भिवानी में बारिश से आसान होगी सरसों की बिजाई, किसानों को मिली बड़ी राहत
बाढड़ा क्षेत्र में बारिश से कपास और ग्वार की कटाई में देरी हो सकती है पर सरसों की अगेती बुवाई के लिए मौसम अनुकूल है। किसान सरसों की बुवाई पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि इसमें पानी की कम आवश्यकता होती है और भाव भी अच्छे मिलते हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार 15 से 25 अक्टूबर तक का समय सरसों की बुवाई के लिए उत्तम है।

संवाद सहयोगी, बाढड़ा। उपमंडल क्षेत्र में पिछले दो दिन से हो रही बूंदाबांदी से किसानों की मौजूदा ग्वार व कपास की की कटाई में देरी होने की संभावना है। वहीं, रबी सीजन की अगेती सरसों की बिजाई के लिए उपयुक्त समय है।
अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में नमी युक्त मौसम बनने से अब सर्दी की आहट महसूस होने लगी है और किसान कम सिंचाई के बाद भी सरसों की बिजाई कर पाएंगे।
रबी सीजन में उत्पादित गेहूं के लिए अधिक पानी की जरूरत होती है। वहीं सरसों व चने में कम सिंचाई के बाद भी अच्छा उत्पादन होने की संभावना बनी रहती है।
बाढड़ा, कादमा, झोझूकलां जैसे रेतीले क्षेत्र सहित उपमंडल क्षेत्र में किसान अब सरसों पर ज्यादा भरोसा जता रहे हैं क्योंकि अन्य फसलों के मुकाबले इसके भाव ठीक है जबकि पानी की आवश्यकता भी कम ही रहती है। इस बार मानूसन में पर्याप्त बारिश होने और पिछले दो दिनों से बूंदाबांदी होने के कारण सरसों की बिजाई आसान हो गई है।
किसान शीशराम जगरामबास, सूर्यप्रकाश काकड़ौली, जागेराम व सतपाल आर्य इत्यादि ने बताया कि किसान अब सरसों की अगेती बिजाई में जुटेंगे।
15 से 25 अक्टूबर उपयुक्त समय
कृषि विशेषज्ञ डा. चंद्रभान श्योराण ने बताया कि हाल में हुई बरसात तिलहन सरसों की बिजाई के लिए रामबाण साबित होगी क्योंकि पलेवा का खर्चा बचेगा और भूमि बिजाई के लिए उपयुक्त होगी।
15 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक सरसों की बिजाई का उपयुक्त समय है। अगेती बिजाई के लिए आरएच 725, आरएच 749, आरएच 8812, आरएच 8812 लक्ष्मी, आरएच 9304 वसुंधरा, आरएच 30,आरएच 1706 इत्यादि अच्छी किस्म हैं। इसके अलावा आरएच 1975 और आरएच 1424 भी सरसों की नई किस्में हैं।
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