चिकित्सा सुविधा बढ़ाने में सहायक होगा अस्पताल
बलवान शर्मा, भिवानी
33 साल पहले भिवानी में चार मंजिला इमारत खड़ी की गई। अब तक भी यह इमारत शहर की सबसे ऊंची है। इस विशालकाय भवन को सन 1980 में बनाया गया तो माना जा रहा था कि पूरे एशिया में यह जिला स्तर के अस्पताल की यह सबसे बड़ी इमारत है। 300 बिस्तरों वाले इस अस्पताल का लोकार्पण 2 अक्टूबर 1980 के दिन तत्कालीन मुख्यमंत्री ने किया था। नर्सिग ट्रेनिंग सेंटर, होस्टल व 96 रिहायशी क्वार्टरों वाले इस अस्पताल की तमाम सुविधाओं व विशाल भवन को देखते हुए यहां मेडिकल कालेज स्थापित करने की संभावनाएं भी है। यहां अच्छी स्थिति में लैब भवन है, जबकि लांड्री प्लांट जर्जर हाल हो चुका है। किसी जमाने में यह बहुत बड़ा प्लांट होता था। लेकिन 33 साल का लंबा अर्सा बीत चुका है और इस क्षेत्रवासियों की यह मांग आज तक पुरी नहीं हो पाई है। कभी इस क्षेत्र की शान माने जाने वाले इस अस्पताल के भवन की हालत अब धीरे धीरे जर्जर होने लगी है। कई बार इस अस्पताल को मेडिकल कालेज का दर्जा देने की घोषणाएं भी हुई। लेकिन सिरे नहीं चढ़ी।
लेकिन भिवानी-महेन्द्रगढ़ को एनसीआर में शामिल किए जाने के बाद अब इस संभावना को मजबूती मिली है। हालांकि देखना यह है कि यह उम्मीद की किरण कब जगमगाएगी।
यह है अस्पताल की क्षमता
बिस्तर-300
वार्ड-10
रिहायशी आवास-96
दो कमरों वाले-48
तीन कमरों वाले-48
नर्सिग ट्रेनिंग सेंटर
भिवानी का पहला जिला स्तर का अस्पताल है, जहां शुरू से ही नर्सिग ट्रेनिंग सेंटर भी चल रहा है। यहां पर 120 एएनएम व जीएनएम ट्रेनिंग ले रही है। एएनएम की 30 सीटे है और दो बैच के इस कोर्स में 60 एएनएम ट्रेनिंग ले रही है। तीन बैच के जीएनएम कोर्स के लिए 20 सीटे है और 30 जीएनएम ट्रेनिंग ले रही है।
मेडिकल कॉलेज का दर्जा दिलाने के लिए प्रयासरत : फौजी
स्वास्थ्य विभाग के मुख्य संसदीय सचिव रामकिशन फौजी ने कहा कि वे प्रयास कर रहे है कि भिवानी के सामान्य अस्पताल को मेडिकल कालेज का दर्जा दिया जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री के सामने मांग रखी जा चुकी है और वे खुद भी विभाग की तरफ से फाइल तैयार करवाएंगे।
ये है चिकित्सकों की स्थिति
पद स्वीकृत पद रिक्त पद
पीएमओ 1 0
एसएमओ 5 10
एमओ 42 18
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