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    हरियाणा के डोमिनोज में मिला नकली पनीर, जांच में सैंपल हुए फेल; CM सैनी तक पहुंचा मामला

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 02:54 PM (IST)

    चरखी दादरी डोमिनोज शाखा में पनीर का नमूना फेल होने पर एडीसी कोर्ट में केस दायर होगा। शिकायतकर्ता ने निम्न गुणवत्ता की सामग्री के उपयोग का आरोप लगाया था। जांच में नमी अधिक और वसा कम पाई गई। डोमिनोज के पास रिपोर्ट को चुनौती देने का विकल्प है विफल रहने पर पांच लाख तक का जुर्माना लग सकता है।

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    सीएम तक शिकायत पहुंची तो विभाग ने डोमिनोज से लिया पनीर का सैंपल, रिपोर्ट आई फेल ( Jagran Photo)

    जागरण संवाददाता, चरखी दादरी। डोमिनोज की चरखी दादरी ब्रांच में पिज्जा, बर्गर और अन्य खाद्य पदार्थों में प्रयोग होने वाले पनीर का सैंपल फेल पाया गया है। सैंपल एक शिकायत पर संज्ञान लेकर लिया गया था।

    विभागीय अधिकारियों की मानें तो अगर एक माह के अंदर डोमिनोज की ओर से सैंपल रिपोर्ट को चैलेंज नहीं किया जाता है तो फिर एडीसी कोर्ट में केस दायर किया जाएगा।

    बता दें कि दादरी के वार्ड-18 निवासी जितेंद्र जटासरा ने 4 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को शिकायत भेजी थी। इसमें खाद्य सुरक्षा विभाग पर शिकायत करने के बावजूद डोमिनोज दादरी शाखा से सैंपल ना लेने का आरोप भी लगाया गया था।

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    शिकायत में बताया गया था कि डोमिनोज दादरी शाखा निम्न स्तर की सामग्री प्रयोग की जा रही है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद हानिकारक है।

    जितेंद्र जटासरा ने बताया था कि आलम यह है कि डोमिनाेज की खाद्य सामग्री खाने के बाद जी खराब हो जाता है।

    वहीं, यहां से सैंपल लेने के लिए पिछले तीन माह से वो खाद्य सुरक्षा अधिकारी को शिकायत दे रहे हैं, लेकिन अब तक टीम ने वहां पहुंचकर सैंपल नहीं लिया है। मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत में डोमिनोज का सैंपल भरने की मांग की गई थी।

    सीएम तक मामला पहु़ंचने के एक माह बाद लिया सैंपल

    4 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री तक शिकायत पहुंचने के बाद विभागीय अधिकारी हरकत में आए और 5 अगस्त को डोमिनोज दादरी शाखा पहुंचकर पनीर के चार सैंपल लिए गए।

    इनमें से एक सैंपल जांच के लिए लैब भेजा गया, जिसकी रिपोर्ट फेल आई है। वहीं, सूत्रों की मानें तो डोमिनोज की दादरी शाखा करीब ढाई-तीन साल पुरानी है।

    सैंपल इन मानकों पर नहीं उतर पाया खरा

    सैंपल रिपोर्ट की बात करें तो माइस्चर ज्यादा पाया गया। मानकों की बात करें तो माइस्चर 60 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए जबकि सैंपल में मात्रा 63.04 प्रतिशत मिली। वहीं, शुष्क पदार्थ के आधार पर दूध वसा 35.17 प्रतिशत पाई गई जबकि नियमानुसार यह 50 प्रतिशत से कम नहीं होनी चाहिए।

    पांच लाख रुपये तक का जुर्माना संभव

    विभागीय अधिकारी की मानें तो किसी भी खाद्य सामग्री के 4 सैंपल लिए जाते हैं। पहला सैंपल फेल आने के एक माह के अंदर प्रतिष्ठान या कंपनी को सैंपल रिपोर्ट को चैलेंज करना होता है।

    अगर ऐसा किया जाता है तो फिर चार में से दूसरा सैंपल जांच के लिए भेजा जाता है। अगर उसकी रिपोर्ट भी फेल आती है तो उसे फाइनल मानकर एडीसी कोर्ट में केस दायर किया जाता है। एडीसी कोर्ट दोषी पर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगा सकती है।

    चरखी दादरी के खाद्य सुरक्षा अधिकारी पुनीत शर्मा ने बताया कि 5 अगस्त को विभागीय टीम ने डोमिनोज दादरी शाखा से पनीर का सैंपल लिया था, जिसकी रिपोर्ट फेल आई है। अब उनके पास रिपोर्ट चैलेंज करने के लिए एक माह तक का समय है और उसके बाद केस एडीसी कोर्ट में दायर किया जाएगा। वहीं, से जुर्माना राशि तय होती है।

    दादरी ब्रांच में जो पनीर या अन्य सामग्री प्रयोग होती है वो पैकेट बंद ऊपर से आती है। इस बारे में उच्चाधिकारी ही कुछ बता सकते हैं। -प्रवीन कुमार, मैनेजर, डोमिनोज दादरी ब्रांच