रातभर तड़पता रहा ओमपाल का परिवार, इलाज के अभाव में बेटियों ने तोड़ा दम; कलिंगा गांव की घटना से गांव में पसरा मातम
भिवानी के कलिंगा गांव में भारी बारिश के कारण एक मकान की दीवार और छत गिरने से ओमपाल की तीन बेटियों की दुखद मौत हो गई। परिवार मलबे में दबा रहा और बचाव कार्य सुबह शुरू हो पाया। जर्जर मकान में रहने की मजबूरी और समय पर इलाज न मिलने के कारण ये हादसा हुआ। पूरे गांव में शोक का माहौल है।

शिव कुमार, भिवानी। पिछले तीन दिन से लगातार हो रही वर्षा ने कलिंगा गांव के मजदूर ओमपाल के परिवार को सबसे बड़ा नुकसान पहुंचाया, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती। मकान के चारों ओर भरे पानी के कारण मकान की दीवार गिर गई और छत गिरने से ओमपाल, उसकी पत्नी और चार बच्चे दब गए।
मकान गांव के बाहरी क्षेत्र और अप्रोच मार्ग पर होने के कारण किसी को इसका पता नहीं लगा। ओमपाल और उसके बच्चे रातभर करीब सात घंटे तक मलबे के नीचे दबे तड़पते रहे।
सुबह करीब साढे़ पांच बजे ग्रामीणों ने मकान की छत को गिरा देखा तो पूरे परिवार को मलबे से बाहर निकाला और उपचार के लिए भिवानी ले जाने की बजाए सीधे पीजीआइ रोहतक ले गए।
जहां चिकित्सकों ने ओमपाल की तीन बेटियों को मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद गांव में चर्चाएं रही कि काश बेटियों को समय पर इलाज मिल जाता तो वे बच सकती थी।
जर्जर हालत में था मकान
कलिंगा सवाई पाना वासी मजदूर ओमपाल सिंह का खुद का गांव में मकान है मगर वह जर्जर हालत में है और रहने लायक नहीं है। इसी कारण उसने गांव के ही कृष्ण का मकान किराये पर लिया। किराये पर लिया यह मकान गांव के बाहरी क्षेत्र में है और अप्रोच मार्ग पर है। इस मकान के 30-40 मीटर के दायरे में अन्य कोई मकान नहीं है।
पिछले तीन-चार दिन से हो रही लगातार वर्षा के कारण इसमकान के तीन ओर पानी भर गया। इसी कारण मंगलवार रात करीब 10 बजे मकान की एक तरफ की दीवार गिर गई। जिस कारण मकान की छत भी गिर गई और मलबे के नीचे मकान में सोए 47 वर्षीय ओमपाल, उसकी पत्नी 42 वर्षीय अनीता, तीन बेटिया 15 वर्षीय अंशिका, 9 वर्षीय दिशा, 7 वर्षीय भारती और पांच वर्षीय बेटा ध्रूव दब गए।
रातभर सभी सदस्य मलबे में दबे तड़पते रहे। मकान बाहर और अप्रोच होने और रात को वर्षा होने के कारण उस ओर ग्रामीण भी नहीं गए। बुधवार सुबह ग्रामीण उस ओर गए तो मकान की छत गिरने का पता लगा और सुबह साढे़ पांच बजे बचाव कार्य शुरू किए गए।
ओमपाल के चाचा मनबीर व पड़ोसी संदीप फौजी व अन्य ग्रामीणों ने बताया कि ओमपाल जिस मकान में रह रहा था, उसके घर के पीछे की दीवार के साथ बरसात के चलते काफी पानी जमा था तथा साथ लगता हुआ किसी अन्य का मकान भी नहीं था।
घटना की जानकारी उन्हें सुबह पांच बजे चली। तुरंत परिवार के सदस्यों को निकालकर रोहतक मेडिकल कालेज में ले जाया गया। तब तक उसकी तीनों बेटियां दम तोड़ चुकी थी।
गमगीन माहौल में किया गया अंतिम संस्कार
हादसे का शिकार हुई ओमपाल सिंह की तीन बेटियाें 15 वर्षीय अंशिका, 9 वर्षीय दिशा, 7 वर्षीय भारती के शव सायं को पोस्टमार्टम के बाद गांव लाएगए। देर सायं गमगीन माहौल में तीनों का अंतिम संस्कार किया गया। हादसे के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल है।
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