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    मुंगेशपुर ड्रेन से हटेंगे कब्जे, डीआरओ से मांगा रिकॉर्ड; तहसीलदार को पैमाइश के लिए लिखा लेटर

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 03:13 PM (IST)

    बारिश में शहर को जलभराव से बचाने के लिए मुंगेशपुर ड्रेन को सुरक्षित करने की तैयारी है। सिंचाई विभाग ड्रेन से अवैध कब्जे हटाएगा और तटबंधों को तीन फीट ऊंचा करेगा। कई स्थानों पर अवैध कब्जों के कारण सफाई बाधित है। ड्रेन के टूटने से कई कॉलोनियों में पानी भर गया था। सामाजिक कार्यकर्ता ने ड्रेनों की सफाई का ब्योरा मांगा है।

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    बहादुरगढ़ में मुंगेशपुर ड्रेन के तटबंधों की स्थिति। जागरण

    जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। बारिश के मौसम में शहर के लिए आफत बनी मुुंगेशपुर ड्रेन को अब सुरक्षित करने की तैयारी है। इसके लिए इस ड्रेन से सबसे पहले अवैध कब्जे हटाए जाएंगे। सफाई कार्य और तटबंधों को मजबूत करने में अड़चन बनने वाले टेढ़े-मेढ़े पेड़ कटेंगे।

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    ऐसे में सिंचाई विभाग ने जिला राजस्व कार्यालय से इस ड्रेन का पूरा रिकॉर्ड मांगा है। साथ ही तहसीलदार को भी इसकी पैमाइश के लिए पत्र लिखा गया है। सिंचाई विभाग की प्लानिंग है कि इस बार ड्रेन में पानी का जो हाई लेवल रहा, उससे तटबंधों को तीन फीट ऊपर तक बनाया जाएगा। ताकि भविष्य में फिर से ऐसी आफत न आए।

    शहर में जो भी जलभराव की आफत आई, वह इस ड्रेन की वजह से आई। अगर यह मजबूत और साफ होती, इस पर अवैध कब्जे न होते, तटबंध कमजोर न होते तो फिर बारिश की ज्यादा बारिश भी शहर के लिए अधिक परेशानी नहीं बन पाती।

    खैर, अब तो इस स्थिति से सीख लेकर आगे की सुध लेने की प्लानिंग है। इस बीच, ड्रेनों की मानसून से पहले सफाई पर कितना काम हुआ और कितना पैसा खर्च हुआ, इसकी भी आरटीआइ के तहत एक सामाजिक कार्यकर्ता ने जानकारी मांगी है।

    कई जगहों पर है ड्रेन पर अवैध कब्जे

    इस ड्रेन पर कई जगह अवैध कब्जे है। बहादुरगढ़ में दो ड्रेन आकर मिलती है। एक मुंंगेशपुर और दूसरी वेस्ट जुआ। मुंगेशपुर ड्रेन दिल्ली के निजामपुर की तरफ से आती है और वेस्ट जुटा ड्रेन रोहतक जिले की तरफ से आती है। दोनों के मिलन के बाद इससे यह केवल मुंगेशपुर ड्रेन बन जाती है।

    कई जगह इसके तटबंधों पर अवैध कब्जे हैं। उनके कारण भी सफाई नहीं हो पाती, क्योंकि मशीन के लिए जगह ही नहीं है। ड्रेन की सफाई मैनुअल तो हो नहीं सकती और मशीनों के लिए रास्ता नहीं है। ऐसे में यह ड्रेन कमजोर हो गई। कई जगह इसके तटबंधों काे काटकर कमजोर भी किया गया है।

    शहर के वार्ड 18 के अलावा आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र और झाड़ौदा बार्डर के पास इस ड्रेन के तटबंधों पर अवैध कब्जे हैं। जहां-जहां लोगों ने अवैध कब्जे कर रखे हैं, उनको भी इस ड्रेन की वजह से कहीं ज्यादा आफत झेलनी पड़ी। वहां पर अभी भी कुछ हिस्से में पानी नहीं निकला है।

    ड्रेन के तटबंध किए जाएंगे ऊंचे

    इस बार मुंगेशपुर ड्रेन में जो पानी का हाई लेवल रहा, उससे तटबंधों को 3 फीट ऊंचा करने की तैयारी है। ताकि भविष्य में ऐसी नौबत न आए। इस बार जब ड्रेन टूटी और बहुत सी जगहों पर ओवरफ्लो हुई तो प्रशासनिक अमले ने कई दिनों तक 24 घंटे मेहनत करके स्थिति को संभाला।

    मगर जैसे-जैसे तटबंधों पर मिट्टी के कट्टे लगाए गए, वैसे-वैसे ड्रेन का जल स्तर भी बढ़ता रहा। बाद में जब यह कम होना शुरू हुआ, तब जाकर राहत मिली थी। ड्रेन के तटबंधों को ऊंचा करने के साथ ही सिंचाई विभाग की ओर से अब कुछ साधन जुटाने की भी तैयारी है। मोटर बोट के अलावा दूसरी कई चीजें विभाग अगले मानसून के मौसम से पहले जुटाएगा।

    चार जगहों पर ड्रेन टूटने से आई आफत

    मुंगेशपुर ड्रेन टूटने से चार जगहों पर आफत आई। एक ताे छोटूराम नगर का एरिया। यहां कुछ हिस्से में तो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पास से जब ड्रेन टूटी तभी पानी भर गया था। इसके बाद जब यह ड्रेन दिल्ली के निजामपुर एरिया में टूटी तो उससे छाेटूराम नगर का बड़ा हिस्सा डूबा गया था। वहां पर अभी भी पानी है। इसके अलावा परनाला गांव के सामने लाइनपार क्षेत्र में बनी न्यू नेताजी नगर कालोनी भी इस ड्रेन के पानी में टूट गई थी।

    इसी जगह पर दोनों ड्रेनों का मिलन होता है। यहां से सफाई भी नहीं हो रखी है और ड्रेन पर अवैध कब्जे भी हैं। इसके अलावा वार्ड 18 का विवेकानंद नगर व धर्मविहार का एरिया भी पानी में डूबा। इस जगह पर भी ड्रेन पर अवैध कब्जे किए गए हैं। अब यहां के लोगों के बीच यह आवाज है कि चंद निवासियों की गलती की सजा पूरी कालोनी क्यों भुगते। इसलिए ड्रेन से अवैध कब्जे हटाकर तटबंधोंं को मजबूत किया जाए।

    इसके अलावा दिल्ली-हरियाणा सीमा पर बसी गीतांजलि कालोनी तो पूरी तरह झील बन गई थी। इसी कालोनी के पास अवैध पीवीसी मार्केट है। यहां पर बड़े हिस्से में कबाड़ रखा गया है। यहां से भी ड्रेन का तटबंध काटकर कमजोर किया गया है। अगर ड्रेन पर अवैध कब्जे न होते और सफाई हो गई होती तो शायद यह नौबत नहीं आती।

    ड्रेनों की सफाई का मांगा ब्योरा

    शहर के सामाजिक कार्यकर्ता सतपाल हाडा ने मानसून से पहले शहर से गुजरने वाली ड्रेनों की सफाई का ब्योरा मांगा है। हाडा ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2021 से लेकर 2024 और पिछले एक वर्ष के दौरान हुए कार्य व खर्च की जानकारी सिंचाई विभाग से मांगी है।

    इसमें मुंगेशपुर ड्रेन और वेस्ट जुआ ड्रेन दोनों पर किस प्रक्रिया से कार्य हुआ, इसकी दस्तावेज समेत जानकारी के लिए सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत पत्र लिखा है। इसके साथ ही बहादुरगढ़ एरिया में कितनी ड्रेन सिंचाई विभाग के मातहत आती हैं और किस ड्रेन की कितनी लंबाई-चौड़ाई व गहराई है। इसका भी ब्योरा मांगा है।

    मुंगेशपुर ड्रेन से अवैध कब्जों को हटाने के लिए इसका रिकॉर्ड मांगा गया है। साथ ही तहसीलदार को भी इसकी पैमाइश के लिए लिखा है। ड्रेन में जो इस बार पानी का हाई लेवल रहा, उससे तीन फीट ऊपर तक तटबंध बनाए जाएंगे। लोगों को भी इस कार्य में सहयोग देना होगा।

    - इशान सिवाच, एक्सईएन, सिंचाई विभाग, बहादुरगढ़