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    HTET की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल, आखिर कैसे बढ़े 1284 अभ्यर्थी? चेयरमैन ने दिया ये जवाब

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 01:59 PM (IST)

    हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा (एचटेट) के परिणाम में 1284 अभ्यर्थियों का अंतर आने से सवाल उठ रहे हैं। बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के बाद संख्या बढ़ने और परिणाम में देरी के कारण घोटाले की आशंका जताई जा रही है। बोर्ड चेयरमैन ने देरी का कारण ऑडिट और सचिव का तबादला बताया है, साथ ही 'बेनिफिट ऑफ डाउट' को भी संख्या वृद्धि का कारण बताया।

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    बोर्ड ऑफ एजुकेशन, हरियाणा (फाइल फोटो)

     

    जागरण संवाददाता, भिवानी। हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा परिणाम घोषित हुए एक सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है। इस पर सवाल उठ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल है कि बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के बाद 1284 अभ्यर्थी कैसे बढ़ गए? पहले जब अभ्यर्थियों को 25-26 अगस्त को बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया था तो इनकी संख्या करीब 46,094 थी मगर जब 10 नवंबर को परिणाम घोषित किया गया तो इनकी संख्या 47,378 हो गई।

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    बोर्ड चेयरमैन प्रो. डॉ. पवन कुमार का कहना है कि कुछ अभ्यर्थियों को हल्के डार्क बिंदु के कारण बेनिफिट ऑफ डाउट मिले तो पास होने वालों की संख्या बढ़ी है। परिणाम में देरी चौथी फर्म से ऑडिट और बोर्ड सचिव नहीं होने के कारण हुई। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से 30 व 31 जुलाई को हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा-2024 लेवल-1, 2 व 3 की परीक्षा करवाई गई थी।

    बोर्ड की ओर से परिणाम तैयार कर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार परिणाम घोषणा से पहले पास हुए अभ्यर्थियों की 25 व 26 अगस्त को बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन करवाई गई। जिसके लिए 46,094 अभ्यर्थियों को बुलाया गया। तब लगा कि परिणाम एक-दो दिन में घोषित जाएगा मगर इसे 101 दिन बाद 10 नवंबर को घोषित किया गया। परीक्षा में कुल 3,35,076 अभ्यर्थी प्रविष्ट हुए थे। परिणाम में देरी और बच्चों की संख्या बढ़ने के कारण घोटाले की आशंका बनी और सवाल उठ रहे हैं।

    ओएमआर सीट आवेदन की प्रक्रिया भी रही उलझाऊ

    बोर्ड हमेशा ओएमआर सीट आवेदन के लिए 60 दिन का समय देता है। इस बार 10 नवंबर को परिणाम घोषित किया गया और 19 तक ही आवेदन का मौका दिया। इसके साथ ही इस बार एक ई-मेल आईडी दी गई, जिस पर अभ्यर्थी ओएमआर सीट के लिए आवेदन कर सकते है और आवेदन ईमेल भेजने के बाद अभ्यर्थी को गेट-वे पेमेंट का लिंक भेजा गया। जबकि पहले सीधे ही आवेदन कर सकते थे।

    सीधी बात: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड चेयरमैन प्रो. डॉ. पवन कुमार से

    एचटेट परिणाम देरी से घोषित किया गया। क्या कारण रहा?

    बोर्ड परिणाम में देरी के कई कारण रहे। चौथी फर्म से आडिट करवाना पड़ा। इसी दौरान बोर्ड सचिव का तबादला हो गया। नए सचिव की भी कुछ निजी व कुछ आधिकारिक समस्याएं रहीं। जिस कारण देरी हुई।

    पहली बार चौथी फर्म से ऑडिट क्यों करवाना पड़ा, जबकि पहले वाली तीनों ही फर्म बाहर की थीं।

    पहले चरण की वैरिफिकेशन में काफी डाउन थे। पहली फर्म ने 40 हजार ओएमआर सीट को दोबारा स्केन किया। सीसीटीवी कैमरा, फेसिंग, बायोमेट्रिक पर संशय हुआ। जिस कारण चौथी फर्म से ऑडिट करवाना पड़ा। चौथी फर्म पी सेक्टर यूनिट से थी।

    परिणाम में 1284 विद्यार्थी कैसे बढ़ गए। पहले बायोमेट्रिक वैरिफिकेशन के लिए बुलाए अभ्यर्थियों की संख्या और पास दिखाए अभ्यर्थियों की संख्या में काफी अंतर है।

    संख्या का सही आंकड़ा मुझे नहीं पता मगर काफी बच्चों के सवालों पर डार्क निशान कुछ हलके थे। ऐसे में इन अभ्यर्थियों को बेनिफिट आफ डाउट दिया तो यह संख्या बढ़ी। 

    इस बार ओएमआर सीट के लिए आवेदन के लिए महज नौ दिन का समय ही दिया गया जबकि पहले 60 दिन का समय होता था।

    इस बार 90 दिन तो परिणाम घोषणा में ही निकल गए। इस कारण नौ दिन का समय दिया। 

    परिणाम में जितने अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ी, उनकी बायोमीट्रिक वैरिफिकेशन के लिए कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई, उन्हें मैसेज भेज कर बुलाया गया। 

    नहीं ऐसा नहीं है। पहले वेरिफिकेशन के लिए करीब 46 हजार अभ्यर्थियों को बुलाया गया था, उनमें से करीब 40 हजार ही पहुंचे। जो रह गए, उन्हें ही बुलाया गया था। जो नए पास हुए है, उनके लिए जल्द ही नोटिफिकेशन जारी की जाएगी, उसके बाद उन्हें जांच के लिए बुलाया जाएगा।

    हर बार बोर्ड चेयरमैन व अन्य अधिकारी-पदाधिकारी प्रेस कान्फ्रेंस करके एचटेट परिणााम घोषित करते है, अबकी बार चोरी-छुपे क्यों घोषित किया गया।

    ऐसा नहीं है। उस दिन फर्मों ने उन्हें बताया था कि परिणाम तैयार हो गया है और आज दे देंगे। जिसके बाद मैने भी ऊपर सूचित कर दिया। फर्म ने परिणाम देने में देरी कर दी। जिस कारण उन्हें उस समय मौजूद कुछ पत्रकारों के सामने ही इसे घोषित कर दिया। इसकी विडियो भी वेबसाइट पर अपलोड की।