भगवान राम का चरित्र है आदर्शों का चित्रण : प्रहलाद ¨सह
जासं,भिवानी: भगवान राम का जीवन आदर्शों से भरा हुआ है, उनके जीवन में त्याग व अपने वचन के पालन के
जासं,भिवानी:
भगवान राम का जीवन आदर्शों से भरा हुआ है, उनके जीवन में त्याग व अपने वचन के पालन के लिए कठोरतम कष्ट सहन करने की शक्ति भी दिखाई देती है। आज हिन्दुस्तान को ऐसे रामराज्य की आवश्यकता हैं, जिसमें सभी को समान अधिकार मिले और सभी उच्च आदर्शों का पालन करते हुए अपना जीवन व्यतीत करे।
ये विचार पूर्व एचसीएस अधिकारी प्रहलाद ¨सह ने लिबर्टी सिनेमा रोड़ स्थित कुंगड़ियों के मंदिर में आयोजित भगवान राम और सीता का विवाह महोत्सव में कहे। उन्होंने कहा कि आज भी भारत के हर घर में राम की आराधना इसलिए होती है क्योंकि राम ने अपने जीवन में आदर्श की स्थापना की। भगवान विष्णु के अवतार राम ने रावण जैसे असुर का विनाश करके पृथ्वी को भय मुक्त किया था। ऐसे समय में धार्मिक आयोजनों के द्वारा ही हम अपनी संस्कृति की रक्षा कर सकते है।
आचार्य रमेश मिश्र ने कहा कि प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को सीता-राम विवाह महोत्सव मनाया जाता है। राजा जनक अपनी कन्या सीता का विवाह करने के लिए स्वयंवर रचते है। शिव धनुष को तोड़ने में सभी राजा असफल हो जाते है। तब राम उस धनुष को तोड़कर सीता से विवाह करते है। आज के दिन ही भगवान राम का विवाह संपन्न हुआ था। इस अवसर पर भगवान राम की बारात का स्वागत किया गया। भगवान राम की बारात का नगर भ्रमण के पश्चात मंदिर में आगमन हुआ। भगवान राम का आरती उतारकर स्वागत किया गया। समारोह में अमित भूगु, मनोज, विकास, मदन, अजय, राजेश, वेदप्रकाश, पुनीत, साहिल जांगड़ा आदि उपस्थित थे।
दीपक शर्मा

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