मनीषा मौत मामले में अब किस पर उठी शक की सुई? CBI ने इन लोगों से 12 घंटे तक की पूछताछ
भिवानी में शिक्षिका मनीषा की मौत की जांच कर रही सीबीआई टीम ने पहली बार नर्सिंग कॉलेज पहुंचकर संचालकों से पूछताछ की। टीम ने कॉलेज और आसपास के संस्थानों की वीडियोग्राफी की। मनीषा के पिता ने कॉलेज संचालकों पर संदेह जताया है। सीबीआई ने ढिगावा में पुस्तकालयों की जांच भी की। मनीषा 11 अगस्त को लापता हो गई थी और 13 अगस्त को उसका शव मिला था।

जागरण संवाददाता, भिवानी। शिक्षिका मनीषा मौत मामले की जांच के लिए भिवानी आई सीबीआई टीम ने पहली बार नर्सिंग कॉलेज में जाकर संचालकों से पूछताछ की। टीम ने आइडियल आईटीआई, आइडियल इंटरनेशनल स्कूल, आइडियल नर्सिंग कॉलेज, आइडियल वेटरनरी कॉलेज की वीडियो और फाेटोग्राफी की।
करीब साढे 12 घंटे से भी ज्यादा समय तक संचालकों से पूछताछ की। वहीं सीबीआई की एक टीम ढिगावा पहुंची और दो लाइब्रेरी में पूछताछ की व सीसीटीवी देखी।
शिक्षिका मनीषा मौत मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम नौंवे दिन नर्सिंग कॉलेज पहुंची। मृतका मनीषा के पिता संजय कुमार के अनुसार, मनीषा इसी कॉलेज में नर्सिंग कोर्स के बारे में जानकारी लेने की बात कहकर घर से निकली थी। इसी कॉलेज के पास से अक्सर मनीषा बस में बैठकर अपने घर जाती थी।
पिता नर्सिंग कॉलेज पर उठा रहे सवाल
मृतका के पिता संजय कुमार लगातार नर्सिंग कॉलेज पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि इस मामले में अब तक नर्सिंग कॉलेज संचालकों ने अन्य की तरह आगे नहीं आया। न सीसीटीवी दिखाई, न उनसे मिला। उन्हें इसी पर शक है। जिसके चलते वीरवार सुबह करीब साढे़ 11 बजे सीबीआई टीम सिंघानी स्थित नर्सिंग कॉलेज पहुंची।
यहां संचालकों से पूछताछ की। छुट्टी के बाद बाकी स्टाफ तो चला गया मगर संचालक और सीबीआई टीम वहीं रहे। टीम ने वहां एक बार डायल 112 पुलिस टीम को भी बुलाया, जो कुछ समय रुकने के बाद चली गई।
टीम ने आइडियल आईटीआई, आइडियल इंटरनेशनल स्कूल, आइडियल नर्सिंग कॉलेज, आइडियल वेटरनरी कॉलेज की विडियो और फाेटोग्राफी की रात सवा आठ बजे तक भी सीबीआई टीम कॉलेज में जांच कर रही थी।
वहीं दोपहर के बाद सीबीआई की दो सदस्यीय एक टीम ढिगावा मंडी पहुंची और यहां स्थित दो लाइब्रेरी में जांच-पड़ताल व पूछताछ की। यहां सीसीटीवी खंगाले।
यह है पूरा मामला
प्ले स्कूल की शिक्षिका ढाणी लक्ष्मण वासी मनीषा 11 अगस्त को स्कूल में पढ़ाने गई थी मगर वापस नहीं लौटी। स्वजन ने उसकी काफी तलाश की और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने अगले दिन 12 अगस्त को गुमशुदगी का केस दर्ज किया। 13 अगस्त को मनीषा का शव सिंघानी गांव में नहर किनारे मिला।
गले पर चोट के निशान देख स्वजनों ने हत्या के आरोप लगाए। नागरिक अस्पताल में चिकित्सकाों के बोर्ड ने शव का पपोस्टमार्टम किया। मगर स्वजन ने शव लेने से इनकार करते हुए कहा कि पहले आरोपितों की गिरफ्तारी करें। स्वजनों की मांग पर पीजीआइ रोहतक में चिकित्सकों के बोर्ड ने दोबारा पोस्टमार्टम किया।
मनीषा का तीन बार हुआ पोस्टमार्टम
विसरा जांच करवाई गई। जिसमें सामने आया कि शरीर में जहरीला पदार्थ है। स्वजन ने धरना दिया और एम्स दिल्ली में पोस्टमार्टम और सीबीआई जांच की मांग की। प्रदेश सरकार ने ये दोनों मांगे मानी। जिसके बाद 21 अगस्त को गांव में ही गमगीन माहौल में शव का अंतिम संस्कार किया गया।
तीन सितंबर को दिल्ली से सीबीआई टीम इंस्पेक्टर विवेक के नेतृत्व में जांच के लिए भिवानी पहुंची। पिछले आठ दिन से सीबीआई की टीम मामले की जांच में जुटी है। मृतका के पिता संजय कुमार, प्ले स्कूल संचालक, खाद-बीज दवा विक्रेता देवेंद्र, बकरी पालक सतपाल से बातचीत कर उनके बयान दर्ज कर चुकी है।
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