मनीषा के फोन की कॉल हिस्ट्री में छिपी है डेथ मिस्ट्री? मौत के 42 दिन बाद कहां तक पहुंची CBI की जांच
मनीषा की मौत का रहस्य गहराता जा रहा है। सीबीआई 42 दिनों से जांच कर रही है, पर अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। मनीषा के फोन की कॉल हिस्ट्री में कई संदिग्ध नंबर मिले हैं, जिनकी जांच जारी है। सीबीआई ने कई लोगों से पूछताछ की है, लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। परिजन जांच की गति से निराश हैं।

मनीषा डेथ केस में कहां तक पहुंची सीबीआई की जांच (जागरण फोटो)
जागरण संवाददाता, भिवानी। शिक्षिका मनीषा की मौत मामले में स्वजनों के पुलिस प्रशासन पर लगाए जा रहे मामला उलझाने के आरोपों के बीच बुधवार को सीबीआई टीम पुलिस कर्मचारियों को साथ लेकर घटनास्थल, जहां शिक्षिका का शव मिला था वहां पहुंची। घटनास्थल और आसपास के क्षेत्र का निरीक्षण किया और पुलिस कर्मचारियों से 13 अगस्त को शव मिलने की घटना को लेकर बातचीत की।
शिक्षिका मनीषा की मौत को दो महीने से अधिक का समय बीत चुका है। पिछले 42 दिन से सीबीआई मामले की जांच कर रही है। बावजूद इसके अभी भी मामला हत्या और आत्महत्या के बीच उलझा है। स्वजनों ने दो दिन पूर्व ही सरकार से मांग की थी कि दिवाली से पहले बेटी को न्याय मिले। सीबीआई टीम के समक्ष भी यह मांग रखी थी।
सूत्रों की माने तो सीबीआई टीम को अभी भी मनीषा का फोन और उसकी पूरी कॉल हिस्ट्री नहीं मिली है। इसी में पेच फंसा है। प्ले स्कूल की शिक्षिका मनीषा की मौत के मामले को दो महीने से अधिक का समय बीत गया है। शिक्षिका का 13 अगस्त को सिंघानी में नहर के पास शव मिला था। तीन सितंबर को सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू की थी।
यह है पूरा मामला
प्ले स्कूल की शिक्षिका ढाणी लक्ष्मण वासी मनीषा 11 अगस्त को स्कूल में पढ़ाने गई थी मगर वापस नहीं लौटी। स्वजन ने उसकी काफी तलाश की और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने अगले दिन 12 अगस्त को गुमशुदगी का केस दर्ज किया। 13 अगस्त को मनीषा का शव सिंघानी गांव में नहर किनारे मिला। गले पर चोट के निशान देख स्वजनों ने हत्या के आरोप लगाए। नागरिक अस्पताल में चिकित्सकों के बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया।
मगर स्वजन ने शव लेने से इंकार करते हुए कहा कि पहले आरोपितों की गिरफ्तारी करें। स्वजनों की मांग पर पीजीआइ रोहतक में चिकित्सकों के बोर्ड ने दोबारा पोस्टमार्टम किया। विसरा जांच में सामने आया कि शरीर में जहरीला पदार्थ है।
स्वजन ने धरना दिया और एम्स दिल्ली में पोस्टमार्टम और सीबीआई जांच की मांग की। सरकार ने ये दोनों मांगें मानी। जिसके बाद 21 अगस्त को गांव में ही शव का अंतिम संस्कार किया गया।
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