मनीषा मौत मामला: 3 दिनों से लगातार सबूतों की जांच कर रही CBI, रेस्ट हाउस में ही बना दिया ऑफिस; जल्द होगा खुलासा
भिवानी में शिक्षिका मनीषा की मौत की जांच सीबीआई कर रही है। टीम ने कई लोगों से पूछताछ की है और घटनास्थल का निरीक्षण किया। जांच लगभग पूरी हो चुकी है और रिपोर्ट का इंतजार है ताकि पता चले कि यह हत्या है या आत्महत्या। मनीषा 11 अगस्त को लापता हो गई थीं और 13 अगस्त को उनका शव मिला था। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया था।

जागरण संवाददाता, भिवानी। शिक्षिका मनीषा की मौत मामले की जांच कर रही सीबीआइ टीम पिछले तीन दिन से रेस्ट हाउस में बनाए कार्यालय में रहकर ही तथ्यों, सबूतों की जांच में जुटी है। टीम 14 दिन से इस केस की जांच कर रही है।
सीबीआइ टीम इस मामले में अब तक प्ले स्कूल संचालकों, स्टाफ, नर्सिंग कालेज संचालकों, स्वजनों, बकरी पालक, खेत मालिक, खाद-बीज विक्रेता दुकानदार, लाइब्रेरी संचालकों से पूछताछ कर उनके बयान कलमबद्ध कर चुकी है। सीन आफ क्राइम क्रिएट किया जा चुका है।
हर पहलु से जांच की जा रही है। पिछले तीन दिन के दौरान टीम ने मृतक मनीषा के घर गई है और न ही घटनास्थल सिंघानी। ऐसे में चर्चाएं है कि जांच रिपोर्ट लगभग पूरी हो चुकी है। ऐसे में अब सबको रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार है ताकि स्पष्ट हो सके कि जांच में क्या निकला। यह हत्या है या आत्महत्या।
शिक्षिका मनीषा मौत मामले की जांच में जुटी सीबीआइ टीम तीन सितंबर को भिवानी आई थी और पिछले 13 दिन से हर पहलु से मामले की जांच कर रही है। सीआइए, लोहारू थाना पुलिस की जांच रिपोर्ट के बाद टीम ने खुद की जांच की।
मौके पर निरीक्षण करने के अलावा केस से जुडे़ सभी लोगों से पूछताछ की। स्वजनों से बातचीत, प्ले स्कूल संचालक, स्टाफ से पूछताछ, नर्सिंग कालेज में पूछताछ के अलावा खाद-बीज दुकानदार देवेंद्र, बकरी पालक सतपाल, खेत मालिक पवन, साझेदार ईश्वर से पूछताछ की। सेंटरल फारेंसिक साइंस लैबोरेट्री ने भी मौके पर पहुंचकर जांच की थी।
यह है मामला
प्ले स्कूल की शिक्षिका ढाणी लक्ष्मण वासी मनीषा 11 अगस्त को स्कूल में पढ़ाने गई थी मगर वापस नहीं लौटी। स्वजन ने उसकी काफी तलाश की और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने अगले दिन 12 अगस्त को गुमशुदगी का केस दर्ज किया। 13 अगस्त को मनीषा का शव सिंघानी गांव में नहर किनारे मिला। गले पर चोट के निशान देख स्वजनों ने हत्या के आरोप लगाए।
नागरिक अस्पताल में चिकित्सकाों के बोर्ड ने शव का पपोस्टमार्टम किया। मगर स्वजन ने शव लेने से इंकार करते हुए कहा कि पहले आरोपितों की गिरफ्तारी करें। स्वजनों की मांग पर पीजीआइ रोहतक में चिकित्सकों के बोर्ड ने दोबारा पोस्टमार्टम किया।
विसरा जांच करवाई गई। जिसमें सामने आया कि शरीर में जहरीला पदार्थ है। स्वजन ने धरना दिया और एम्स दिल्ली में पोस्टमार्टम और सीबीआइ जांच की मांग की। प्रदेश सरकार ने ये दोनों मांगे मानी। जिसके बाद 21 अगस्त को गांव में ही गमगीन माहौल में शव का अंतिम संस्कार किया गया।
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