Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्रोध से नकारात्मक संवेग उत्पन्न होता है इसे नियंत्रित करना जरूरी

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 01 Feb 2019 05:26 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, भिवानी: क्रोध से व्यक्ति की सोचने शक्ति कमजोर होती है जो उसे गलत निर्णय की

    क्रोध से नकारात्मक संवेग उत्पन्न होता है इसे नियंत्रित करना जरूरी

    जागरण संवाददाता, भिवानी:

    क्रोध से व्यक्ति की सोचने शक्ति कमजोर होती है जो उसे गलत निर्णय की ओर अग्रसर करता है। क्रोध से नकारात्मक संवेग का संचार होता है जिसे नियंत्रित करने की जरूरत है। शुक्रवार को चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में अमेरिका के प्रमुख मनोवैज्ञानिक डा. डीन वैन ल्यूवैन बतौर मुख्यवक्ता विश्वविद्यालय सभागार में विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि काम के बोझ और सामाजिक दबाव के कारण तनाव बढ़ रहा है। यह सब मानव जीवन को प्रभावित कर रहा है। क्रोध से नकारात्मक उर्जा बौद्धिक और शारीरिक शक्ति को प्रभावित कर मानसिक तनाव को बढ़ाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पंजाब विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान के वरिष्ठ प्रो. रोशन लाल ने कहा कि तनाव मुक्ति के लिए हमें अपनी दिनचर्या को नियमित कर सकारात्मक सोच रखनी चाहिए। सकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक कार्य और नकारात्मक उर्जा नकारात्मक परिणामों की और अग्रेषित करती है। इसलिए तनाव और क्रोध से बचने के लिए रचनात्मक कार्यो में रुचि लेनी चाहिए।

    उन्होंने विद्यार्थियों को तनाव मुक्त हो क्रोध पर नियंत्रण करने के तरिकों के बारे में बताया। प्रो. संजीव कुमार ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए सकारात्मक सोच रखने और सदैव आत्मविश्वास के साथ खुश रहना चाहिए। क्रोध और तनाव मनुष्य को अपराध की ओर ले जाता है। विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डा. सतबीर ¨सह ने सभी अतिथियों का धन्यवाद एवं स्वागत किया। मंच संचालन डा. स्नेहलता ने किया। कार्यशाला में कई प्राध्यापकों सहित सैकड़ों विद्यार्थी उपस्थित थे।