Manisha Death Case: जहां पढ़ने आती थी मनीषा वहां पहुंची CBI, अंतिम चरण में पहुंची जांच; हत्या या आत्महत्या पर टिकी नजर
भिवानी में शिक्षिका मनीषा की मौत के मामले में सीबीआई ने ढिगावा मंडी स्थित लाइब्रेरी में जांच की और संचालकों से पूछताछ की। टीम ने पहले भी कई लोगों से पूछताछ की है और घटनास्थल का निरीक्षण किया है। मनीषा 11 अगस्त को लापता हो गई थी और 13 अगस्त को उसका शव नहर किनारे मिला था।

जागरण संवाददाता, भिवानी/ढिगावा मंडी। शिक्षिका मनीषा की मौत मामले की जांच कर रही सीबीआइ टीम शनिवार को एक बार फिर ढिगावा मंडी की लाइब्रेरी पहुंची, जहां मनीषा पढ़ने आती थी। यहां करीब 20 मिनट तक जांच पड़ताल की और लाइब्रेरी संचालकों से पूछताछ की।
सीबीआइ टीम इस मामले से जुडे़ सभी लोगों से पूछताछ कर उनके बयान कलमबद्ध कर चुकी है। सीबीआइ टीम की जांच भी अब अंतिम चरण में नजर आ रही है। ऐसे में सभी की नजरें सीबीआइ टीम की जांच रिपोर्ट और फैसले पर है। सभी यह जानने के लिए उत्सुक नजर आ रहे हैं कि यह हत्या है या आत्महत्या।
हत्या है तो किसने और कैसे इस वारदाज को अंजाम दिया। शिक्षिका मनीषा मौत मामले की जांच में जुटी सीबीआइ टीम पिछले 12 दिन से हर पहलू से मामले की जांच कर रही है।
पहले सीआइए, लोहारू थाना पुलिस की जांच रिपोर्ट देखी तो उसके बाद मौके का निरीक्षण, स्वजन से बातचीत, प्ले स्कूल संचालक, स्टाफ से पूछताछ, नर्सिंग कालेज में पूछताछ के अलावा खाद-बीज दुकानदार देवेंद्र, बकरी पालक सतपाल, खेत मालिक पवन, साझेदार ईश्वर से भी पूछताछ कर उनके बयान कलमबद्ध कर चुकी है।
घटनास्थल पर इन सभी के बयानों के आधार पर सीन रिक्रिएट किया जा चुका है। सेंट्रल फारेंसिक साइंस लैबोरेट्री की 15 सदस्यीय टीम भी मौके पर पहुंचकर जांच कर चुकी है। शनिवार सायं एक बार फिर सीबीआइ टीम ढिगावा मंडी पहुंची और लाइब्रेरी में पूछताछ की। यहां पुरानी सीसीटीवी भी जांची, इसके बाद टीम वापस भिवानी लौट गई।
यह है मामला
प्ले स्कूल की शिक्षिका ढाणी लक्ष्मण वासी मनीषा 11 अगस्त को स्कूल में पढ़ाने गई थी मगर वापस नहीं लौटी। स्वजन ने उसकी काफी तलाश की और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने अगले दिन 12 अगस्त को गुमशुदगी का केस दर्ज किया। 13 अगस्त को मनीषा का शव सिंघानी गांव में नहर किनारे मिला।
गले पर चोट के निशान देख स्वजनों ने हत्या के आरोप लगाए। नागरिक अस्पताल में चिकित्सकों के बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया। मगर स्वजन ने शव लेने से इंकार करते हुए कहा कि पहले आरोपितों की गिरफ्तारी करें। स्वजनों की मांग पर पीजीआइ रोहतक में चिकित्सकों के बोर्ड ने दोबारा पोस्टमार्टम किया।
विसरा जांच करवाई गई। जिसमें सामने आया कि शरीर में जहरीला पदार्थ है। स्वजन ने धरना दिया और एम्स दिल्ली में पोस्टमार्टम और सीबीआइ जांच की मांग की। प्रदेश सरकार ने ये दोनों मांगे मानीं। इसके बाद 21 अगस्त को गांव में ही गमगीन माहौल में शव का अंतिम संस्कार किया गया।
तीन सितंबर को दिल्ली से सीबीआइ टीम इंस्पेक्टर विवेक के नेतृत्व में जांच के लिए भिवानी पहुंची। पिछले आठ दिन से सीबीआइ की टीम मामले की जांच में जुटी है। मृतका के पिता संजय कुमार, प्ले स्कूल संचालक, खाद-बीज दवा विक्रेता देवेंद्र, बकरी पालक सतपाल से बातचीत कर उनके बयान दर्ज कर चुकी है।
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