उमस और तेज गर्मी में त्वचा की अनदेखी बढ़ा रही बीमारी, रोजाना 150 नए मामले आ रहे सामने; बचाव के लिए ऐसे बरतें सावधानी
भिवानी जिले में बारिश के बाद उमस और गर्मी बढ़ने से त्वचा रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है। फंगल इंफेक्शन के मामले बढ़ रहे हैं खासकर उन क्षेत्रों में जहां पसीना अधिक होता है। चिकित्सकों ने मधुमेह रोगियों को विशेष सावधानी बरतने और शरीर को सूखा व साफ रखने की सलाह दी है। खुले में बिकने वाली खाद्य सामग्री से बचने की सलाह दी जाती है।
नवनीत शर्मा, भिवानी। जिले में पिछले दिनों हुई बारिश के बाद अब मौसम में उमस और गर्मी हो गई है, जिसके कारण त्वचा रोगियों में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। इसकी वजह मौसम में नमी और पसीने है।
पंडित नेकीराम शर्मा राजकीय मेडिकल कॉलेज की त्वचा रोग ओपीडी में फंगल इंफेक्शन, खुजली, दाद, चकत्ते के मरीजों की संख्या पहले की अपेक्षा एक तिहाई बढ़ गई है।
चिकित्सक के अनुसार रोजाना करीब 125 से 150 तक त्वचा रोगी ओपीडी पहुंच रहे हैं। इनमें से आधे से ज्यादा मरीज फंगल इंफेक्शन से पीड़ित हैं। ऐसे में मरीजों की इस मौसम में की अनदेखी ही उन पर भारी पड़ रही है। चिकित्सक उन्हें दवा के साथ सावधानी रखने का परामर्श दे रहे है।
पसीने के कारण अधिक बढ़ा फंगल इंफेक्शन
बारिश के बाद बढ़ी उमस के कारण पसीना अधिक आता है और कपड़ों से नमी सूख नहीं पाती, जिससे फंगल इंफेक्शन तेजी से फैलता है। खासतौर पर शरीर के उन हिस्सों में, जहां हवा का संपर्क कम होता है जैसे गर्दन, कमर, बगल, पैर के बीच और अंगुलियों के बीच संक्रमण तेजी से फैलता है।
वहीं, नमी और पसीने से बचने के लिए शरीर को सूखा और साफ रखना जरूरी होता है। इसके अलावा, नहाने के बाद शरीर को सुखाए बिना कपड़े पहनना, तंग कपड़े, जींस या सिंथेटिक कपड़े पहनने और गीले मोजे पहनने के कारण भी यह होता है।
मधुमेह के मरीज रखे विशेष ध्यान
ऐसे में इंफेक्शन से बचाव के लिए कपड़ों को मौसम व सीजन के अनुसार प्रयोग करें। वहीं मधुमेह के मरीजों को इस मौसम में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण फंगल इंफेक्शन जल्दी होता है और घाव गंभीर रूप ले सकते हैं। ऐसे मरीजों को ब्लड शुगर नियंत्रित रखने के साथ-साथ शरीर की सफाई पर ध्यान देना जरूरी है।
इन बातों का रखें ध्यान
- शरीर को सूखा और साफ रखें।
- हल्के सूती कपड़े पहनें।
- भीगे कपड़े या गीले मोजे तुरंत बदलें।
- अधिक समय के लिए पसीना न रहने दें।
- भीगने के बाद तुरंत गीले कपड़े उतारकर साफ तौलिए से शरीर को रगड़ कर साफ करना चाहिए।
- पानी भरने वाले क्षेत्रों से होकर आने के बाद साफ पानी से हाथ पैर को धोना चाहिए।
- बाजार की तली हुई और तेल से निर्मित चीजों से बचें।
- बालों को सूखा रखें, तौलिया से बालों को बांधकर न रखें।
- गले-कटे हुए रखे फल न खाएं। पानी को उबालकर पीएं।
- खुले, गंदगी में बिकने वाली खाद्य सामग्री के खाने से बचें।
- कान में पानी जाने से बचाएं। संक्रमण पर डाक्टर को दिखाएं।
ये बरतें सावधानी
गीले कपड़े पहनने से बचे, स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। जलभराव वाले स्थान से निकलने पर पैरों को साफ पानी से धुलें। मच्छरदानी लगा कर ही सोएं। तौलिया, साबुन, कपड़े आदि को शेयर न करें। कोई समस्या होने पर डाक्टर की सलाह लें।
बारिश, उमस के साथ गर्मी के मौसम चर्म रोगियों की संख्या ज्यादा होती है। लोगों को इस रोग से बचने के लिए सावधानी व सफाई रखना जरूरी होता है। तकलीफ अधिक होने पर मरीज घरेलू उपचार करने के बजाय चिकित्सक से जरूर दिखाएं। -डॉ. जनश्रुति, त्वचा रोग विशेषज्ञ, पंडित नेकीराम शर्मा राजकीय मेडिकल कॉलेज।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।