'और कहीं जाओ...', स्कूलों में जागरूकता अभियान के लिए पहुंची संस्था, हरियाणा की महिला अधिकारी ने दिया गजब जवाब
बहादुरगढ़ के स्कूलों में नशा और नारी सशक्तिकरण पर जागरूकता अभियान चलाने के लिए एक संस्था को शिक्षा विभाग की एक अधिकारी द्वारा कथित तौर पर बाधा डालने और बुरा व्यवहार करने का आरोप है। संस्था ने अधिकारी के रवैये पर आपत्ति जताई थी। अब विभाग ने अभियान की स्वीकृति की बात कही है लेकिन संस्था अधिकारी के व्यवहार पर कार्रवाई चाहती है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: क्षेत्र के स्कूलों में छात्र-छात्राओं को नशे व नारी सशक्तिकरण पर एक संस्था जागरूक करना चाहती थी। इसके लिए प्रशासन ने भी स्वीकृति दे दी थी, मगर आरोप है कि शिक्षा विभाग की तत्कालीन महिला अधिकारी ने न केवल इसमें अड़चन डाल दी, बल्कि संस्था अध्यक्ष के साथ रूखा व्यवहार भी किया।
ऐसे में संस्था ने उनके व्यवहार पर भी आपत्ति जताते हुए शिकायत की थी। अब विभाग की ओर से संस्था को अभियान के लिए स्वीकृति दिए जाने की बात कही गई है, लेकिन संस्था के पदाधिकारियों का कहना है कि संबंधित महिला अधिकारी का रवैया बेहद गलत था।
2024 की है घटना
उस पर भी उचित संज्ञान लिया जाना चाहिए। जिन महिला अधिकारी से जुड़ा यह मसला है, वे बहादुरगढ़ में बीईओ के पद पर रही हैं। हाल ही में उनकी पदोन्नति हुई है, लेकिन संस्था को उनका व्यवहार बेहद अखर रहा है।
दरअसल, बहादुरगढ़ की ब्रह्म सेवा समिति जुलाई 2024 से बहादुरगढ़ व आसपास के क्षेत्र में साइबर अपराध जागरूकता अभियान चला रही है।
जागरूकता अभियान व गतिविधियों में हरियाणा पुलिस की तरफ से भी संस्था को सहयोग मिला। संस्था अध्यक्ष दिनेश कुमार ने बताया कि मार्च 2025 में संस्था की बैठक में निर्णय लिया गया कि आसपास के विद्यालयों में नशे के विरुद्ध जागरूकता अभियान व नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए छात्राओं का मनोबल बढ़ाने की आवश्यकता है।
'मुन्नी देवी ने मुझे घृणा की नजरों से देखा और बोलीं...'
इसके लिए बहादुरगढ़ एसडीएम को अनुमति के लिए पत्र सौंपा गया। उन्होंने अप्रैल की शुरूआत में खंड शिक्षा अधिकारी को पत्र भेज दिया। इसके एक सप्ताह बाद मैं अनुमति पत्र पर प्रतिक्रिया लेने खंड शिक्षा कार्यालय पहुंचा तो वहां पर मुझे तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी मुन्नी देवी मिलीं।
दिनेश कुमार ने बताया कि संबंधित अधिकारी ने पहले तो मुझे घृणा जैसी नजरों से देखा, फिर बोलीं.. सारे जागरूकता कार्यक्रम इसी ब्लॉक में करने जरूरी हैं क्या, और किसी ब्लॉक में जाकर परमिशन लो और वहां जागरूकता अभियान करो।
दिनेश कुमार का कहना है कि एक जिम्मेदार अधिकारी की ऐसी बातों को सुनकर यह लगा कि कहीं हमारी संस्था कोई अपराध तो नहीं कर रही है।
दिनेश कुमार ने बताया कि उन्होंने ईमेल के जरिये इस बारे में उच्चाधिकारियों को शिकायत भेजी। शिकायत का मकसद यह है कि अधिकारियों का इतना अहंकारी चेहरा किस लिए है।
अधिकारी बोलीं- 'जो जवाब देना था दे दिया है'
एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री की कर्मठता व शालीनता की अन्य प्रदेशों में मिसाल दी जा रही है और दूसरी तरफ इसी प्रदेश के कुछ अधिकारी अहंकार में इतने चूर हैं कि सामाजिक संस्थाओं का अपमान तक करने से भी नहीं चूकते।
ऐसी अधिकारी को यह अच्छी तरह समझाया जाए कि आम जनता व सामाजिक संस्थाओं के साथ मर्यादित व्यवहार करें और जागरूकता अभियान की अनुमति दें, ताकि समाज व राष्ट्र सशक्त और जागरूक बने।
उधर, तत्कालीन बीईओ रही और वर्तमान में जिला उप शिक्षा अधिकारी मुन्नी देवी का कहना है कि उन्होंने इस विषय पर अपना जवाब दे दिया हैं। मैंने कोई गलत व्यवहार नहीं किया। अनुमति की जो प्रक्रिया है, उसी पर बात की थी।
अब डीईओ ने भेजा मेल का जवाब, उच्चाधिकारियों ने दी सहमति
इधर, समिति अध्यक्ष दिनेश कुमार की ओर से भेजी गई मेल को लेकर अब जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से जवाब दिया गया है। उन्होंने बताया है कि उच्चाधिकाारियों ने समिति के इस कार्यक्रम के लिए सहमति दी है। संस्था अध्यक्ष को डीईओ कार्यालय में संपर्क करने के लिए कहा गया है।
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