Updated: Tue, 02 Sep 2025 10:48 PM (IST)
भिवानी में शिक्षिका मनीषा की मौत के मामले में परिवार CBI टीम का इंतजार कर रहा है। CBI अधिकारी ने फोन पर एक-दो दिन में आने की बात कही है। सरपंच ने SHO को पत्र लिखकर अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ गवाह न बनने की बात कही है। मनीषा 11 अगस्त को स्कूल गई थी और 13 अगस्त को उसका शव खेत में मिला था।
जागरण संवाददाता, भिवानी/ ढिगावा मंडी। शिक्षिका मनीषा की मौत मामले में स्वजन और ग्रामीण सीबीआइ टीम का इंतजार कर रहे थे और टीम की बजाए एक अधिकारी का फोन आया। जिन्होंने आगामी एक-दो दिन में आने की बात कही। मनीषा के पिता संजय और मृतका के दादा ने इसकी जानकारी दी।
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वहीं, गांव के सरपंच ने एसएचओ को पत्र लिखकर कहा कि अराजकता फैलाने व रास्ता रोकने वालों के बारे में वे नहीं जानते और उनके खिलाफ होने वाली किसी भी कार्रवाई में वह या कमेटी सदस्य गवाह नहीं होंगे। ढाणी लक्ष्मण की शिक्षिका मनीषा गांव सिंघानी के एक प्ले स्कूल में पढ़ाती थी।
11 अगस्त को वह स्कूल में पढ़ाने गई मगर वापस नहीं लौटी। जिसके बाद स्वजनों ने पुलिस को सूचना दी। 13 अगस्त को मनीषा का शव सिंघानी के खेत में मिला। उसके गर्दन पर निशान थे, जिस कारण स्वजनों ने हत्या की आशंका जताई। पुलिस ने नागरिक अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम करवाया तो स्वजनों ने मामले की जांच करने तक शव लेने से इंकार कर दिया।
स्वजनों की मांग पर 15 अगस्त को पीजीआई रोहतक में चिकित्सकों के बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया। इस दौरान लगातार धरने-प्रदर्शन चले। स्वजनों ने बाद में मामले की सीबीआइ जांच और एम्स में पोस्टमार्टम की मांग रखी। सरकार ने यह मांग भी स्वीकारी। जिसके बाद 21 अगस्त को शव का अंतिम संस्कार किया गया। अब पुलिस प्रशासन ने फाइल सीबीआइ को सौंप दी है।
सीबीआइ की ओर से 31 अगस्त रविवार को मृतका मनीषा के पिता संजय कुमार के पास फोन आया और एक-दो दिन में आने की बात कही। जिसके तहत पिछले दो दिन से स्वजन सीबीआइ टीम का इंतजार कर रहे है। सीबीआइ टीम मंगलवार को भी नहीं आई। मगर सीबीआइ अधिारी का मंगलवार सुबह करीब नौ बजे मृतका के पिता संजय के पास फोन आया। मृतका के दादा रामकिशन ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि एक-दो दिन में आने की बात कही है।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मेरे को तो न्याय की उम्मीद है नहीं। अराजकता फैलाने व रास्ता रोकने वालों पर कार्रवाई में नहीं होगा कमेटी सदस्य गवाह ढाणी लक्ष्मण के सरपंच जय सिंह ने एसएचओ के नाम एक पत्र लिखा है, जिसकी कापी उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, डीएसपी, एसडीएम को भी दी है।
जिसमें उन्होंने बताया कि मनीषा को न्याय के लिए 19 अगस्त से गांव में धरना चल रहा था। 19 अगस्त की सायं का एक कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी को उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक ने बातचीत के लिए ढिगावा रेस्ट हाउस में बुलाया। कमेटी सदस्यों ने एम्स में पोस्टमार्टम और सीबीआइ जांच की मांग रखी। उस रात करीब डेढ़ बजे उनकी यह मांग मान ली गई।
मुख्यमंत्री ने अपने एक्स हेंडल पर इसकी सूचना दी। 20 अगस्त को सभी धरना समाप्त करने पर सहमत हो गए थे। इस दौरान धरने पर किसी ने अराजकता फैलाने या किसी ने रास्ता रोकने का प्रयास किया तो उनके संज्ञान में नहीं है। वह, गांव या कमेटी सदस्य किसी पर कार्रवाई में कोई गवाह नहीं होंगे। कहीं धरना या प्रदर्शन हुआ तो वे खुद जिम्मेवार होंगे।
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