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    भिवानी: जीरामजी बिल के खिलाफ फूटा कांग्रेस का गुस्सा, कहा- 'महापुरूषों का नाम बदलना BJP-RSS की मानसिकता'

    Updated: Sun, 21 Dec 2025 02:48 PM (IST)

    भिवानी में कांग्रेस ने मनरेगा का नाम बदलने के खिलाफ प्रदर्शन किया। कांग्रेस के शहरी जिला अध्यक्ष प्रदीप गुलिया जोगी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने सरक ...और पढ़ें

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    भिवानी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रस्तावित जीरामजी बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया (फोटो: जागरण)

    जागरण संवाददाता, भिवानी। केंद्र सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के स्थान पर प्रस्तावित नए विधेयक विकसित भारत :रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)-2025 को लेकर राजनीतिक पारा गरमा गया है।

    रविवार को भिवानी में कांग्रेस के शहरी जिला अध्यक्ष प्रदीप गुलिया जोगी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सडक़ों पर उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और रोहतक रोड स्थित कांग्रेस कार्यालय के सामने सरकार का पुतला दहन कर अपना विरोध दर्ज कराया।

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    प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कांग्रेस के शहरी जिला अध्यक्ष प्रदीप गुलिया जोगी ने आरोप लगाया कि सरकार इस नए बिल के माध्यम से मनरेगा जैसे जन-कल्याणकारी और काम के अधिकार वाले कानून का गला घोंटना चाहती है।

    योजना का नाम मनरेगा (महात्मा गांधी के नाम पर) से बदलकर विकसित भारत करना भाजपा और आरएसएस की उस मानसिकता को दर्शाता है, जो महापुरुषों के योगदान को मिटाना चाहती है।

    उन्होंने कहा कि मनरेगा एक सार्वभौमिक मांग आधारित कानून है जो गरीबों को रोजगार की कानूनी गारंटी देता है। नया वीबी जीरामजी बिल सरकार को मांग के अनुसार फंड आवंटित करने की उसकी संवैधानिक जिम्मेदारी से मुक्त कर देगा।

    यह गरीबों के हक पर सीधा डाका है। उन्होंने बिल की बारीकियों पर प्रकाश डालते हुए इसे मजदूर विरोधी करार दिया। तर्कसंगत बनाने के नाम पर नए बिल में ऐसे प्रावधान हैं जो बड़ी संख्या में ग्रामीण परिवारों को जॉब कार्ड की पात्रता से बाहर कर देंगे।

    सरकार रोजगार के दिनों को 100 से बढ़ाकर 125 करने के दावे को कांग्रेस ने महज जुमला बताया। जब बजट और पात्रता ही कम कर दी जाएगी, तो दिनों की संख्या बढ़ाने का कोई लाभ नहीं मिलेगा।

    प्रदीप गुलिया जोगी ने कहा कि भाजपा सरकार लगातार ऐसे कदम उठा रही है जिससे मजदूरों और कर्मचारियों का शोषण बढ़े। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस जनविरोधी विधेयक को वापस नहीं लिया, तो कांग्रेस इस आंदोलन को ग्रामीण स्तर तक ले जाएगी।

    इस अवसर पर बलबीर सरोहा, बलवंत घणघस, संजय गांधी, विरेंद्र वाल्मीकि, डा. फूल सिंह धनाना, श्यामलाल चारण, सुमित बराड़, अमित पंघाल, अशोक जोगी, मंगल यादव, शिवकुमार धानक, मुकेश कुमार, रोबिन चौहान, मनीष श्योराण, मनोज राठी, महेंद्र सिंह, अजीत कुमार, वेदप्रकाश, सुनील कुमार, नरेश प्रदीप चांग, संजय, पंकज चावला, दिनेश धनखड़, मुकेश, संजय सांवरिया, राजेश बड़ाला, कैलाश छोटू सहित अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।