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    चलो गांव की ओर : आस्था का केंद्र के अलावा फौजियों व खिलाड़ियों का गांव है देवसर

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 24 Mar 2021 10:54 AM (IST)

    जागरण संवाददाता भिवानी दिल्ली-पिलानी रोड पर मात्र सात किलोमीटर दूरी पर बसा है गांव देव

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    चलो गांव की ओर : आस्था का केंद्र के अलावा फौजियों व खिलाड़ियों का गांव है देवसर

    जागरण संवाददाता, भिवानी :

    दिल्ली-पिलानी रोड पर मात्र सात किलोमीटर दूरी पर बसा है गांव देवसर। यह गांव धार्मिक आस्था के हिसाब से तो प्रसिद्ध है ही साथ ही खिलाड़ियों और फौजियों का गांव भी है। इस गांव ओलंपियन से लेकर नामी खिलाड़ी दिए हैं। यहां हर तीसरे-चौथे घर में सेना के जवान हैं। इस गांव के बसने को लेकर कई तरह की किवंदतियां हैं। बताते हैं कि इस गांव का खेड़ा एक बार नहीं कई बार उजड़ा और बसा। यहां का मुख्य धाम देवसर धाम पहाड़ी पर बना माता रानी का मंदिर देश विदेश में प्रसिद्ध है। ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई मुराद मातारानी अवश्य ही पूरी करती हैं। गांव के लोगों का मुख्य धंधा खेती बाड़ी है।

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    गांव के इतिहास की बात करें तो यह गांव सात सौ साल से ज्यादा पुराना गांव है। बताते हैं कि एक जमाने में यह इलाका बंजर हुआ करता था। एक बार बंजारा समूह यहां गाय चराते हुए पहुंच गया। रात को उन्होंने यहां ठहराव किया। सुबह अपनी गायों को ले जाने लगे तो गाय वहां से उठी नहीं। जब वह गाय उठाने के लिए प्रयास कर रहे थे तो अचानक आकाशवाणी हुई कि अरे मां दुर्गा को याद करो। मां तुम्हारी मदद करेगी।

    यह आवाज सुन बंजारा समूह के लोगों ने वहीं से कंकड़ पत्थर एकत्रित किए और माता रानी छोटी सी मंदिर रूपी जगह बनाई और पूजा अर्चना की। जैसे ही पूजा-अर्चना की गाय एकाएक उठ गई। इसके बाद जब भी वे यहां आते माता रानी को याद जरूर करते। इसी तरह एक और किवदंती है कि यहां देवसर गांव बसा तो यहां ओछटिया खेड़ा होता था। किन्हीं कारणों से यह खेड़ा उजड़ गया। बड़े बुजुर्गों की माने तो एक दिन मातारानी की आकाशवाणी हुई। इस परिवार के लोग माता रानी की सेवा करेंगे तो यह खेड़ा फिर से आबाद हो जाएगा। मंदिर के बनने से लेकर आजतक ओछटिया परिवार मंदिर में सेवा कार्य कर रहा है। इसके अलावा देवसर धाम मंदिर और परिसर की देखभाल सेवा कार्य चैरिटेबल ट्रस्ट कर रहा है। इस गांव में पांच सरकारी स्कूल हैं। गांव के तीन जवान शहीद हो चुके हैं

    शहीदों में 1962 की लड़ाई में रामकुमार तंवर, मान सिंह शहीद हुए थे। इसके अलावा सिकंदर शहीद हुए हैं। इस गांव से ये दिए हैं अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाड़ी

    1. बॉक्सर मनीष कौशिक जो टोक्यो ओलंपिक का कोटा प्राप्त कर चुके हैं।

    2. मुक्केबाज जितेंद्र ओलंपियन हरियाणा पुलिस डीएसपी हैं।

    3. जयवीर सिंह बॉक्सर हरियाणा पुलिस में कार्यरत हैं।

    4. सावण बॉक्सर रेलवे में टीटीई हैं।

    5. बिजेंद्र बॉक्सर रेलवे में टीटीई हैं।

    6. यशवीर ज्वेलिन थ्रो

    7. पूजा शॉपुट

    8. हरेंद्र एथलेटिक्स

    इनके अलावा : बॉक्सिग कोच विष्णु भगवान, सुमेर एथलेटिक्स कोच, राजेंद्र बॉक्सिग कोच, राय सिंह रेलवे में टीटीई हैं। ये यशवीर के पिता हैं। खिलाड़ियों के अलावा इस गांव से जगदीश शर्मा उपायुक्त हैं। गांव देवसर धार्मिक आस्था रखने वाला गांव है। गांव के लोग आपसी प्रेमभाव के साथ रहते हैं। यहां पर माता रानी का धाम है। पढ़ाई के लिए यहां पर पांच स्कूल हैं। गांव में खिलाड़ियों के साथ सेना के जवान भी ज्यादातर घरों में हैं।

    राधेश्याम, पूर्व सरपंच, गांव देवसर

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