Haryana News: प्रदेश में पीपीपी में बैंक खाते अपडेट नहीं होने से बुजुर्गों की पेंशन रूकी, विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति को लेकर भी बढ़ी टेंशन; पढ़िए पूरी खबर
प्रदेशभर में दो साल से अधिक पेंशन के लाभार्थी है जिन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा। जबकि विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति के मामले भी काफी सामने आ रहे है। पिछले दिनों यहां आय सत्यापन के कारण लोगों की परेशानियों बढ़ी थी और अब बैंक डाटा अपडेट न होना गले का फांस बन गया है। पीपीपी में आए दिन अलग-अलग तरह की शिकायतें सामने आ रही है।

नवनीत शर्मा, भिवानी। कहने को तो सरकार ने परिवार पहचान पत्र से सरकारी योजनाओं का लाभ देना शुरू कर दिया है, लेकिन जमीनी स्तर पर लाभार्थी इससे वंचित है। पीपीपी में क्रीड द्वारा बैंक खाता अपडेट नहीं किए जाने की वजह से बुजुर्गों की पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
वहीं पात्र विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पा रही है। केवाईसी होने के बावजूद लाभार्थियों के बैंक खाते अपडेट नहीं किए जा रहे है, जिसके कारण उनके बैंक खातों में पेंशन नहीं आ रही है। बुजुर्ग और विद्यार्थी बैंक और सरल केंद्र के चक्कर काट रहे है। इसकी वजह से उनकी टेंशन बढ़ रही है। इनमें बैंक ने तो अपडेट कर दी है, लेकिन क्रीड पीपीपी में नहीं किया जा रहा है।
प्रदेशभर में दो साल से अधिक पेंशन के लाभार्थी है, जिन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा। जबकि विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति के मामले भी काफी सामने आ रहे है। पिछले दिनों यहां आय सत्यापन के कारण लोगों की परेशानियों बढ़ी थी और अब बैंक डाटा अपडेट न होना गले का फांस बन गया है।
विभाग के अधिकारियाें की मानें पर एक माह के अंदर आय का सत्यापन किया जा रहा है, जिसका रिकार्ड भी आनलाइन दर्ज कर रहे हैं। लेकिन अभी तक बुजुर्गों की पेंशन की टेंशन कम होने का नाम नहीं ले रहे है।
परिवार का बदल दिया मुखिया, अब बनी समस्या
पीपीपी में आए दिन अलग-अलग तरह की शिकायतें सामने आ रही है। इसमें किसी की जाति, पता और दो परिवारों को एक ही नंबर जारी करना हो पहले समस्या आती थी। लेकिन अब परिवार का मुखिया ही बदल रहे है। ऐसे परिवार का मुखिया बदले जाने से अन्य सदस्यों से उनके रिश्ते भी बदल गए है।
जो पहले किसी का बेटा था उसे पति बना दिया है। अब रिश्ते का कालम बदलने के बाद ही इस समस्या का समाधान हो सकता है। जिसके कारण पीपीपी उनके लिए परेशानी बन गई। इसको दुरुस्त करवाने के लिए वे चार से पांच माह से चक्कर काट रहे है, लेकिन समाधान नहीं हो रहा।
ऑनलाइन दर्ज करवा रहे आपत्ति, नहीं हो रहा समाधान
जिन लोगों की पीपीपी में दिक्कत है वे कॉमन सर्विस सेंटर, सरल केंद्र में जाकर अपनी आपत्तियां दर्ज करवा रहे हैं। कॉमन सर्विस सेंटर में उनके 50 से 100 रुपये लिए जा रहे है, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी कोई समाधान नहीं हो रहा है। ऐसे में सीएससी संचालक पीड़ितों से रुपये से ऐंठ रहे है मगर समाधान नहीं रहे है। सरल केंद्र पर भी रोजाना 200 से अधिक लोग चक्कर काट रहे हैं।
क्यों है केवाईसी जरूरी?
केवाईसी यानी नो यूवर क्लाइंट। इसमें लाभार्थी को अपनी बैंक स्टेट्स दिखाई होती है। लाभार्थी बैंक में जाकर केवाईसी अपडेट तो करवा लेते है, लेकिन क्रीड की तरफ से उसे अपडेट नहीं किया जा रहा है। ग्राहक के फ्रिंगरप्रिंट और वह जीवित है इसके लिए केवाईसी जरूरी होती है।
प्रदेशभर में पेंशन के लाभार्थी
कैटेगरी | लाभार्थी |
दिव्यांगजन | 186045 |
बुजुर्ग | 1785137 |
विधवा | 815785 |
आश्रित | 158309 |
जिला अनुसार पीपीपी के आंकड़े
जिला पीपीपी
अंबाला 311587
भिवानी 314482
चरखी दादरी 137000
फरीदाबाद 535000
फतेहाबाद 261000
गुरुग्राम 435000
हिसार 480000
झज्जर 260000
जींद 334000
कैथल 280000
करनाल 412000
कुरूक्षेत्र 270000
महेंद्रगढ 251000
नूहं 281000
पलवल 270000
पंचकूला 140000
पानीपत 334000
रेवाड़ी 246000
रोहतक 284000
सिरसा 356000
सोनीपत 384000
यमुनानगर 331000
पीपीपी की त्रुटियों को दुरुस्त करने के लिए दो हेल्प डेस्क लगाए है, जहां पर कर्मचारी नियुक्त किए गए है। जिन लाेगों के बैंक खाते अपडेट संबंधित समस्या है वे सरल केंद्र में जाकर अपनी आपत्ति दर्ज करवाएं, जिसमें एक माह के अंदर समाधान हो जाएगा। - खुशवंत सिंह, जिला प्रबंधक, मानव सूचना संसाधन विभाग, भिवानी।
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