मेट्रो यार्ड के लिए अधिग्रहित जमीन पर बनी फैक्टरी को गिराया
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: मेट्रो यार्ड के लिए सेक्टर 9 बाईपास चौक के साथ लगती करी
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
मेट्रो यार्ड के लिए सेक्टर 9 बाईपास चौक के साथ लगती करीब 600 वर्ग जमीन को शुक्रवार को हुडा की टीम ने कब्जा मुक्त करा दिया। यह जमीन हुडा की ओर से वर्ष 2002 में अधिग्रहण की थी। मगर हाई कोर्ट में केस होने की वजह से इस जमीन पर कब्जा नहीं लिया जा रहा था। अब हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद डयूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार नरेद्र दलाल व हुडा के कार्यकारी अभियंता केके श्योकंद के नेतृत्व में एक टीम ने जेसीबी की मदद से इस जमीन पर बने एक फैक्टरी के भवन को गिरा दिया। दोपहर को शुरू हुई कार्रवाई शाम चली और टीम ने फैक्टरी भवन को गिराकर मेट्रो प्रशासन को इस जमीन पर कब्जा दे दिया। मेट्रो की ओर से अब इस जमीन पर यार्ड लाइन के पुल के लिए पिलर का निर्माण किया जाएगा। हुडा की टीम में जेई यशवंत, जेई आशीष छिल्लर, पटवारी सुनील आदि मौजूद रहे।
गौरतलब है कि सेक्टर 9 बाईपास चौक पर हुडा की ओर से 2002 में कुछ जमीन का अधिग्रहण किया गया था। बाईपास चौक के पास करीब 600 वर्ग गज जमीन पर हुडा कब्जा नहीं ले पाया था। कई सालों तक कब्जा न लेने की वजह से वर्ष 2012 में जब मेट्रो का निर्माण शुरू हुआ और इस जमीन पर कब्जा लेना चाहा तो जमीन के तत्कालीन मालिक अविनाश जैन हाई कोर्ट में चले गए थे। कुछ दिन पहले ही हाईकोर्ट ने इस मामले में आदेश दिए कि मामले पर जो भी फैसला हो उसे बाद में देखा जाएगा, पहले इस जमीन पर कब्जा लेकर मेट्रो लाइन के निर्माण की कार्रवाई तत्काल की जाए। इसीलिए इस जमीन पर कब्जा लेने के आदेश हुडा अधिकारियों को दिए गए थे, जिस पर शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए हुडा ने इस जमीन पर बने भवन को गिरा दिया और कब्जा लेकर मेट्रो को यह जमीन सौंप दी।
पूरा भवन ना गिरे, इसीलिए फैक्टरी के भवन में लगे एंगलों को गैस कटर से कटवाया
दरअसल, जब जेसीबी की मदद से फैक्टरी के भवन को गिराया जा रहा था तो डयूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार नरेद्र दलाल व हुडा के कार्यकारी अभियंता केके श्योकंद ने भवन का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया कि भवन की छत में लोहे के एंगल लगे हुए है। अगर लोहे के एंगल नहीं काटे गए तो हुडा की जमीन के साथ-साथ फैक्टरी मालिक की जमीन पर बना भवन भी गिर सकता है। इसीलिए जेसीबी की मदद से आगे का भवन गिराने के बाद पहले लोहे के एंगल गैस कटर से काटे गए तथा बाद में हुडा की जमीन पर बने भवन को गिराने की कार्रवाई की गई।
मार्च माह के अंत तक फैसला नहीं हुआ तो अधिग्रहण प्रक्रिया होगी रद
मेट्रो यार्ड के लिए अधिग्रहण की जाने वाली सेक्टर 9 बाईपास के साथ लगती करीब 2600 वर्ग जमीन का फैसला अभी सरकार के पास विचाराधीन है। हाईकोर्ट के आदेश पर इस जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया करने मार्च माह के अंत में समय खत्म हो रहा है। हालाकि हुडा के स्थानीय कार्यालय ने इस जमीन के अधिग्रहण को लेकर अपनी रिपोर्ट सरकार को भेज दी है, जिस पर जल्द ही फैसला होने की उम्मीद है। अगर सरकार की ओर से मार्च माह के अंत तक फैसला नहीं हुआ तो हुडा को इस जमीन का अधिग्रहण नए सिरे से करना होगा, जिसमें काफी समय लग जाएगा और मेट्रो यार्ड की लाइन कई माह विलंब से तैयार होगी। गौरतलब है कि इसी जमीन की वजह से ही मेट्रो की यार्ड लाइन कई सालों से अटकी हुई है।
वर्जन
मेट्रो की ओर से सेक्टर 9 बाईपास पर जमीन का अधिग्रहण पहले से ही कर रखा था। इस जमीन पर फैक्टरी बनी हुई थी। इस फैक्टरी को शातिपूर्वक जेसीबी की मदद से हटाकर जमीन को कब्जा मुक्त करा लिया गया है।
-केके श्योकंद, कार्यकारी अभियंता, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण।
वर्जन
जिस जमीन से कब्जा हटाया गया वह जमीन पहले से ही हुडा ने अधिग्रहित कर रखी थी। यार्ड लाइन के लिए जो जमीन अधिग्रहण की जानी है, उसकी रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेज रखी है। बहुत जल्द ही इस पर फैसला होने की उम्मीद है।
-विकास ढाडा, संपदा अधिकारी, हुडा।