Silver hallmarking: चांदी खरीदने वाले सावधान, महंगी कीमतों का फायदा उठा रहे ठग; पढ़ें हॉलमार्क को लेकर क्या है नियम?
बाजार में चांदी की बढ़ती कीमतों के साथ मिलावट भी बढ़ गई है। बिना हॉलमार्किंग के बेची जा रही चांदी में 95% तक खोट पाया जा रहा है। दिवाली पर कई लोगों ने मिलावटी सिक्के खरीदे। ज्वेलर्स एसोसिएशन ने ग्राहकों से बिल लेने और शिकायत करने की अपील की है।

चांदी की चीजों पर हालमार्क का नया नियम। फोटो- बीआइएस
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। चांदी की बढ़ी कीमतों ने बाजार में खोट (मिलावट) का माल बढ़ा दिया है। बिना किसी हॉलमार्किंग के बेची जा रही चांदी में 95 प्रतिशत और इससे भी ज्यादा खोट निकल रहा है। इस बार दीवाली पर ऐसा माल खूब बेचा गया। अब उसकी सच्चाई सामने आ रही है। ज्यों-ज्यों चांदी महंगी हुई, त्यों-त्यों यह मिलावट बढ़ी है। इससे चांदी के काफी खरीददार नुकसान का शिकार हो रहे हैं, लेकिन भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) में शिकायत से भी बच रहे हैं।
पिछले महीने त्योहारों पर लोगों ने चांदी के जो सिक्के खरीदकर प्रियजनों को उपहार में दिए, उनमें जमकर खोट निकला है। इनमें गिल्ट और व्हाइट मैटल (सफेद धातु) ही भरा पड़ा है। ऊपर से चांदी की पतली परत चढ़ाकर ही इन्हें चांदी के भाव से कुछ कीमत में बिक्री कर दिया गया। इसी तरह चांदी की पायल और दूसरी कई चीजों में भी यही स्थिति सामने आ रही है।
केस-1
बहादुरगढ़ में एक व्यक्ति ने अपने परिचितों से दीवाली पर गिफ्ट में मिले 10-10 ग्राम के आठ सिक्कों के गहने बनवाने के लिए शुद्धता की जांच करवाई तो उसमें 5 प्रतिशत ही चांदी मिली। यानी एक लाख 60 हजार रुपये प्रति किलो के भाव के हिसाब से जो 80 ग्राम चांदी करीब 13 हजार रुपये की समझी जा रही थी, वह 640 रुपये की निकली। फिर 600 रुपये कारीगर ने शुद्धता जांच कार्य के ले लिए। इस तरह से उन 8 सिक्कों के बदले केवल 40 रुपये ही घर आए। यानी पांच रुपये का एक सिक्का निकला।
केस-2
बहादुरगढ़ के ही लाइनपार क्षेत्र की एक महिला अपनी ननद को दिल्ली से चांदी की पायल दिलाकर लाई। बाद में डिजाइन पसंद न आने पर बहादुरगढ़ के एक ज्वेलर के पास एक्सचेंज में देने पहुंची तो पायल चांदी की बजाय व्हाइट मैटल की निकली। ऊपर से चांदी की परत थी। हालांकि महिला को उम्मीद थी कि उसमें 50-60 प्रतिशत चांदी तो होगी ही, मगर यह तो शून्य के बराबर निकली। ऐसे ही और भी केस हैं।
चांदी में गहनों को लेकर क्या है नियम?
सोने में 24 कैरेट में शुद्धता 999 और 995 होती है। आभूषण में 22 कैरेट पर 91.60 प्रतिशत की शुद्धता की हॉलमार्किंग होती है। जबकि 20 कैरेट में 83.30, 18 कैरेट में 75.0, 14 कैरेट मे 58.5 की सोने की शुद्धता होती है। अब 9 कैरेट पर भी हालमार्किंग का नियम है। इसमें सोने की शुद्धता 37.5 प्रतिशत है। वहीं चांदी के गहनों पर 92.50 की शुद्धता के साथ हाल मार्क का नियम है।
चांदी के सिक्कों और बिस्कुट पर 990 प्रतिशत की शुद्धता की मुहर का नियम है, मगर ऐसा होता नहीं। सोने की खरीद में तो अब ज्यादातर ग्राहकों द्वारा हाल मार्किंग को तरजीह दी जा रही, लेकिन खेल उसमें भी होता है। चांदी में तो अब ज्यादा कीमत के कारण खोट की हदें पार हो रही हैं। इसमें लोग ठगे भी जा रहे हैं।
मगर ज्वेलर्स एसोसिएशनों के पास या भारतीय मानक ब्यूरों में इसकी शिकायतें कम ही पहुंचती हैं। कुछ मामलों में ज्वेलर्स और ग्राहक के स्तर पर आपस में मामला सुलझा लिया जाता है, लेकिन बाकी लोग नुकसान खाकर घर बैठ जाते हैं।
चांदी की कई चीजों में बढ़ा खोट
दीवाली पर तो चांदी की चीजों की खरीद होती ही है। इनमें सिक्के ज्यादा खरीदे जाते हैं। इसको लोग शुभ मानकर घर में रख लेते हैं। इसके अलावा नए मकान या भवन के निर्माण में नींव में चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा रखने की परंपरा है। दान-धर्म के कई और कार्यों में भी चांदी की चीजें खरीदी जाती हैं। इनमें बड़ा खेल हो रहा है।
किसी तरह की हॉलमार्किंग नहीं होती, इसलिए ग्राहकों को पता नहीं चलता कि जिस चीज को उन्होंने चांदी मानकर खरीदा है, वह असल में कुछ और है। जबकि इनकी बिक्री चांदी के भाव पर ही की जाती है। कई बार भाव से कुछ सस्ते के आफर में भी ग्राहक फंस जाते हैं। जानकारों का कहना है कि चांदी में आजकल व्हाइट मैटल की मिलावट सबसे ज्यादा है। यह अधिकतम 60-70 रुपये तौला होता है।
थोक खरीद में दाम और भी कम हो जाते हैं। जबकि चांदी का आज के भाव के हिसाब से प्रति तौला रेट 1600 रुपये से ज्यादा बनता है। पूरे हरियाणा में ज्वेलर्स की अनुमानित रूप से 20 हजार से ज्यादा दुकानें हैं और इस बार दीवाली के आसपास 300 टन से ज्यादा चांदी का कारोबार होने का अनुमान है। इसमें दुकानों से खरीद और ऑनलाइन दोनों शामिल है। ऐसे में किस ग्राहक के पास चांदी की चीजों में कितनी शुद्धता है, इसका पता तो जांच से ही चलेगा।
चांदी के गहनों पर मेकिंग चार्ज चीजों के हिसाब से लगता है। प्लेन चीजों जैसे सिक्का आदि पर यह ज्यादा नहीं होता। ऐसे में किसी ग्राहक के पास मिलावट की चांदी आई है तो इस बारे में एसोसिएशन को जरूर बताएं। साथ में जो भी खरीद करें तो उसका बिल अवश्य ले। ऐसी शिकायत आती है तो उस पर एसोसिएशन अपने नियमानुसार कदम उठाएगी। ज्वेलर्स से भी अपील है कि चांदी की चीजों पर अपनी दुकान की मुहर जरूर लगाएं।
- दीपक वर्मा, प्रधान, ज्वेलर्स एसोसिएशन, बहादुरगढ़
सोने-चांदी की खरीद करते समय एक तो बिल अवश्य लें और दूसरा उसमें हाल मार्क वाली चीजों की ही खरीद करें। चांदी की चीजों पर हॉलमार्क का जो अब नियम है, उसमें सबसे ऊपर बीआइएस का त्रिकोणीय चिन्ह होता है। उसके नीचे सिल्वर लिखा होता फिर उसकी शुद्धता और उससे आगे एचयूआइडी होती है। अगर किसी ग्राहक के साथ कोई गड़बड़ी होती है तो बीआइएस को इसकी शिकायत मेल या ऐप से कर सकते हैं। हमारे पास शिकायतें आती तो हैं, लेकिन संख्या कम है। ज्यादातर लोग अपने स्तर पर मामले को निपटाने की कोशिश करते हैं।
- संदीप कुमार, हालमार्क प्रतिनिधि, भारतीय मानक ब्यूरो, फरीदाबाद

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