कक्षा पहली और दूसरी के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों को देना बाल विकास विभाग को बंद करने की साजिश
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा जिला भिवानी प्रधान भूपेन्द्र चाहर ने कहा कि हरियाणा शिक्षा विभाग नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के नाम पर शिक्षा के अधिकार नियम 2009 का उल्लंघन कर रहा है।

जागरण संवाददाता, भिवानी : राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा जिला भिवानी प्रधान भूपेन्द्र चाहर ने कहा कि हरियाणा शिक्षा विभाग नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के नाम पर, शिक्षा के अधिकार नियम 2009 का उल्लंघन कर रहा है। आमजन मानस के बच्चों को गुणात्मक शिक्षा से वंचित करने की मंशा से कक्षा प्रथम व द्वितीय आंगनबाड़ी केन्द्रों को देकर बाल विकास विभाग को बंद करने की साजिश की गई है। यह शिक्षा विभाग के अस्तित्व पर भी कुठाराघात करने की योजना लगती है। इसका राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ पुरजोर विरोध करता है।
संघ के जिला प्रेस प्रवक्ता राजेश मित्ताथल व विजय डिगवाल ने कहा छोटे बच्चों को शिक्षा देना एक तकनीकी कार्य है। इसके लिये प्राथमिक शिक्षकों दो वर्ष का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे छोटे बच्चों की भावना के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सके। इस योजना को अमलीजामा पहनाया जाता है तो बच्चों का भविष्य अंधकारमय होगा। आंगनबाड़ी वर्कर शिक्षण कार्य के लिए न तो प्रशिक्षित हैं और न ही पढ़ाने का अनुभव है। इससे शिक्षकों के हजारों पद सरप्लस हो जाएंगे जिससे बेरोजगारी को बढ़ावा मिलेगा।
हरियाणा सरकार आंगनबाड़ी वर्कर्स को भी पढ़ाने का कार्य देना चाहती है तो आंगनबाड़ी केन्द्रों में नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी इत्यादि कक्षाएं दी जा सकती हैं। इससे संघ को भी कोई एतराज नहीं होगा और आंगनबाड़ी वर्कर्स को भी काम दे पाएंगे। इससे गरीब जनमानस के बच्चे भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी मिल सकेगी जिससे हमारे देश का भविष्य भी उज्ज्वल होगा। इसके अलावा प्रशासन आंगनबाड़ी केंद्र को भी एनजीओ के हवाले करने की तैयारी कर रहा है। इसके विरोध में आंगनबाड़ी वर्कर्स भी पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। शिक्षा विभाग अपनी मंशा कक्षा प्रथम व द्वितीय आंगनबाड़ी केन्द्रों को देने से बाज नहीं आता है तो संगठन आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे जिसकी जिम्मेदारी हरियाणा सरकार व शिक्षा विभाग की होगी।
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