तीन दिन में दो बार हुई वर्षा से खरीफ की फसलों को होगा फायदा, सब्जियों की फसलों को मिलेगा लाभ
उपमंडल क्षेत्र में तीन दिन में दो बार हुई वर्षा से जहां आमजन को गर्मी से राहत मिली है वहीं कृषि व बागवानी क्षेत्र को बहुत फायदा होने की उम्मीद है। मौस ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, बाढड़ा : उपमंडल क्षेत्र में तीन दिन में दो बार हुई वर्षा से जहां आमजन को गर्मी से राहत मिली है वहीं कृषि व बागवानी क्षेत्र को बहुत फायदा होने की उम्मीद है। मौसम में नमी से सिचाई न होने से खराबे की भेंट चढ़ी कपास, तरबूज, मिर्च, टमाटर के पौधों को विशेष लाभ होने से किसानों ने राहत की सांस ली है। कृषि बाहुल्य बाढड़ा क्षेत्र में पहले खरीफ फसलों के लिए बरसाती पानी पर ही निर्भरता थी लेकिन 90 के दशक के बाद बिजली संचालित ट्यूबवेल के स्प्रिंकलर सिस्टम के आने के बाद भूमिगत जल से ही कपास, गवार व बाजरे की फसलों पर सिचाई बढ़ गई है। मौजूदा समय में पहली बार लगातार डेढ़ माह तक तापमान के 47 का आंकड़ा पार करने व बिजली आपूर्ति में कमी से खरीफ सीजन की नगदी फसल कपास की बिजाई पिछड़ गई है। मौजूदा समय में बिजाई क्षेत्र में 30 से 40 फीसद गिरावट दर्ज की गई है। खरीफ सीजन में दक्षिणी हरियाणा के इस क्षेत्र के रेतीले इलाके मे फसलों व बागवानी को जल्द से जल्द सिचाई की आवश्यकता होती है। लेकिन अब की बार बरसात देरी से होने व बिजली संचालित टयूबवेलों से कम पानी उपलब्धता से दो सप्ताह से कपास के नव अंकुरित पौधे व तरबूज, ककड़ी, मिर्च, टमाटर, प्याज जैसी सब्जी पूरी तरह मुरझा गई थी। लेकिन अब तीन दिन से नियमित बूंदाबांदी से तापमान में गिरावट आने से अब फसलों को भी बहुत लाभ की संभावना बनी है। किसान देवीलाल, जगबीर सिंह, शीशराम सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार अप्रैल, मई माह में इतनी अधिक गर्मी सहनी पड़ी है। बरसात में देरी व बिजली में कटौती के कारण किसानों की फसलों पर सबसे अधिक प्रतिकूल प्रभाव नजर आया है। जिससे किसानों की सब्जी तो खराब हो ही गई साथ में कपास की बिजाई के लिए कम से कम दो बार महंगे दामों के खाद बीज प्रयोग करने पड़े। खरीफ की फसलों को होगा फायदा : कृषि मंत्री
प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि दो दिन से बारिश होने से क्षेत्र के किसानों की फसलों को बहुत फायदा हुआ है। दक्षिणी हरियाणा में खरीफ फसलों को अधिक सिचाई की आवश्यकता होती है जिसके लिए ड्रिप सिस्टम काफी बेहतर साबित हुआ है। कोयले की कमी के कारण बिजली कटों से पार पाने के लिए नहरी पानी को बढ़ाया गया था । अब नए शेड्यूल से पानी देने पर काम किया जा रहा है। 10 एमएम तक हुई वर्षा
जिला कृषि विषय विशेषज्ञ डा. चंद्रभान श्योराण ने बताया कि पिछले दो दिनों में मौसम में आए बदलाव के परिणाम स्वरूप हुई बारिश जो कि जिला दादरी में लगभग छह से 10 एमएम दर्ज की गई है। इस बारिश से तापमान में अमूमन 10 डिग्री गिरावट आई है। सभी खरीफ की फसलों मुख्यत: कपास, सब्जियों की फसलों में आशातीत फायदा हुआ हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।