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    Haryana News: राज्य के सात जिलों के 29,438 किसानों को मिलेगा 31 करोड़ का क्लेम, रबी की फसल में सीजन 2022-23 में हुए था नुकसान

    By Jagran News Edited By: Paras Pandey
    Updated: Sat, 06 Jan 2024 02:15 AM (IST)

    सात जिलों के 29438 किसानों को रबी सीजन 2022-23 में हुए फसल (गेहूं सरसों व जों) नुकसान के मुआवजा के रूप में लगभग 31 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजी गई। क्लेम राशि जारी हो चुकी है। कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार किसान हितैषी सरकार है और हम सदैव किसानों की चिंता करते हैं।

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    भिवानी, सिरसा सहित सात जिलों के 29,438 किसानों को रबी सीजन 2022-23 में हुए फसल नुकसान

    जागरण संवाददाता, भिवानी। सात जिलों के 29,438 किसानों को रबी सीजन 2022-23 में हुए फसल (गेहूं, सरसों व जों) नुकसान के मुआवजा के रूप में लगभग 31 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजी गई। क्लेम राशि जारी हो चुकी है।

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    कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार किसान हितैषी सरकार है और हम सदैव किसानों की चिंता करते हैं। चाहें प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल खराब होने का मामला हो या उपज का सही भाव न मिल रहा हो, हर स्थिति में हमारी सरकार किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

    रबी सीजन 2022-23 के तहत जिला सिरसा में 16.42 करोड़ रुपये, रेवाड़ी में 10.31 करोड़ रुपये, भिवानी में लगभग 1.89 करोड़ रुपये, कैथल में 1.44 करोड़ रुपये, कुरुक्षेत्र में 1.36 करोड़, फरीदाबाद में 35,900 रुपये और जिला पंचकूला में 18 हजार रुपये का क्लेम जारी किया गया है।

    जेपी दलाल ने कहा कि विगत 9 वर्षों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने किसान हित में कई कल्याणकारी निर्णय लिए हैं। हमारी सरकार किसानों को मजबूती से आगे बढ़ाने का काम कर रही है।

    वर्ष 2014 से लेकर अब तक इन 9 वर्षों में लगभग 11 हजार करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में सीधे किसानों के खातों में पहुंचाए हैं। उन्होंने कहा कि पहले किसान अपनी फसल मंडी के अंदर ले कर जाता था, तो छह-सात महीनों तक उन्हें पैसा ही नहीं मिलता था, लेकिन हमारी सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है।

    जिससे किसानों को अपनी फसल बेचने में किसी प्रकार की कोई पेरशानी नहीं होती। हमारी सरकार ने 72 घंटे के अंदर अंदर किसानों के खातों में पैसा पहुंचाए हैं। वर्ष 2014 से पहले प्रदेश में 33,507 हेक्टेयर भूमि ही सूक्ष्म सिंचाई के तहत आती थी, लेकिन वर्तमान सरकार के कार्यकाल में आज 4,26,636 हेक्टेयर भूमि की सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से सिंचाई होती है।

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