साइबर अपराध : साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए पुलिस भी कर रही अपने तरीकों में बदलाव
सचिन गुप्ता चरखी दादरी इंटरनेट व भुगतान के लिए डिजिटल माध्यमों के बढ़ते प्रयोग के साथ ही स ...और पढ़ें

सचिन गुप्ता, चरखी दादरी
इंटरनेट व भुगतान के लिए डिजिटल माध्यमों के बढ़ते प्रयोग के साथ ही साइबर ठगी, धोखाधड़ी की वारदातें भी बढ़ने लगी है। साइबर अपराध को अंजाम देने वाले अपराधियों की ओर से हर रोज नए-नए तरीके अपनाकर ठगी की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। इस प्रकार के मामलों का निपटारा करने तथा अपराधियों तक पहुंचने के लिए पुलिस भी अपने तरीकों में बदलाव कर रही है। साइबर अपराधों की जांच के लिए दादरी जिला पुलिस द्वारा अलग से साइबर सेल बनाई हुई है। वर्तमान में दादरी की साइबर सेल में छह पुलिसकर्मी तैनात है। साथ ही साइबर सेल में विभिन्न प्रकार के आधुनिक उपकरण भी उपलब्ध हैं। साइबर सेल में तैनात पुलिसकर्मियों को समय-समय पर कोर्स के लिए भेजा जाता है। इसके अलावा इन पुलिसकर्मियों की मधुबन, पंचकूला, दिल्ली सहित अन्य जगहों पर साइबर सिक्योरिटी से संबंधित ट्रेनिग भी करवाई जाती है। चार मामलों में जांच कर रही साइबर सेल
वर्ष 2021 में दादरी जिले में साइबर ठगी, धोखाधड़ी से संबंधित सात मामले दर्ज किए गए हैं। जिनमें दादरी सिटी थाना में तीन, झोझू कलां पुलिस स्टेशन में दो, दादरी सदर थाने में एक तथा बौंद कलां थाने में एक मामला दर्ज किया गया है। इन सभी मामलों में आरोपितों द्वारा 14 लाख 51 हजार 492 रुपये की ठगी, धोखाधड़ी की गई है। फिलहाल साइबर सेल द्वारा इनमें से चार मामलों पर जांच की जा रही है। थाना, चौकी में दे सकते हैं शिकायत
यदि कोई व्यक्ति साइबर क्राइम का शिकार होता है तो वह संबंधित थाना या चौकी में जाकर अपनी शिकायत दे सकता है। थाने व चौकी में शिकायत मिलते ही पुलिस द्वारा उस पर जांच शुरू कर दी जाती है। इसके अलावा पीड़ित व्यक्ति पुलिस की वेबसाइट पर जाकर भी शिकायत दर्ज करवा सकता है। ये बरतें सावधानियां
दादरी जिला पुलिस द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार लोग सावधानियां बरतकर साइबर अपराध का शिकार होने से बच सकते हैं। - एटीएम मशीन का प्रयोग करने से पहले मशीन की अच्छी तरह से जांच कर लें। मशीन पर कार्ड रीडर वाला सेक्शन सामान्य से ज्यादा उभरा हुआ लगना उसके साथ छेड़छाड़ के कारण हो सकता है। अगर एटीएम मशीन पर की-पैड बेढंगी तरह से निकला हुआ प्रतीत हो तो उसकी जांच करें, ये नकली हो सकता है। - बैंक ट्रांजेक्शन की तुरंत जानकारी के लिए एसएमएस अपडेट की सुविधा का इस्तेमाल करें। अगर खाते से संदेहास्पद लेनदेन होता है तो तुरंत बैंक व स्थानीय पुलिस को सूचना दें, - मोबाइल फोन व कंप्यूटर पर आने वाले अंजान लिक पर क्लिक न करें, - किसी भी अंजान व्यक्ति के साथ बैंक खाता, एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड इत्यादि से संबंधित जानकारी साझा न करें। किसी भी अंजान व्यक्ति को ओटीपी, पासवर्ड, पिन नंबर न बताएं, - मोबाइल फोन, कंप्यूटर पर साफ्टवेयर डाउनलोड करते समय सतर्कता बरतें, - अंजान लिक, क्यूआर कोड इत्यादि पर क्लिक न करें, - किसी अंजान व्यक्ति के साथ आधार नंबर, सत्यापन कोड व अन्य निजी जानकारी साझा न करें, - पिन नंबर व अन्य व्यक्तिगत जानकारी पूछने वाले व्यक्तिगत संदेशों पर प्रतिक्रिया न दें, - इंटरनेट मीडिया खातों के लिए दो चरणीय वेरीफिकेशन प्रक्रिया को सक्रिय करें, - बैंक द्वारा कभी भी फोन पर बैंक खाते, एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड इत्यादि की जानकारी नहीं ली जाती है। यदि कोई फोन पर इस प्रकार की जानकारी मांगता है तो तुरंत संबंधित बैंक में संपर्क करें।

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