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    50 वर्ष बाद बना संयोग : वैधृति योग से शुरू, आयुष्मान योग से समाप्त होगा सावन

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 08 Jul 2017 11:46 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : काफी सालों बाद इस बार सावन मास में पांच सोमवार है। खास बात यह कि व ...और पढ़ें

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    50 वर्ष बाद बना संयोग : वैधृति योग से शुरू, आयुष्मान योग से समाप्त होगा सावन

    जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :

    काफी सालों बाद इस बार सावन मास में पांच सोमवार है। खास बात यह कि वैधृति योग के साथ सावन प्रारंभ हो रहा है और आयुष्मान योग के साथ इस मास की समाप्ति। सोमवार, सावन मास, वैधृति योग व आयुष्मान योग सभी के मालिक स्वत: शिव ही हैं। सावन तो हर साल आता है लेकिन इस साल का सावन खास होने वाला है। क्योंकि 50 साल बाद ऐसा अनूठा संयोग बनने जा रहा है जब सावन की शुरूआत और अंत दोनों ही सोमवार को होंगे। चूंकि सोमवार भगवान शिव का दिन है इसलिए इस मुहूर्त में किए गए खास अनुष्ठान आपको भगवान का विशेष आशीष दिलवा सकते हैं। पंडित आनंद शास्त्री बताते हैं कि सालों बाद इस बार सावन मास में पांच सोमवार है। खास बात यह कि वैधृति योग के साथ सावन प्रारंभ हो रहा है और आयुष्मान योग के साथ इस मास की समाप्ति। सोमवार, सावन मास, वैधृति योग व आयुष्मान योग सभी के मालिक स्वत: शिव ही हैं। इस लिए इस बार का सावन खास है।

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    पांच सोमवार की पूजा होगी खास

    10 जुलाई - महामायाधारी की पूजा

    पंडित आनंद शास्त्री ने बताया कि पहले सोमवार को महामायाधारी भगवान शिव की आराधना की जाती है। पूजा क्रिया के बाद शिव भक्तों को ऊं लक्ष्मी प्रदाय ह्री ऋण मोचने श्री देहि-देहि शिवाय नम: का मंत्र 11 माला जाप करना चाहिए। इस मंत्र के जाप से लक्ष्मी की प्राप्ति, व्यापार में वृद्धि और ऋण से मुक्ति मिलती है।

    17 जुलाई- महाकालेश्वर की पूजा

    दूसरे सोमवार को महाकालेश्वर शिव की विशेष पूजा करने का विधान है। श्रद्धालु को ऊं महाशिवाय वरदाय हीं ऐं काम्य सिद्धि रुद्राय नम: मंत्र का रुद्राक्ष की माला से कम से कम 11 मामला जाप करना चाहिए। महाकालेश्वर की पूजा से सुखी गृहस्थ जीवन, पारिवारिक कलह से मुक्ति, पितृ दोष व तांत्रिक दोष से मुक्ति मिलती है।

    24 जुलाई- अर्धनारीश्वर की पूजा

    सावन के तृतीय सोमवार को अर्धनारीश्वर शिव का पूजन किया जाता है। इन्हें खुश करने के लिए ऊं महादेवाय सर्व कार्य सिद्धि देहि-देहि कामेश्वराय नम: मंत्र का 11 माला जाप करना श्रेष्ठ माना गया है। इनकी विशेष पूजन से अखंड सौभाग्य, पूर्ण आयु, संतान प्राप्ति, संतान की सुरक्षा, कन्या विवाह, अकाल मृत्यु निवारण व आकस्मिक धन की प्राप्ति होती है।

    31 जुलाई- तंत्रेश्वर शिव की आराधना

    चौथे सोमवार को तंत्रेश्वर शिव की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन कुश के आसन पर बैठकर ऊं रुद्राय शत्रु संहाराय क्लीं कार्य सिद्धये महादेवाय फट् मंत्र का जाप 11 माला शिवभक्तों को करनी चाहिए। तंत्रेश्वर शिव की कृपा से समस्त बाधाओं का नाश, अकाल मृत्यु से रक्षा, रोग से मुक्ति व सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

    07 अगस्त- भोले की पूजा

    पांचवें सोमवार को श्री त्रयम्बकेश्वर की पूजा की जाती है। ऐसे साधक जो सावन में किसी कारण कोई सोमवार का व्रत नहीं कर पाते हैं उन्हें पांचवें सोमवार का व्रत करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसमें रुद्राभिषेक, लघु रुद्री, मृत्युंजय या लघु मृत्युंजय का जाप करना चाहिए।