केंद्रीय कर्मचारियों के अनुसार बढ़ाया जाए वेतन
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के आह्वान पर सरकारी बैं ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के आह्वान पर सरकारी बैंक कर्मी बृहस्पतिवार को भी हड़ताल पर रहे। यूएफबीयू एवं अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ की हरियाणा प्रात की बहादुरगढ़ यूनिट द्वारा भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा बहादुरगढ़ के सामने प्रदर्शन किया गया।
इसमें स्थानीय बैंकों के अधिकाश अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। बैंकों की इस हड़ताल के कारण करोड़ों रुपये का लेन-देन ठप रहा। बैंक बंद होने से उपभोक्ताओं को निराश होकर घर वापस लौटना पड़ा। रोजमर्रा के काम नहीं हो सके। एटीएम भी खाली रहे, जिससे उपभोक्ताओं को नकदी की किल्लत का भी सामना करना पड़ा।
एआइबीओसी के हरियाणा इकाई के उप प्रधान प्रियव्रत ने हड़ताल के दूसरे दिन सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बैंक कर्मचारियों का वेतन समझौता 2017 से अभी तक लंबित है। बैंक में नव नियुक्त एक लिपिक का वेतन केंद्र सरकार के एक चपरासी से भी कम है। बैंक का कार्य वित्तीय जोखिम से भरा है, परंतु आईबीए 2 प्रतिशत की वेतन वृद्धि का सुझाव देकर भद्दा मजाक किया है। बैंक आज बुरे दौर से जरूर गुजर रहे है परतु कुल डूबे हुए कर्जाें का 88 प्रतिशत बड़े उद्योगपतियों का कर्ज है जो सरकार की नीतियों और उच्च अधिकारियों के फैसलों पर होता है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी व अधिकारी वेतन पुनर्निधारण के लिए यह माग करते है कि उनका वेतन केंद्रीय कर्मचारियों के अनुसार बढ़ाया जाए। 1979 में पिल्ले कमेटी के समय बैंक अधिकारियों के वेतनमान आइएएस के समकक्ष या ज्यादा थे। आज बैंक अधिकारी सब से कम वेतनमान ले रहे है। राष्ट्रीयकृत बैकों के अधिकारी दिन-रात काम करते हैं। गरीबी उन्मूलन योजनाओं में हमारा योगदान सर्वविदित है। हड़ताल के दौरान भारतीय स्टेट बैंक से एआइबीओसी के यूनिट सचिव विशाल ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर आलोक, जगदीश, महताब, राजेश, जवाहर, सुभाष, सुनील, अजय, निकिता, विनय, धर्मेन्द्र, विशाल, पीएनबी से संदीप, अमन, सुनील, अनिल, रामकिशन, मीनू, देवेंद्र शर्मा, पवन, आध्रा बैंक से कृष्ण, कारपोरेशन बैंक से प्रदीप सागवान, संदीप, देवेंद्र एवं अन्य बैंकों से भी काफी संख्या में कर्मचारी हड़ताल के दौरान मौजूद रहे।

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