खंभों और पेड़ों ने रोका चार करोड़ का प्रोजेक्ट, नाला पूरा न होने से दिल्ली-रोहतक रोड बना तालाब
बहादुरगढ़ में दिल्ली-रोहतक रोड पर चार करोड़ का नाला अधूरा है जिससे बारिश में सड़क तालाब बन गई है। खंभे और पेड़ हटाने के लिए पैसे जमा हैं फिर भी काम रुका है। जाखौदा से सांखौल तक नाले की जरूरत थी क्योंकि सड़क पर पानी भर जाता था। 90% नाला बन गया है लेकिन खंभों और पेड़ों से रुकावट है जिससे पानी की निकासी नहीं हो रही है।

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। पुराने दिल्ली-रोहतक रोड पर चार करोड़ के नाले का प्रोजेक्ट अभी तक पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में बारिश के कारण दूर तक सड़क तालाब बन गई है। नाला पूरा हो तो यह समस्या भी न रहे, मगर नाले में अड़चन बने बिजली खंभे व पेड़ हट नहीं रहे हैं।
संबंधित विभागों को इन्हें हटाने के लिए पैसे भी जमा करवाए जा चुके हैं, मगर दो महीने से तो कोई भी हलचल नहीं है। पेड़ व खंभे न हटने से ही नाला पूरा नहीं हो रहा है। इस नाले का निर्माण जाखौदा के किसान चौक से लेकर सांखौल गांव में ड्रेन तक कराया गया है।
यह पुराने दिल्ली-रोहतक रोड के साथ-साथ बना है। इसकी जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि जाखौदा से सांखौल तक सड़क पर एक साइड में अत्यधिक पानी जमा हो रहा था। इसकी कोई निकासी नहीं थी। जाखौदा में तो बड़ी संख्या में कामगार रहते हैं, क्योंकि बहादुरगढ़ का फुटवियर पार्क इस गांव के ठीक सामने है।
आबादी बढ़ने के कारण गांव से गंदा पानी भी रोजाना भारी मात्रा में निकलता है। इसकी निकासी कहीं नहीं है तो यह दिल्ली रोड पर आकर जमा होता था। दूसरा, जाखौदा से सांखौल तक सड़क के साथ-साथ काफी फैक्ट्रियां और दूसरे प्रतिष्ठान बन चुके हैं। इनकी भी निकासी की समस्या थी।
ऐसे में जब दिल्ली-रोहतक रोड के पुनर्निर्माण की योजना बनाई गई तो साथ में नाले की भी प्लानिंग की गई। चार करोड़ का बजट नाले के लिए तय किया गया।
यह नाला 90 से 95 प्रतिशत हिस्से में तो बना हुआ है, लेकिन कई जगह से निर्माण अधूरा है। इसीलिए पानी की निकासी भी नहीं हो रही। बीच में या तो पेड़ हैं या फिर बिजली खंभे। इनको हटाया जाना है। नाला चालू न होने से हाल ही में हुई बारिश का पानी सड़क पर ही जमा है।
क्या है दिक्कत?
इस रोड का पुनर्निर्माण लोक निर्माण विभाग की ओर से कराया गया, जहां तक नाला बना है, वहां तक सड़क का निर्माण भी पूरा हो चुका है। अब दूसरे चरण में सांखौल से सेक्टर-9 तक पुनर्निर्माण का कार्य शुरू हो रखा है, लेकिन दिक्कत यह है कि सड़क तो महीनों पहले बन चुकी, जबकि नाला बीच-बीच में अधूरा है।
चार जगहों से बिजली के खंभे हटने हैं और 77 पेड़ इसमें अचड़न हैं। ये जब हटेंगे तभी नाला शुरू से आखिर तक पूरा होगा। अब तो जहां पर खंभा है, वहां दोनों तरफ से बन चुका है, लेकिन खंभे की वजह से जुड़ाव होना बाकी है।
लोगों का कहना है कि सरकारी सिस्टम की यही दिक्कत है। पहले तो काम को शुरू होने में ही समय लगता है और फिर यह पूरा होने में लंबा इंतजार करना पड़ता है। अब जो हालात हैं, उसमें नाला अधूरा है इसलिए पानी की निकासी नहीं हो रही है और यह दूर तक सड़क पर ही जमा है। जल्द ही नाला पूरा नहीं हुआ तो फिर सड़क टूटने की नौबत आ जाएगी।
दिल्ली-रोहतक रोड पर नाला अभी पूरा नहीं हो सका है। इसमें चार बिजली खंभे और 77 जगह पेड़ अड़चन हैं। जब ये हटेंगे, तभी नाले का काम पूरा होगा। दोनों को हटाने के लिए पैसा भी संबंधित विभागों के पास जमा करवाया जा चुका है, मगर अभी खंभे व पेड़ हटने का इंतजार है।
- अनिल रोहिल्ला, एक्सईएन, लोक निर्माण विभाग, बहादुरगढ़
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