पताल में चिकित्सकाों के बोर्ड ने शव का पपोस्टमार्टम किया। मगर स्वजन ने शव लेने से इंकार करते हुए कहा कि पहले आरोपितों की गिरफ्तारी करें।
स्वजनों की मांग पर पीजीआइ रोहतक में चिकित्सकों के बोर्ड ने दोबारा पोस्टमार्टम किया। विसरा जांच करवाई गई। जिसमें सामने आया कि शरीर में जहरीला पदार्थ है।
स्वजन ने धरना दिया और एम्स दिल्ली में पोस्टमार्टम और सीबीआइ जांच की मांग की। प्रदेश सरकार ने ये दोनों मांगे मानी। जिसके बाद 21 अगस्त को गांव में ही शव का अंतिम संस्कार किया गया।
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