Manisha Death Case: खुलने वाला है मौत का राज? बैंक की CCTV से CBI को मिल गया सुराग
शिक्षिका मनीषा की मौत की जांच कर रही CBI टीम ने सिंघानी और ढाणी लक्ष्मण में फिर जांच की। टीम ने ग्रामीण बैंक में CCTV फुटेज देखी और मनीषा के परिवार से पूछताछ की। CBI ने पहले भी कई लोगों से पूछताछ की है और घटनास्थल का मुआयना किया है। मनीषा 11 अगस्त को लापता हो गई थीं और उनका शव 13 अगस्त को मिला था।

जागरण संवाददाता, भिवानी/ढिगावा मंडी। शिक्षिका मनीषा की मौत मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम शुक्रवार को जांच के लिए फिर से सिंघानी और मृतका के गांव ढाणी लक्ष्मण पहुंची। सीबीआई टीम सबसे पहले सिंघानी पहुंची जहां लाइब्रेरी के पास स्थित ग्रामीण बैंक में जांच की।
करीब सवा घंटे तक टीम यहां रही। चर्चाएं रही कि यहां सीसीटीवी देखे हैं। यहां के बाद टीम मृतका मनीषा के गांव ढाणी लक्ष्मण उसके घर पहुंची और स्वजनों से बातचीत की।
सीबीआई टीम वीरवार को भी सिंघानी गांव पहुंची थी, जहां खाद बीज दुकानदार देवेंद्र से पूछताछ की थी। टीम ने उन जगह को देखा जहां-जहां सीसीटीवी में मनीषा नजर आई थी। एक हार्डवेयर की दुकान से सीसीटीवी फुटेज भी ली थी।
पिछले 17 दिन से मामले की जांच कर रही सीबीआइ टीम अब तक प्ले स्कूल संचालकों, स्टाफ, नर्सिंग कालेज संचालकों, स्वजनों, बकरी पालक, खेत मालिक, खाद-बीज विक्रेता दुकानदार, लाइब्रेरी संचालकों से पूछताछ कर उनके बयान कलमबद्ध कर चुकी है।
सीन आफ क्राइम क्रिएट किया जा चुका है। हर पहलु से जांच की जा रही है। शिक्षिका मनीषा मौत मामले की जांच में जुटी सीबीआइ टीम तीन सितंबर को भिवानी आई थी और पिछले 17 दिन से हर पहलु से मामले की जांच कर रही है।
टीम स्वजनों से बातचीत, प्ले स्कूल संचालक, स्टाफ से पूछताछ, नर्सिंग कालेज में पूछताछ के अलावा खाद-बीज दुकानदार देवेंद्र, बकरी पालक सतपाल, खेत मालिक पवन, साझेदार ईश्वर से पूछताछ कर चुकी है। सेंटरल फारेंसिक साइंस लैबोरेट्री ने भी मौके पर पहुंचकर जांच की थी।
यह है मामला
प्ले स्कूल की शिक्षिका ढाणी लक्ष्मण वासी मनीषा 11 अगस्त को स्कूल में पढ़ाने गई थी मगर वापस नहीं लौटी। स्वजन ने उसकी काफी तलाश की और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने अगले दिन 12 अगस्त को गुमशुदगी का केस दर्ज किया।
13 अगस्त को मनीषा का शव सिंघानी गांव में नहर किनारे मिला। गले पर चोट के निशान देख स्वजनों ने हत्या के आरोप लगाए। नागरिक अस्पताल में चिकित्सकाों के बोर्ड ने शव का पपोस्टमार्टम किया। मगर स्वजन ने शव लेने से इंकार करते हुए कहा कि पहले आरोपितों की गिरफ्तारी करें।
स्वजनों की मांग पर पीजीआइ रोहतक में चिकित्सकों के बोर्ड ने दोबारा पोस्टमार्टम किया। विसरा जांच करवाई गई। जिसमें सामने आया कि शरीर में जहरीला पदार्थ है।
स्वजन ने धरना दिया और एम्स दिल्ली में पोस्टमार्टम और सीबीआइ जांच की मांग की। प्रदेश सरकार ने ये दोनों मांगे मानी। जिसके बाद 21 अगस्त को गांव में ही शव का अंतिम संस्कार किया गया।
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