बहादुरगढ़ में वर्षा के सीजन में आफत बनी ड्रेन के तटबंध होंगे ऊंचे और कब्जे हटेंगे, पढ़ें पूरी प्लानिंग
बारिश में बहादुरगढ़ के लिए मुसीबत बनी मुंगेशपुर ड्रेन को सुरक्षित करने की तैयारी है। सिंचाई विभाग अवैध कब्जे हटाकर तटबंधों को मजबूत करेगा। ड्रेन के तटबंधों को तीन फीट ऊंचा किया जाएगा। अवैध कब्जों के कारण सफाई बाधित है इसलिए राजस्व विभाग से रिकॉर्ड मांगा गया है। ड्रेन चार जगहों पर टूटी जिससे कई काॅलोनियों में पानी भर गया। सामाजिक कार्यकर्ता ने ड्रेन की सफाई का ब्योरा मांगा है।

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। बारिश के मौसम में शहर के लिए आफत बनी मुुंगेशपुर ड्रेन को अब सुरक्षित करने की तैयारी है। सिंचाई विभाग की प्लानिंग है कि इस बार ड्रेन में पानी का जो हाई लेवल रहा, उससे तटबंधों को तीन फीट ऊपर तक बनाया जाएगा। ड्रेन से अवैध कब्जे हटाए जाएंगे। सफाई कार्य और तटबंधों को मजबूत करने में अड़चन बनने वाले टेढ़े-मेढ़े पेड़ कटेंगे। सिंचाई विभाग के एक्सईएन इशान सिवाच ने बताया कि जिला राजस्व कार्यालय से इस ड्रेन का पूरा रिकाॅर्ड मांगा है। साथ ही तहसीलदार को भी पैमाइश के लिए पत्र लिखा गया है।
शहर में जो भी जलभराव की आफत आई, वह इस ड्रेन की वजह से आई। अगर यह मजबूत और साफ होती, इस पर अवैध कब्जे न होते, तटबंध कमजोर न होते तो फिर बारिश की ज्यादा बारिश भी शहर के लिए अधिक परेशानी नहीं बन पाती। खैर, अब तो इस स्थिति से सीख लेकर आगे की सुध लेने की प्लानिंग है। इस बीच ड्रेनों की मानसून से पहले सफाई पर कितना काम हुआ और कितना पैसा खर्च हुआ, इसकी भी आरटीआई के तहत एक सामाजिक कार्यकर्ता ने जानकारी मांगी है।
कई जगहों पर है ड्रेन पर कब्जे
शहर के वार्ड 18 के अलावा आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र और झाड़ौदा बार्डर के पास इस ड्रेन के तटबंधों पर अवैध कब्जे हैं। इन कब्जों के कारण भी सफाई नहीं हो पाती, क्योंकि मशीन के लिए जगह ही नहीं है। ऐसे में यह ड्रेन कमजोर हो गई। कई जगह इसके तटबंधों काे काटकर कमजोर भी किया गया है।
चार जगहों पर ड्रेन टूटने से आई आफत
मुंगेशपुर ड्रेन टूटने से चार जगहों पर आफत आई। एक ताे छोटूराम नगर का एरिया। यहां कुछ हिस्से में तो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पास से जब ड्रेन टूटी तभी पानी भर गया था। इसके बाद जब यह ड्रेन दिल्ली के निजामपुर एरिया में टूटी तो उससे छाेटूराम नगर का बड़ा हिस्सा डूबा गया था। वहां पर अभी भी पानी है।
परनाला गांव के सामने लाइनपार क्षेत्र में बनी न्यू नेताजी नगर कालोनी भी इस ड्रेन के पानी में टूट गई थी। वार्ड 18 का विवेकानंद नगर व धर्मविहार का एरिया भी पानी में डूबा। दिल्ली-हरियाणा सीमा पर बसी गीतांजलि कालोनी तो पूरी तरह झील बन गई थी।
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